Chief Minister will inaugurate hot air balloon safari in Pinjore on 8th November

Haryana : मुख्यमंत्री 8 नवंबर को पिंजौर में करेंगे हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ, मोरनी के बाद टूरिज्म का नया केंद्र बनेगा हथनीकुंड, 

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Chief Minister will inaugurate hot air balloon safari in Pinjore on 8th November

Chief Minister will inaugurate hot air balloon safari in Pinjore on 8th November: चंडीगढ़। भारतीय प्राचीन संस्कृति व आध्यात्मिक दृष्टि से पहचान रखने वाले हरियाणा ने पिछले 9 वर्षों में पर्यटन व तीर्थाटन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। देश की जनसंख्या का 2 प्रतिशत से भी कम प्रतिनिधित्व करने वाला हरियाणा राज्य आज कई क्षेत्रों में देश व विश्व में अपनी धाक जमा चुका है। भले ही पर्यटन की दृष्टि से यहां कम संभावनाएं हों, परंतु विगत 9 वर्षों से मुख्यमंत्री ने हरियाणा को साहसिक खेल गतिविधियों की ओर अग्रसर किया है। मुख्यमंत्री का संकल्प हरियाणा को टूरिज्म के मानचित्र पर अलग पहचान दिलाना है।

मुख्यमंत्री, जो स्वयं साहसिक खेल गतिविधियों में रूचि रखते हैं, ने शिवालिक पर्वत श्रृंख्ला को साहसिक खेल गतिविधियों का केंद्र बनाया है। मोरनी हिल्स के पास टिक्करताल क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स  एक्टिविटी, जेट स्कूटर, पैरा सेल्लिंग औऱ ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर खेलों की शुरुआत करने के बाद अब पिंजौर को भी पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री 8 नवंबर, 2023 को पिंजौर में हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ करेंगे। इससे एक ओर जहां पर्यटकों को पहले से चल रही पर्यटन की गतिविधियों के अलावा उनकी यात्रा में नया अनुभव साझा करने को मिलेगा तो वहीं पिंजौर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से भी अवगत हो सकेंगे।

देवभूमि हिमाचल का गेट-वे माने जाने वाले पिंजौर का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है, इसे महाभारत कालीन स्थल भी माना जाता है। यह स्थल अपने भीतर हजारों वर्ष पुराने प्राचीन इतिहास को संजोए हुए है। यहां जगह-जगह प्राचीन इतिहास के अवशेष विद्यमान हैं। ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान अज्ञातवास का एक बड़ा समय यहां बिताया था, जिसके प्रमाण आज भी पिंजौर में देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं, यहां स्थित यादविंद्रा गार्डन, जिसे पिंजौर गार्डन भी कहा जाता है, जो बेहद प्रसिद्ध है। यह मुगल गार्डन शैली का एक उदाहरण है।

पर्यटकों को हथनीकुंड बैराज के तौर पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए मिलेगा नया स्थान

मुख्यमंत्री ने जिला यमुनानगर में सांस्कृतिक रूप से पहचान रखने वाले व धार्मिक स्थलों जैसे आदीबद्री , लोहागढ़, कपालमोचन, माता मंत्रा देवी सहित अनेक स्थलों को विकसित करने का बीड़ा उठाया है। पवित्र सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदीबद्री को नई पहचान दिलाने की कड़ी में कई प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने सरस्वती हैरिटेज बोर्ड का भी गठन किया है। साथ ही, यहां बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहागढ़ को भी पर्यटन के तौर पर विकसित किया जा रहा है। अपने इन्हीं प्रयासों की कड़ी में मुख्यमंत्री 8 नवंबर, 2023 को हथनीकुंड बैराज में भी वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी का शुभारंभ करेंगे। साहसिक खेल गतिविधियों में रुचि रखने वाले पर्यटकों को अब टिक्करताल के बाद हथनीकुंड बैराज के तौर पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए नया स्थान मिलेगा।

मोरनी हिल्स बन रहा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

हरियाणा में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने व पंचकूला के मोरनी हिल्स में इको-टूरिज्म को बढ़ाने के लिए वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के अलावा ट्रैक, माउंटेन बाइकिंग ट्रैक और कई अन्य गतिविधियों की भी पहचान की गई है। साथ ही मोरनी हिल्स में इको-टूरिज्म को बढ़ाने के लिए वन विभाग को भी जोड़ा गया है। विभाग की ओर से इको-टूरिज्म इवेंट कैंपिंग साइट, ऑफ-रोड ट्रेवलिंग, हर्बल वाटिका की यात्रा इत्यादि की शुरुआत की गई है।

शिवालिक व अरावली पर्वत श्रृंखलाएं हैं हरियाणा की पहचान

वनों की दृष्टि से हरियाणा में शिवालिक व अरावली पर्वत श्रृंखलाएं हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विगत 9 वर्षों में इन पर्वत श्रृंखलाओं को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कई नई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया है। इसी कड़ी में कालका से कलेसर तक के क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की भी योजना बनाई है। इसके लिए लगभग 1200 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, अरावली पर्वत श्रृंखला पर पडऩे वाले ढोसी के पहाड़ को भी तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर चवन ऋषि जैसे महान तपस्वी हुए हैं। इसलिए इसकी अपनी आध्यात्मिक पहचान भी है। इसके अलावा,  यहां एयरो स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए भी पैराग्लाइडिंग की संभावनाओं का अध्ययन किया जा रहा है। जिला महेंद्रगढ़ में माधोगढ़ में बना किला भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है।

हरियाणा में बन रही दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप आज हरियाणा में विश्व के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए व्यापक स्तर पर रोडमैप तैयार किया जा रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा अरावली पर्वत श्रृंखला में पडऩे वाले गुरुग्राम व नूंह जिलों की 10,000 एकड़ भूमि पर दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित किया जा रहा है। इसके बनने के बाद एक ओर जहां अरावली पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर गुरुग्राम व नूंह क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग पर्यटन के लिए इस जंगल सफारी में आएंगे, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। पर्यटन से जुड़े कई अहम  प्रोजेक्ट चल रहे हैं और निश्चित रूप से हरियाणा देश में टूरिज्म के मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल होगा।

 

 

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