मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झाँकी को जानबूझ कर शामिल ना करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा
Republic Day 2023
केंद्र सरकार के पंजाब विरोधी व्यवहार को अनुचित बताया
पंजाब को अपनी गौरवमयी उपलब्धियाँ दुनिया के सामने दिखाने की आज्ञा ना देकर केंद्र सरकार ने गहरी साजिश रची
भाजपा ने सोची-समझी साजिश के अंतर्गत पंजाब और दिल्ली समेत ग़ैर-भाजपायी राज्य परेड से बाहर रखे
चंडीगढ़, 25 जनवरी: Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस की परेड में राज्य की झाँकी को शामिल ना करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार(BJP led central government) की सख़्त आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान(Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) ने आज कहा कि केंद्र सरकार का यह पंजाब विरोधी व्यवहार अनुचित और ग़ैर-वाजिब है।
आज यहाँ जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल गणतंत्र दिवस परेड(Republic day parade) के जशनों में एक शानदार औपचारिक परेड शामिल होती है, जिसमें अलग-अलग राज्यों की झाँकी के द्वारा भारत जो अनेकता में एकता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत(rich cultural heritage) का प्रतीक है, को सम्मान भेंट किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस परेड में पंजाब अपने गौरवमयी इतिहास, समृद्ध विरासत, महान सभ्याचार और भारत के इतिहास में अपने अहम योगदान को दिखाने वाली झाँकी नियमित तौर पर पेश करता आ रहा है। भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत ही दुख वाली बात है कि अलग-अलग विषय जैसे ‘वतन के रखवाले’ के द्वारा भारत की सैन्य ताकत में और अन्नदाता के तौर पर पंजाब की महत्वता दिखाने, माई भागो जी की शौर्य को दिखाती ‘नारी शक्ति’ और सारागढ़ी की जंग के द्वारा बहादुरी और महान बलिदानों से भरे किस्सों के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की सत्कार योग्य घटनाएँ जैसे महत्वपूर्ण विषयों को चयन समिति के समक्ष रखने के बावजूद पंजाब की झाँकी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए नहीं चुना गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे चयन समिति ने विचारों की सराहना भी की थी, परन्तु यह दुख की बात है कि समूचे विश्व समेत इस महान देश के लोग पंजाब द्वारा दर्शाए जाने वाले समृद्ध सभ्याचार और इतिहास से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने याद करवाया कि हमारी मातृभूमि को ब्रिटिश साम्राज्यवाद से आज़ाद करवाने के लिए पंजाबियों ने बड़े बलिदान दिए हैं। भगवंत मान ने कहा कि देश की आबादी का केवल दो प्रतिशत होने के बावजूद आज़ादी की लहर के दौरान 80 प्रतिशत शहीद पंजाबी थे, जिनको या तो फांसी पर चढ़ाया गया या देश निकाला कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद भी पंजाबियों ने देश की खुशहाली और सर्वांगीण विकास के साथ-साथ देश की सरहदों की बाहरी हमलों से रक्षा करने में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों की इस शानदार भूमिका को झाँकी के द्वारा दिखाना चाहती थी। भगवंत मान ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि केंद्र सरकार ने पंजाब को अपनी उपलब्धियाँ दुनिया को दिखाने की इजाज़त ना देकर गहरी साजिश रची है।
मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि चाहे देश अपनी आज़ादी का 75वां वर्ष मना रहा है परन्तु जिनके कारण देश को आज़ादी मिली है, केंद्र सरकार उन देश-भक्तों पर ही संदेह प्रकट कर रही है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की संकुचित मानसिकता को दिखाता है जो देश के मामलों का नेतृत्व कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि भाजपा सरकार शायद राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के योगदान को दिखाने से हिचकिचा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत हैरानीजनक है कि उत्तरी भारत से केवल भाजपा शासित राज्यों को ही गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने की इजाज़त दी गई है। उन्होंने कहा कि ग़ैर-भाजपा शासन वाले राज्यों ख़ासकर पंजाब और दिल्ली को भाजपा ने जानबूझ कर परेड से बाहर रखा है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब और पंजाबियों के साथ इस तरह का पक्षपाती रवैया अति-निंदनीय और असहनीय है।
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