आज विभागों के बंटवारे पर नजर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया होमवर्क पूरा, मंत्रियों को बेसब्री से इंतजार
आज विभागों के बंटवारे पर नजर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया होमवर्क पूरा, मंत्रियों को बेसब्र
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विभागों के बटवारे के मोर्चे पर एक बार फिर परीक्षा देंगे। आठ मंत्रियों के साथ बीते बुधवार को शपथ लेने के बाद धामी इसे लेकर होमवर्क में जुटे हैं। बड़े और महत्वपूर्ण विभागों का अंबार मुख्यमंत्री अपने पास रखेंगे या सहयोगी मंत्रियों को साझीदार बनाएंगे, इससे पर्दा उठने का इंतजार किया जा रहा है।
मंत्रियों के चयन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को ध्यान में भले ही रखा गया हो, लेकिन विभागों की जिम्मेदारी उनकी क्षमता का आकलन करते हुए सौंपना किसी चुनौती से कम नहीं है। 2024 में होने वाले आम चुनाव में विभागों का कामकाज और मंत्रियों का प्रदर्शन ही पार्टी की नैया पार लगाने में काम आने वाला है।
धामी मंत्रिमंडल में शामिल आठ सदस्यों में पांच पुराने चेहरे हैं, जबकि तीन नए सदस्य शामिल हुए हैं। चुनाव से महज सात महीने पहले मुख्यमंत्री पद का जिम्मा संभालने के दौरान धामी अपने सहयोगियों को भारी-भरकम समझे जाने वाले विभाग बांटकर सूझबूझ का परिचय दे चुके हैं।
अब दूसरी बार सरकार के मुखिया की पारी संभालने का मौका उन्हें शुरुआती दौर से मिला है। ऐसे में धामी विभागों के बटवारे को लेकर अपने पुराने फार्मूले को अपनाएंगे या इसमें बदलाव होगा, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
धामी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
प्रदेश में दो-तिहाई बहुमत के साथ भाजपा को लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का मौका मिला है। विकास की जनाकांक्षाओं का अंबार है। भाजपा हाईकमान ने युवा पुष्कर सिंह धामी के कंधों पर दोबारा बड़ी जिम्मेदारी डाल दी है। इस दबाव को धामी महसूस कर रहे हैं। तीन दिन गुजरने के बाद भी विभागों का वितरण न हो पाना इसकी तस्दीक कर रहा है।
मलाईदार विभागों का आकर्षण ऐसा है कि अनुभवी ही नहीं, नए बने मंत्री भी इन्हें पाने को जुगत बिठा रहे हैं। विभागों को सौंपने के मुख्यमंत्री और पार्टी हाईकमान के फार्मूले पर उनकी फिर से परख होनी है।
कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष से अधिक समय तक प्रदेश का विकास प्रभावित हुआ है। अब स्थिति सुधरने के साथ विकास कार्यों को पटरी पर लाना होगा। चुनाव में भाजपा की नैया पार लगाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अच्छा काम करने का मंत्र मुख्यमंत्री और उनकी टीम को दे भी चुके हैं।
विभागों के बटवारे की ये है कसौटी:
युवा मुख्यमंत्री धामी को राजनीतिक और विकास, दोनों ही मोर्चे पर संतुलन साधना है। विभागों को बांटने में उनकी यह मशक्कत दिखाई भी दे रही है। मंत्रियों के अनुभव व वरिष्ठता के साथ योग्यता व क्षमता को भी परखा जा रहा है। पिछले कार्यकाल में प्रदर्शन भी पुराने मंत्रियों को विभाग बांटने का एक आधार रहना तकरीबन तय है। पार्टी में सक्रियता व संघ निष्ठा को वरीयता दी जाएगी।
इन महत्वपूर्ण विभागों पर हैं नजरें:
स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, पेयजल, ऊर्जा, उद्योग व खनन, वित्त, नियोजन, गृह, आपदा प्रबंधन, खाद्य व नागरिक आपूर्ति, आबकारी, ग्राम्य विकास, विधायी व संसदीय कार्य, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा।