सीएम सुक्खू डेनोटिफिकेशन के मुद्दे पर तर्क विहीन और केवल भाषण बाजी कर रहे विपक्ष नेता
CM Sukhu denotification the opposition leader is without logic and only making speech.
शिमला: प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन की शुरआत फिर काम रोको प्रस्ताव के साथ हुई। विपक्ष की तरफ से सुखराम चौधरी ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव के अंदर प्रदेश में संस्थानों के डेनोटिफिकेशन को लेकर चर्चा की मांग की। इसके बाद प्रश्नकाल को स्थगित कर के सरकार के संस्थानों को बंद करने के फैसले पर सदन में चर्चा हुई। चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जम कर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। विपक्ष ने सरकार पर कई महत्वपूर्ण संस्थानों को बंद करने का आरोप लगाया और व्यवस्था परिवर्तन पर भी सवाल उठाए। जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा के नेता तर्कों पर बहस नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा की विपक्ष नेता केवल भाषण बाजी करने का आरोप लगाया।
चर्चा के बीच सदन की कार्रवाई को दोपहर के भोजन तक के लिए स्थगित कर दिया गया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस दौरान सरकार के संस्थान बंद करने के फैसले पर सदन में जारी चर्चा पर बोलते हुए कहा कि विपक्ष के लोग दूसरे दिन भी काम रोको प्रस्ताव लेकर आए लेकिन तर्क पर बहस नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक विपक्ष के लोग खुद नहीं समझ पाए हैं कि कहां से स्थान बंद करनी है तो कौन से संस्थानों को खोलना है। सीएम सुक्खू ने कहा कि होली में 2 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से टूटे हुए पुल को दोबारा बना दिया गया और यही व्यवस्था परिवर्तन है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा की काम रोको प्रस्ताव किसी बड़ी घटना या किसी ज़रूरी मुद्दे को लेकर लाया जाता तो बेहतर होता।