Citizens groups submitted green manifesto to political parties

सिटीजंस ग्रुपों ने की राजनीतिक पार्टियों को सौंपा हरित घोषणापत्र: मेनीफेस्टो में शामिल हों हरियाणा को हरा भरा रखने के मुद्दे

Citizens groups submitted green manifesto to political parties

Citizens groups submitted green manifesto to political parties

Citizens groups submitted green manifesto to political parties- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले, सिटीजन ग्रुपों ने प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को एक हरित घोषणापत्र सौंपा है, जिसमें उनसे अपने चुनावी वादों में पर्यावरण के मुद्दों को शामिल करने के लिए कहा गया है। पीपल फॉर अरावली की संस्थापक सदस्य नीलम अहलूवालिया ने कहा कि दस्तावेज़ में नागरिकों की मांगों का उल्लेख किया गया है, जिसमें हरियाणा में बेहद कम वन, वृक्ष आवरण की सुरक्षा, अरावली, शिवालिक और राज्य के खुले प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का पूरी तरह से संरक्षण, सतही जल और भूजल उपलब्धता में सुधार सहित जलवायु अनुरूप लचीली कृषि व्यवस्था को लागू करना, स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करना, वायु प्रदूषण को कम करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दे हरित हरियाणा  लिये बहुत जरूरी है। प्रदूषण व अच्छे पर्यावरण की मांग को लेकर अगर पार्टियां सामने आती हैं तो यह आने वाली पीढिय़ों को एक धरोहर होगी। घोषणापत्र में शामिल प्रमुख मांगों में से एक यह है कि पारिस्थितिक योजना और डिजाइन सोच को हरियाणा में सभी विकास नीतियों, परियोजनाओं और योजनाओं की नींव बनाया जाए। ग्रामीण अंचल के लोगों की दलील है कि हमारे पूर्वजों ने हर गांव में एक जोहड़ और बानी की जो विरासत छोड़ी थी, उसे हमारी आने वाली पीढिय़ों की रक्षा के लिए पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। हमारी सामान्य भूमि पर किसी भी सरकारी या निजी भवन का निर्माण नहीं होना चाहिए। हम यह भी मांग करते हैं कि हरियाणा के सभी प्रदूषित तालाबों और अन्य जल निकायों को साफ किया जाना चाहिए और ग्रामीण और शहरी हरियाणा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाने चाहिए।

रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल इलाके के दर्जनों ग्रामीणों की दलील है कि  नई सरकार बनने के बाद, राज्य को पर्यावरण की दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए हरियाणा ग्रीन मेनिफेस्टो 2024 को एक ब्लूप्रिंट के रूप में उपयोग किया जाता है। जलवायु के अनुकूल हरियाणा और विभिन्न जिलों में सक्रिय ग्रामीण और शहरी नागरिकों, विविध पृष्ठभूमि के पर्यावरण विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों के सहयोग से एक कार्य योजना तैयार की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हरियाणा ग्रीन मेनिफेस्टो 2024 में उल्लिखित मांगों को वास्तविकता में कैसे परिवर्तित किया जा सकता है।

हरित मुद्दों को लेकर  पार्टियां अब बैकफुट पर

हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में भले ही कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठ रहे हों लेकिन सिटीजंस ग्रुपों ने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को हरियाणा हरित मुद्दों को अपने घोषणापत्रों में शामिल करने को लेकर बैकफुट पर ला दिया है। कई राजनीतिक दलों ने अलग-अलग क्षेत्रों के हितधारकों से फीडबैक लेने के बाद घोषणापत्र तैयार किया था उसमें लोगों की इस आवाज को भी शामिल किया जा रहा है। फीडबैक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को घोषणापत्र सौंप दिया गया है। इनका फाइनल स्वरूप जल्द ही लोगों के सामने होगा। बीते कई दिनों से राजनीतिक दल घोषणापत्र तैयार करने को लेकर जो कसरत कर रहे थे। बताया जा रहा है कि राज्य के चुनाव में जो प्रमुख पार्टियां उतर रही हैं, उन्होंने मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की बात कही है। विशेषज्ञों की इस पर राय ली जा रही है। जानकारी के अनुसार हरियाणा के कुल 22 जिलों में से राजनीतिक पार्टियों ने 17 जिलों के लोगों से घोषणापत्र तैयार करने को लेकर अलग अलग मुद्दों का फीडबैक हासिल किया। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समेत आम आदमी पार्टी, इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो), जननायक जनता पार्टी (जजपा) और अन्य पार्टियों ने घोषणापत्र जारी करने से पहले विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की राय जानने की कोशिश की।