कोरोना की तीसरी लहर के बीच, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को लगभग पूरी तरह से किया अनलॉक
कोरोना की तीसरी लहर के बीच, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को लगभग पूरी तरह से किया अनलॉक
दिसम्बर से बन्द पड़े स्कूलों में अब आएंगी रौनकें
पटना (बिहार) : जिस तरह से कोरोना की तीसरी लहर को मौत का पर्याय बताया जा रहा था, वैसी स्थिति देश के किसी भी प्रांत की नहीं हुई। ऐसे में, बिहार में संक्रमण की तीसरी लहर थमने के बाद, नीतीश सरकार ने रविवार को क्राईसिस मैनेजमेंट के साथ बैठक कर के राज्यवासियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। बिहार सरकार ने कोरोना गाईडलाईन्स से कैद बिहार को, एक तरह से अनलॉक कर दिया है। कोरोना वायरस की तीसरी लहर के दौरान जितनी पाबन्दियाँ लगाई गईं थीं, उनमें से ज्यादातर को सरकार ने अब खत्म कर दिया है। राज्य में अब तो ना तो नाईट कर्फ्यू लागू रहेगा और ना ही बाजार पर कोई पाबंदी रहेगी।
हालांकि अभी भी शादी विवाह, अंतिम संस्कार जैसे समारोह में आने वाले लोगों के ऊपर सँख्या की मामूली पाबंदी जरूर लगा कर रखी गई है। अब शादी-विवाह और अंतिम संस्कार जैसे मौकों पर 50 की जगह अधिकतम 200 लोग शामिल हो पाएंगे। सरकार ने राज्य के सभी दुकानों, प्रतिष्ठानों शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थलों को भी खोलने का फैसला किया है। हालांकि पार्क और दूसरे तरह के उद्यानों पर अभी भी थोड़ा अंकुश रहेगा। पूरी तरह से बन्द ऐसे प्रतिष्ठान, अब सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक पाएंगे। सिनेमा हॉल, क्लब, जिम, स्टेडियम, स्विमिंग पुल और रेस्टोरेंट को 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ चलाने की ईजाजत दी गयी है। गौरतलब है कि बिहार में धार्मिक स्थलों को पूरी तरह से बंद रखा गया था। लेकिन अब सरकार की तरफ से लगाई गई पाबंदियों में छूट के बाद श्रद्धालु भगवान की पूजा भी कर पाएंगे। बंदिश के दौरान धार्मिक स्थलों में केवल पुजारियों और दूसरे धर्म गुरुओं को ही पूजा-ईबादत की ईजाजत थी। सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए अभी भी लोगों को मास्क का इस्तेमाल करने और सामाजिक दूरी का पालन करने की सख्त सलाह दी है।
बिहार के स्कूलों में अब लौटेंगी रौनकें
तीसरी लहर के दौरान 6 दिसंबर से राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला किया गया था। अब दो महीने बाद सरकारी स्कूलों में रौनक लौटने जा रही है. सरकार ने नौवीं क्लास और उसके ऊपर के स्कूल कॉलेज और अन्य प्रकार के शिक्षण संस्थान जैसे कोचिंग को बिना किसी पाबंदी के चलाने का फैसला किया है। हाँलाँकि, सरकार ने आठवीं क्लास तक के स्कूलों को 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खोलने का फैसला लिया है। जाहिर से बात है कि छात्र और छात्राओं की पढ़ाई, काफी हद तक प्रभावित हो रही थी। अब राज्य में शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौटने की उम्मीद जग गई है। सरकार के इस फैसले के बाद, मौजूदा सत्र में जो बच्चे अब तक ऑनलाइन एग्जाम दे रहे थे, उनके उनके ऑफलाइन एग्जाम की संभावना बढ़ गई है। सरकार का यह कदम, बेहद स्वागत योग्य और साहसिक है।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह