रामोजीराव हमें बंदूक की नोक पर धमकाया : मार्गादार्सी के सह-संस्थापक के बेटे की शिकायत
Ramojirao Threatened us at Gunpoint
(अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )
विजयवाडा :: (आंध्र प्रदेश) Ramojirao Threatened us at Gunpoint: आंध्र प्रदेश में जैसे-जैसे तेलुगु रेशम पार्टी के कर्ताधर्ता लोगों के एक-एक काली करतूतें और भ्रष्टाचार से जुड़ी एक-एक पत्ते खुल रहे हैं कुछ उस शासन के काल में हिम्मत नहीं कर पाए थे कि उनके साथ अन्याय हुआ अनैतिक ढंग से संपत्ति धन का गबन तेलुगू देशम पार्टी के कर्ताधर्ता लोग जो मीडिया से जुड़े हैं वह हद पार कर दी जब हाल में ही चंद्रबाबू नायडू और इनाडु के मालिक रामोजी राव उनकी बहू शैलजा किरण मार्गदर्शी के मामले में आरोपित हुए और प्रमाण सहित न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तो एक-एक करके अब लोग सामने आकर कोर्ट के दरवाजे खटखटा रहे हैं की हमारे साथ भी अन्याय हुआ स्वयं मार्गदर्शी चिटफंड कंपनी के डिप्टी सस्थापक के बेटे ही ने शिकायत करने सीआईडी के दफ्तर में शिकायत दी गई ।
इस घटना में चौंकाने वाली बात यह है कि इस परिवार के पूंजी से ही मार्गदर्शी की स्थापना हुई और रामोजी राव को इस आस्था के स्थापना के पहले जीजी रेडी के माध्यम से रामोजी राव को नवभारत कंपनी में नौकरी दिलाने वाला भी dj रेड्डी ही था जो नवभारत कंपनी का डायरेक्टर भी था सूत्रों से पता लगा जीजी रेडी मार्केट कमेंट पार्टी के अच्छे चाहते थे जिसके माध्यम से मीडिया की स्थापना हेतु पूंजी की आवश्यकता पर योजना बनाई और उस योजना में जीजी रेडी अपने पार्टी प्रचार के लिए अखबार को उपयोग करने के लिए मार्गदर्शन में यस तरीके से पूंजी जमा करवाता था जिसके माध्यम से विदेशी प्रिंटिंग मशीन भी खरीदी गई कहा
जब पूंजी निवेश बहुत ज्यादा हो गया प्रिंटिंग मशीन और समाचार पत्रों की स्थापना भी हो गई अपना होने के बाद बतौर संपादक के रूप में रामोजी राफे उसके बाद उनके मन में खटास आई और इस संपत्ति को हर्ट पुणे की योजना बनाया उसी योजना के तहत जीजी रेड्डी को कम निर्देशों का संबंध है कि इसे देशद्रोह का मामला बनाकर बाहर भगा दिया जाए यह सोच रामोजी राव के दिमाग में आई और उस समय एक संपादक के तौर से जितने उस के संपर्क में लोग थे उनसे अच्छा करके बताया कि देशद्रोह काम कर रहा है जीजी रेडी गलत सिखाते प्रस्तुत करने के वजह से उनको विदेश भागना पड़ा। जीजी रेडी सह मार्गदर्शी चिटफंड कंपनी के सह संस्थापक (पार्टनर) को देश से बाहर भगाने के लिए उनके ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर का समाचार पत्र के माध्यम से प्रचार कर उन्हें देश छोड़कर भागने की स्थिति लाया इतना ही नहीं देश की लोकप्रिय नक्सली संस्थान जुड़े श्रीकोंडपल्ली सीतारमैया मारर्किस्ट कम्युनिस्ट पार्टी के क्रियाशील रहे थे जो रामोजी राव के ग्रह निवास के पड़ोस निकट गांव कोंण्डपली सीतारामया का ही गांव था उस वक्त सीताराम आया जी के सिफारिश जीजी रेडी का परिचय हुआ फिर उन्हीं की सिफारिश से नौकरी भी प्राप्त किया था
रामोजी का शिक्षा 'एमबीए' क्या हुआ था डिग्री पास होने के बाद 2 साल घर पर बेरोजगार था गांव के बड़ों के द्वारा अरे कंडीशन पर आधार पर जी धीरे धीरे से नौकरी दिलाई थी
मार्गदर्शी की स्थापना की योजना बनाई और उसे योजना में विश्वास घात करने वाले रामोजी राव के सामने अब एक नया शिकायत सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के पास दस्तक दिया जिस जिस मार्गदर्शन संस्थान के बेटे पिता की मृत्यु के बाद अपना हिस्सा मांगने गए उन्होंने कहा आपके चाचा से ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेकिन तुम को पैसे दूंगा कहा चाचा से चर्चा कर पूरी बात बताई और उन्होंने noc पत्र बना कर दे दिया उसके बाद रामोजी राव ने कहा जब मैं बुलाऊंगा तुम सब आना मैं आपका काम कर दूंगा कहा कई दिन चक्कर काटने के बाद एक दिन अपने चेंबर में और बंदूक की नोक पर कुछ कागजों में दस्तक करने के लिए मजबूर किया मैं अकेला था कनपटी पर बंदूक रखकर मुझसे 10 करवाया कहा उस समय मैं यह शिकायत किया लेकिन तेलुगु दे संस्कार और रामोजी राव जिस के प्रचारक थे एंटी रामा राव के खास मेरा कोई बात नहीं सुनाई गई ऐसा ही समय चलेगा लेकिन मेरा तेलुगु रेशम के शासनकाल में कोई सहियोग नहीं किया गया बताया जो चेक जो पैसा निवेश किया गया और उसकी एग्रीमेंट भी हुई और स्थान कैसा है संस्थापक होने की पंजीकृत रजिस्ट्रेशन भी है उस समय की पूंजी निवेश से आज मार्गदर्शक आ आधे से अधिक हिस्सा इनको बनता है लेकिन गांव के बड़े-बड़े लोग जीजे रेड्डी के बेटे के समर्थन में कई बार गांव के प्रमुख जिनके साथ हुए अन्याय का कई बार अखबारों के माध्यम से प्रशासन को चेत आया लेकिन तेलुगु देसम पार्टी सरकार होने के वजह से और उनकी जाती बिरादरी के वजह से जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई बताया
यूरी रेड्डी ने आरोप लगाया कि रामोजी राव ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया और बंदूक से धमकाया और खाली स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया कहा अपनी शिकायत में, यूरी रेड्डी ने आरोप लगाया कि उनके हस्ताक्षर जाली थे और कंपनी में उनके सही 288 शेयर गलत तरीके से मार्गादारसी एमडी शैलजा किरण को हस्तांतरित कर दिए गए जो फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से ऐसा किया गया कहा। जेजी रेड्डी के बेटे ने अपील की कि रामोजी ने उन्हें धोखा दिया है और इसलिए अदालत और सीआईडी से न्याय मांगा रहा हूं कहा। यूरी रेड्डी ने अपने वकील शिवरामी रेड्डी के साथ विजयवाड़ा में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे गैरकानूनी और अनैतिक तरीके से शेयर ट्रांसफर किए गए।
यूरी ने कहा कि उनके पिता जे जे रेड्डी के निधन के बाद उनकी परेशानियां जारी रहीं। यूरी ने अपने बड़े भाई मार्टिन रेड्डी के साथ अपने उचित शेयरों के लिए रामोजी राव से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन हमें देख कर मुलाकात नहीं करते थे मुंह फेर के चले जाते थे । उन्होंने कहा कि 2016 में वे आखिरकार हैदराबाद में रामोजी राव से मिले। उन्हें उनके शेयरों के लिए लाभांश के रूप में एक चेक जारी किया गया था। हालाँकि, जब रेड्डी बंधुओं ने अपने शेयर प्रमाणपत्र मांगे थे, तो उन्हें एक कमरे के अंदर ले जाया गया, जहां उन्हें धमकी दी गई और उनके शेयरों को स्थानांतरित करने के लिए उनसे खाली स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कराए गए। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने बंदूक की नोक पर जबरन स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करा लिए थे। यूरी रेड्डी के अनुसार, यह रामोजी राव के यहाँ हुआ था जहाँ सभी पुरुष उनके थे।
कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार भी निजी कंपनी में शेयरों के हस्तांतरण में तीन चरण शामिल हैं 1. प्रस्ताव 2. स्वीकृति 3. विचार। शिकायतकर्ता यूरी रेड्डी का आरोप है कि उनके शेयरों का हस्तांतरण कानूनी तार्ज पर नहीं था क्योंकि उपरोक्त चरणों का किसी भी तरह से पालन नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कोई प्रस्ताव नहीं था क्योंकि उनका मार्गादारसी चिटफंड कंपनी के अपने शेयर बेचने का कोई इरादा नहीं था और दो, प्रस्ताव के लिए कोई स्वीकृति नहीं थी क्योंकि पहले स्थान पर कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया था और तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि कोई वित्तीय लाभ नहीं था। या हस्तांतरण क्रेता से विक्रेता को हुआ। यूरी रेड्डी ने आरोप लगाया कि मार्गादारसी चिट फंड में हमारे शेयर खरीदने का रामोजी राव का संस्करण पूरी तरह से निराधार और झूठ से भरा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्गादर्शी एमडी शैलजा किरण के पास 2017 तक मार्गादर्शी चिट फंड के केवल 100 शेयर थे, जबकि जेजे रेड्डी के पास 288 शेयर थे। शेयरों के उपरोक्त "अवैध" और "जबरदस्ती" हस्तांतरण के बाद ही, मार्गादारसी में शैलजा किरण के शेयर 388 शेयरों तक पहुंच गए। पीड़ित यूरी रेड्डी ने न्याय की मांग की और उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका और प्रशासन पर भरोसा है। इस प्रकरण पर हम चर्चा किए थे शिकायतकर्ता से उन्होंने कहामेरी शिकायत हम छुटपन मेंभी लोगों से गुहार लगाई लेकिन तेलुगू देशम पार्टी की सत्ता मेंहोने के वजह से हम कुछ कर नहीं पाए।
वे एक समाचार पत्र के मालिक और चिटफंड कंपनी के संस्थापक होने के वजह से हमारा कोई उस समय सहयोग नहीं किया अब हमें यह अवसर मिला भगवान की दया से अब हम शिकायत कर रहे हैं हमारी शिकायत पर जांच होनी चाहिए कहते हुए विनती किया पत्रकार वार्ता में।
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