Ram Rahim- राम रहीम को जेल से बाहर निकालने पर विवाद; कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप- हरियाणा चुनाव में वोट बटोरने के लिए फरलो दी

राम रहीम को जेल से बाहर निकालने पर सियासी विवाद; कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप- हरियाणा चुनाव में वोट बटोरने के लिए फरलो दी

Congress Attacks On BJP Over Ram Rahim Furlough Haryana Vidhan Sabha Chunav

Congress Attacks On BJP Over Ram Rahim Furlough Haryana Vidhan Sabha Chunav

Ram Rahim Furlough: आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को फरलो मिलने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। हरियाणा की बीजेपी सरकार इन सवालों के घेरे में हैं। कहा जा रहा है कि, चुनाव के दरमियान राम रहीम का जेल से बाहर आना कोई संयोग नहीं है बल्कि चुनावी फायदे के लिए राम रहीम को जेल से बाहर निकाला गया है। राम रहीम को जेल से बाहर निकालने पर सियासी विवाद इस कदर बढ़ा हुआ है कि कांग्रेस खुलकर बीजेपी पर हमलावर है।

कांग्रेस का आरोप है कि डेरा प्रमुख पर वैसे तो सदा ही बीजेपी मेहरबान रही लेकिन फिलहाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले फरलो देकर वोट बटोरने की कोशिश की गई है। बता दें कि, डेरा प्रमुख का हरियाणा के कई जिलों के साथ साथ पंजाब में भी जबरदस्त प्रभाव है और वह प्रदेश की राजनीति पर लंबे समय से प्रभाव डालता रहा है।

गौरतलब है कि बलात्कार और हत्या के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बीते दिनों 21 दिन की छुट्टी पर रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद वह उत्तर प्रदेश में अपने बागपत आश्रम के लिए रवाना हो गया। इसके कुछ दिनों बाद ही हरियाणा में विधानसभा के चुनाव भी चुनाव आयोग ने घोषित कर दिये।

इसी समय को देखते हुए कांग्रेस हरियाणा की राजनीति पर सत्तासीन भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस और भाजपा में गुरमीत राम रहीम की रिहाई के समय को लेकर आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे हैं। डेरा प्रमुख का हरियाणा के कई जिलों पर प्रभाव है और डेरे से राज्य चुनाव में बीजेपी को मदद मिल सकती है। ऐसा पहले भी होता रहा है।

राज्य कांग्रेस प्रमुख उदयभान का कहना है कि भगवा पार्टी चुनाव जीतने के लिए कुछ भी हथकंडे अपना सकती है। राम रहीम की रिहाई को लेकर कांग्रेस आक्रामक जरूर है लेकिन उदयभान दावा ये भी कर रहे हैं कि डेरा प्रमुख की रिहाई से कांग्रेस की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि यह वोट पाने की उनकी (बीजेपी) रणनीति है। जनादेश पाने के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं और किसी भी हद तक जा सकते हैं। लेकिन अब जनता भगवा पार्टी का खेल पूरी तरह से समझ चुकी है। डेरा प्रमुख की रिहाई से चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

दूसरी तरफ जेल मंत्री रणजीत सिंह का कहना है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम की रिहाई में कोई राजनीति शामिल नहीं है। मामला हमारे पास भी नहीं आता है। 2022 अधिनियम हरियाणा अच्छे आचरण कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 के अनुसार संबंधित मंडल आयुक्त के पास फरलो का मामला जाता है और उनके द्वारा निर्णय लिया जाता है।

यहां बता दें कि डेरा सच्चा सौदा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, पंचकूला, अंबाला और कुरुक्षेत्र में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। इन इलाकों में राम रहीम का जबरदस्त प्रभाव है। राम रहीम को अक्सर चुनावों के आसपास छुट्टी या पैरोल दी जाती रही है।

इससे पहले राम रहीम को 14 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 7 फरवरी, 2022 को 21 दिन की फरलो पर रिहा किया गया था। राम रहीम को भाजपा शासनकाल के दौरान कई बार फरलो दी गई, हालांकि पार्टी के शीर्ष नेता व पूर्व मुखयमंत्री मनोहर लाल सदा यह दोहराते रहे कि नियमों के अनुरूप ही सब कुछ हो रहा है।

रिपोर्ट- साजन शर्मा