मुख्यमंत्री धामी ने कहा- पिछली यात्रा ऐतिहासिक रही, इस बार भी रिकॉर्ड तोड़ेगी
Char Dham Yatra 2023
Char Dham Yatra 2023: दरकते और डूबते जोशीमठ के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने दावा किया है कि आगामी 2023 की चार धाम यात्रा पर जोशीमठ शहर का कोई असर नहीं पड़ेगा. धामी ने दावा किया है कि बद्रीनाथ धाम की यात्रा(Badrinath pilgrimage) की तैयारियां जोशीमठ की समस्या से प्रभावित नहीं होंगी.
छह महीने के शीतकालीन अवकाश(winter vacation) के बाद साल 2023 के लिए चार धाम यात्रा 22 अप्रैल को शुरू होने वाली है. भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7.10 बजे खुलेंगे. इस साल बड़े बद्रीनाथ धाम का प्रवेश द्वार जोशीमठ का एक बड़ा हिस्सा भू-धंसाव से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है. जोशीमठ में कई इमारतों और सड़कों पर दरारें आ गई हैं. यहां प्रभावित घरों के कई निवासियों ने अपना घर खाली कर दिया है और अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं.
यात्रा की तैयारियों पर नहीं पड़ेगा जोशीमठ का असर / Joshimath will not affect the preparations for the yatra
लेकिन, उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि बद्रीनाथ धामयात्रा की तैयारी प्राचीन शहर में समस्याओं से प्रभावित नहीं होगी.बद्रीनाथ यात्रा शुरू होने में लगभग 100 दिन बचे हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी तैयारियां पूरी हो जाएं. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाना है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले साल रिकॉर्ड श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आए और इस साल भी हमें श्रद्धालुओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है.
बद्रीनाथ और जोशीमठ को छोड़कर वैकल्पिक रास्ते के लिए हेलंग बाईपास सड़क पर काम स्थानीय निवासियों के विरोध और विशेषज्ञों की सलाह के बाद ठप हो गया है. यह तब तक रुका रहेगा जब तक कि जोशीमठ में चल रहे अध्ययन अपना सुझाव या रिपोर्ट नहीं देते.
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अनुसार, गुरुवार को बसंत पंचमी पर टिहरी शाही परिवार की उपस्थिति में बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तारीख की घोषणा की गई. गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे.
क्या इस बार टूटेगा चारधाम यात्रा का पिछला रिकॉर्ड / Will the previous record of Chardham Yatra be broken this time?
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुक्रवार को बताया कि जोशीमठ में हो रहे भू-धंंसाव को लेकर’बद्रीनाथ यात्रा के दौरान कोई समस्या नहीं होगी. विशेषज्ञ समितियों के निष्कर्षों के आधार पर जोशीमठ में हम आवश्यक कार्य करेंगे.” छह महीने के शीतकालीन अवकाश के बाद 3 मई 2022 को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ चार धाम यात्रा शुरू हुई. बद्रीनाथ में अधिकतम 17.6 लाख लोग आए, इसके बाद केदारनाथ में 15.6 लाख, गंगोत्री में 6.2 लाख और यमुनोत्री में 4.8 लाख श्रद्धालु यात्रा पर आए.सिक्खाें की पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब यात्रा पर 2.4 लाख से अधिक तीर्थयात्री आए. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 45 लाख से अधिक थी.
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