मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की बीज बम अभियान सप्ताह की शुरुआत, कहा - मानव वन्यजीव संघर्ष को थामने में होगा सहायक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की बीज बम अभियान सप्ताह की शुरुआत, कहा - मानव वन्यजीव संघर्ष को थामन
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में 'बीज बम अभियान सप्ताह' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री धामी ने कहा कि यह अभियान हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान 'जाड़ी' द्वारा शुरू किया गया है जो कि आज से 15 जुलाई तक चलेगा। इस अवसर पर श्री धामी ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित पुस्तक 'हिमालयी जन सरोकार' का विमोचन भी किया।
उन्होंने कहा कि जाड़ी द्वारा द्वारिका प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में बीज बम अभियान की शुरूआत, मानव एवं वन्य जीव संघर्ष को कम करने की दिशा में सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि समय के साथ जैव विविधता प्रभावित हो रही है। जंगली जानवरों को जंगलों में खाद्य की उपलब्धता हो, इस दिशा में बीज बम अभियान एक अच्छा प्रयोग है। यह वैज्ञानिक तरीके से चलाया जा रहा अभियान है, जिसमें खर्चा भी बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि कोई भी अभियान जन भागीदारी से ही बड़ा अभियान बनता है। सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान तभी सफल होते हैं, जब उनमें अधिक से अधिक जन सहभागिता हो। उन्होंने कहा कि हम अपनी आने वाली पीढियों को पर्यावरण संरक्षण एवं संवद्र्धन कर क्या दे सकते हैं, इस बारे में सबको गम्भीरता से सोचना होगा एवं इस दिशा में तेजी से आगे बढने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इकोलॉजी के संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार अनेक कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड में सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) का आकलन किया जा रहा है। राज्य सरकार इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में सामंजस्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों, संस्थानों एवं सामाजिक क्षेत्र से लोगों द्वारा प्रदेश हित में क्या किया जा सकता है, इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। राज्य के समग्र विकास के लिए विचारों की श्रृंखला 'बोधिसत्व' कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े बुद्धिजीवियों के सुझाव लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीज बम अभियान को व्यापक स्तर तक ले जाना होगा। इस अवसर पर डॉ. मोहन सिंह रावत 'गांववासी' बीज बम अभियान के संस्थापक द्वारिका सेमवाल, पूर्व प्रमुख वन संरक्षक जयराज, मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी प्रशांत आर्य, कुलपति एस.जी.आर.आर यूनिवर्सिटी डॉ. यू. एस. रावत, प्रो. एम.एस.पंवार, प्रो. एम.एस.एम. रावत, डॉ. अरविन्द दरमोड़ा, एम्स ऋषिकेष से डॉ. संतोष, सावित्री उनियाल एवं वर्चुअल माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों से जुड़े अधिकारी इस अभियान में शामिल थे।