मुख्यमंत्री ने चम्बा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम और अन्य विकास कार्यों की समीक्षा की
मुख्यमंत्री ने चम्बा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम और अन्य विकास कार्यों की समीक्षा की
चम्बा।
प्रदेश सरकार के अधिकारियों को चम्बा जिला में चल रही विकासात्मक परियोजनाओं को निर्धारित समय अवधि के भीतर पूरा करने के लिए अधिक प्रतिबद्धता और उत्साह के साथ कार्य करना चाहिए ताकि जिला के लोग लाभान्वित हो सकें। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चम्बा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम एवं अन्य विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने नीति आयोग के माध्यम से पूरे देश में 112 ऐसे जिलों का चयन किया है जो कि विकास के मामले में सबसे पिछड़े हुए हैं और इन जिलों को आकांक्षी जिला नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत चम्बा जिला को शामिल किया गया है क्योंकि यह अनुभव किया गया कि यह एक दूर-दराज और कठिन जिला है और यहीं विकास के मामले में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिला का समावेशी और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए 22 जनवरी, 2018 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा चम्बा जिला में आकांक्षी जिला कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत पारदर्शी मापदंडों के आधार पर गरीबी, अपेक्षाकृत कमजोर, कुपोषण शिक्षा की स्थिति और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे आदि के संदर्भ में नागरिकों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक समग्र सूचकांक तैयार किया गया था।
जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए और विभिन्न पैरा कार्यकर्ता जैसे कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता आदि को भी संस्थागत प्रसव के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक एवं शिक्षित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न योजनाएं आरम्भ की हैं। इसके अलावा केंद्रीय योजना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए क्योंकि इससे न केवल उनकी कृषि उपज बल्कि आय भी बढ़ेगी। उन्होंने अधिक से अधिक क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत लाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि किसानों को बेमौसमी फसलों और सब्जियों की खेती के लिए प्रेरित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने जिला के कुछ भागों में कमजोर दूरसंचार एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी पर चिंता व्यक्त करते हुए बीएसएनएल, एयरटेल और जियो के अधिकारियों को जिला में बेहतर क्नेक्टिविटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सड़क सम्पर्क मजबूत करने के लिए विभिन्न ग्रामीण सड़कों के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चूंकि जिला के कुछ क्षेत्रों में काम करने के लिए सीमित मौसम होता है इसलिए मिशन मोड पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में प्रमुख विभागों में रिक्त पद प्राथमिकता के आधार पर भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी कार्यशील पदोें को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए ताकि कर्मचारी की कमी के कारण जिला में विकास की गति प्रभावित न हो। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए विशेष बल देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि चम्बा जिला ने विभिन्न संकेतकों में उल्लेखनीय प्रगति की है और नीति आयोग ने डेल्टा रैकिंग में बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन के रूप में चम्बा जिले के लिए विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
उपायुक्त चम्बा डी.सी. राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि मार्च 2019 में जिले को स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए देश भर में दूसरा प्राप्त करने के लिए नीति आयोग द्वारा 3 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि नवम्बर, 2020 में जिले को बुनियादी ढांचे में बेहतरीन रैकिंग प्राप्त हुई है और नीति आयोग से प्रोत्साहन के तौर पर 3 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि सितम्बर, 2021 में जिले को समग्र रूप से अच्छी रैंक मिली, जिसके लिए प्रोत्साहन के रूप में 2 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) मद में लगभग 26.38 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, यह राशि सुधार पर व्यय की जा रही है। उन्होंने कहा कि एन.एच.पी.सी. द्वारा सीएसआर के तहत लगभग 15 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई थी, जिसका उपयोग मेडिकल कॉलेज चम्बा में एम.आर.आई. और सीटी स्कैन मशीन स्थापित करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि आर.ई.सी. द्वारा 3.27 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं, जिसका उपयोग 19 स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाओं के निर्माण के लिए किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन आकांक्षी जिला कार्यक्रमों में अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए अधिक तत्परता के साथ कार्य करेगा और चल रही परियोजनाओं को भी निर्धारित समय अवधि के भीतर पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से जिले में विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज और मुख्य सचेतक विक्रम जरयाल ने भी अपने सुझाव दिए और विकास से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों को रेखांकित किया।
सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, चम्बा के विधायक पवन नैयर, भरमौर के विधायक जिया लाल, विपणन समिति के अध्यक्ष डी.डी. ठाकुर और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।