Children will also soon be virtual, bring home a son or daughter of desired quality

बच्चे भी होंगे जल्द वर्चुअल, मनचाही खूबी वाला बेटा या बेटी घर लाएं

Child-&-Mother

Children will also soon be virtual, bring home a son or daughter of desired quality

लंदन। आपने शादी नहीं की, मगर बच्चा तो चाहिए अपने जैसा! कोई बात नहीं। पत्नी बच्चा चाहती है, मगर प्रेग्नेंट होने का कष्ट नहीं सहना! बच्चा हो, पले-बढ़े, खूब प्यार करे...बस, इस महंगाई में अलग से खर्च न कराए! आज कोई ऐसी बात करे तो लोग चकराएंगे, लेकिन आने वाले वक्त में इन पंक्तियों को बोलने या लिखने वालों पर आश्चर्य नहीं होगा। सीधे कहेंगे कि ऐसा बच्चा चाहिए। उन्हें मिलेगा। एकमुश्त पैसा देकर भी और संभव है कि किराए पर भी।

आप सोच रहे होंगे कि यह रोबोट ही होगा, तो आप गलत हैं। दरअसल, यह सब मेटा यानी आभासी दुनिया में संभव होगा। हालांकि, इनका स्वरूप वास्तविक जैसा होगा। इनमें भावनाएं भी होंगी। बिहेवियरल साइकोलॉजिस्ट और ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरेक्शन के क्षेत्र की जानी-मानी एक्सपर्ट कैट्रिअना कैंपबेल ने अपनी नई किताब में यह खाका पेश किया है।

कैंपबेल ने बताया है कि अगले 50 सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ऐसे तमागोची किड्स लाएगा, जिन्हें हर कोई हमारी-आपकी तरह स्वीकार करेगा। ये किड्स जिस माहौल में रहेंगे, एआई के कारण उस हिसाब से ही काम करेंगे। 3डी फीलिंग के जरिए जादू की झप्पी देंगे। खुशी में खुश भी होंगे और चोट लगने पर रोने का एहसास भी कराएंगे।

2001 में एक्सपीरियंस डिजाइन के क्षेत्र में बड़ा प्रयोग कर ईवाई-सेरेन जैसी कंपनी बनाने वाली कैंपबेल बताती हैं कि तमोगोची किड्स इतनी उच्च कोटि के होंगे कि वास्तविक दुनिया के बच्चों और इनके बीच अंतर मुश्किल होगा। एआई की रिसर्च के आधार पर कैंपबेल का अनुमान है कि ऐसी स्थितियां बन जाएंगी कि तमोगोची जनरेशन के बच्चे उसी तरह स्वीकार होंगे, जैसे जापान में डिजिटल पशु स्वीकार किए गए थे।

भले ही भावनाएं होंगी, लेकिन तमागोची किड्स आपकी इच्छा पर ही लाइव रहेंगे। आप इन्हें ऑर्डर देकर बनवाएंगे। मन करे तो घर लाएं और मन भरे तो वापस भी कर सकेंगे। हां, बार-बार इन्हें ऑफ-ऑन करते रहेंगे तो भावनात्मक जुड़ाव नहीं होगा और यह नहीं हुआ तो उपयोगिता भी नहीं होगी।