Congress cornering BJP through wrestler Vinesh Phogat

पहलवान विनेश फोगाट के जरिये भाजपा को घेर रही कांग्रेस

Congress cornering BJP through wrestler Vinesh Phogat

Congress cornering BJP through wrestler Vinesh Phogat

Congress cornering BJP through wrestler Vinesh Phogat- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट के जरिये कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की रणनीति तैयार की है। 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को चक्रव्यूह में फंसाने के लिये इस रणनीति को अंजाम दिया गया है। इस रणनीति में कांग्रेस कितनी सफल होती है, यह 4 अक्टूबर को आने वाले नतीजों से पता चलेगा। पहलवान विनेश फोगाट के पैरिस ओलंपिक से दिल्ली पहुंचने पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने उनका जैसा स्वागत किया उससे स्पष्ट नजर आ रहा है कि विनेश फोगाट के मुद्दे को न केवल कांग्रेस विधानसभा चुनावों में भुनायेगी बल्कि भाजपा को इसे लेकर घेरेगी भी।

दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर हरियाणा तक के रोड शो में विनेश फोगाट का लोगों ने जबरदस्त स्वागत किया। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, अंशु मलिक और बजरंग पुनिया जैसे साथी पहलवानों के साथ, भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीडऩ के खिलाफ विरोध का एक मुखर चेहरा रही हैं। फोगाट ने कांग्रेस में आपस में उलझ रहे गुटों को भी एकजुट होने का एक मुद्दा दे दिया है।

भूपेंद्र हुडा, राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला और सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा जैसे कई नेता सार्वजनिक रूप से पहलवानों का समर्थन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि फोगाट को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता के बराबर मान सम्मान दिया जाए। भूपिंदर हुड्डा ने तो यहां तक कह दिया कि अगर उनके पास विधानसभा में संख्या बल होता तो वह पहलवान के लिए राज्यसभा सीट सुनिश्चित कर देते। नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि फोगाट के साथ रजत पदक विजेता के समान व्यवहार किया जाएगा, लेकिन आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के कारण इससे जुड़े भत्तों या पैसा दिये जाने पर रोक लगने की आशंका है।

बेसब्री से 1 अक्टूबर का लोग कर रहे इंतजार: हुड्डा

हरियाणा के लोग 1 अक्टूबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वे इस गैर-निष्पादित भाजपा सरकार को एक दिन के लिए भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। अक्टूबर चार, बीजेपी हरियाणा से बाहर (4 अक्टूबर को, बीजेपी बाहर हो जाएगी), पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा अब हर जगह यह बात दोहरा रहे हैं। कांग्रेस में नई आक्रामकता और जान हाल के लोकसभा चुनावों में उसके बढ़े हुए वोट शेयर से आई है, जहां उसने 2019 में 28 प्रतिशत से बढक़र 43 प्रतिशत वोट हासिल किए। उसने 10 साल बाद राज्य में अपना खाता भी खोला और 10 में से पांच सीटों पर जीत हासिल की। लोकसभा नतीजों के मुताबिक, हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 44 पर बीजेपी को सबसे ज्यादा वोट मिले। कांग्रेस 42 सीटों पर आगे रही। बाकी चार विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की सहयोगी रही आप आगे रही है।

एमएसपी को लेकर कांग्रेस, भाजपा पर साध सकती है निशाना

एक और मुद्दा जिस पर कांग्रेस भाजपा पर निशाना साध सकती है, वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की किसानों की मांग। हालांकि राज्य सरकार ने हाल ही में एमएसपी पर सभी 24 फसलों की खरीद की घोषणा की, लेकिन किसान इस कदम को सीधे सीधे राजनीतिक स्टंट करार दे रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी ने 24 जुलाई को हरियाणा और पांच अन्य राज्यों के किसान नेताओं से मुलाकात की और उनके मुद्दों को सुना, जबकि भूपिंदर हुड्डा ने प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन दिया है। भाजपा, जिसे लोकसभा चुनावों से पहले किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था, किसानों को खुश करने के लिए अपना काम करती दिख रही है। पिछले हफ्ते सैनी सरकार ने करीब 5.2 लाख किसानों के लिए 525 करोड़ रुपये के बोनस की पहली किस्त जारी की थी। इस साल मॉनसून में बारिश की कमी के बाद खरीफ फसलों की बुआई के लिए 2,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता की घोषणा की गई। भाजपा सरकार ने सत्ता विरोधी लहर को मात देने के प्रयास में कई अन्य कल्याणकारी योजनाओं की भी घोषणा की है, जिसमें सरपंचों को अधिक वित्तीय शक्तियां दी गई हैं, सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की प्रक्रियाओं में सुधार किया गया है और किसानों को एमएसपी दिया गया है।

अग्निपथ का मुद्दा भी भुना रही कांग्रेस

कांग्रेस ने भी अग्निपथ योजना के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान इसे खत्म करने का बार-बार वादा किया था। अग्निपथ योजना के कारण ही राज्य के युवा सेना में शामिल नहीं हो रहे हैं। पहले, लगभग 5,500 युवाओं की भर्ती की जाती थी, लेकिन अग्निपथ के माध्यम से, संख्या घटकर 900 हो गई है, जिनमें से केवल 200 चार साल बाद स्थायी रहेंगे। बाकी कहां जाएंगे, यह अपने आप में अहम सवाल है? हुड्डा ने कहा, वे केवल हजारों बेरोजगार युवाओं को जोड़ेंगे, जो स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आते हैं और सैनिक स्कूल, कुंजपुरा के पूर्व छात्र हैं। पिछले महीने, राज्य सरकार ने कांस्टेबल, खनन गार्ड, वन रक्षक, जेल वार्डन और विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) जैसी सरकारी नौकरियों में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की घोषणा की। हालाँकि, पहला पात्र बैच अपनी सेना सेवा के साथ 2026 में ही पूरी चार साल की सेवा कर लेगा । लोकसभा चुनावों की तरह, विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान में भी बेरोजगारी हावी रहने की संभावना है। हरियाणा कौशल रोजग़ार निगम के माध्यम से रोजग़ार गारंटी सहित राज्य सरकार के हालिया भर्ती अभियान, एमसीसी के कारण रुकने की आशंका है।