Himachal : मुख्यमंत्री ने बादल फटने से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए बुलाई आपात बैठक
Chief Minister called an emergency meeting to review the damage caused by cloudburst
Chief Minister called an emergency meeting to review the damage caused by cloudburst: शिमला। प्रदेश में बुधवार देर रात पांच जगह बादल फटने की घटनाओं के कारण भारी बारिश से हुए हुए नुकसान की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों से मिली जानकारी के मुताबिक कुल्लू जिले में तीन जगह और मंडी और शिमला में एक-एक जगह बादल फटा है। राज्य मुख्यालय पर प्राप्त सूचना के अनुसार, अभी तक दो शव बरामद हुए हैं, जबकि 50 लोगों के लापता होने की सूचना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 12 घंटों में बादल फटने और भारी बारिश से एक राष्ट्रीय राजमार्ग और पांच सडक़ें अवरुद्ध हैं, जबकि तीन पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिमला जिले के झाकड़ी का समेज क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां बादल फटने से आवासीय क्षेत्र से ३६ लोग लापता हैं और एक सडक़ मार्ग भी अवरुद्ध है। मंडी जिले की पधर तहसील के टिक्कन-थालूकोट गांव में सात लोग लापता हैं, जबकि दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। वहीं तीन घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले के निरमंड तहसील के जाओं गांव में बादल फटने से सात लोग लापता हैं, नौ घर बाढ़ में बह गए हैं, जबकि दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त, उच्च पर्वतीय क्षेत्र में बादल फटने से पिन पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ा है और एक बस बह गई है। मलाणा के जरी में भी एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। मलाणा में ब्यास नदी के किनारे नौ लोग फंसे हुए हैं, जिनको सुरक्ष्रित बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
श्री सुक्खू ने कहा इस समय लोगों के जीवन की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पूरी मशीनरी युद्धस्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्य में जुटी हुई है। उन्होंने संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित परिवारों को फैारन राहत पहुंचाई जाए तथा बेली पुलों का निर्माण किया जाए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस को पांच ड्रोन दे रही है, ताकि प्रभावित क्षेत्र में परिवहन गतिविधियों का संचालन किया जा सके। संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए उप-मंडलाधिकारी स्तर पर सैटेलाइट फोन उपलब्ध करवाए गए हैं। पुलिस स्टेशनों और चौकियों को 50 विद्युत जेनरेटर भेजे जा रहे हैं, ताकि विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि जीवन की सुरक्षा और लोगों की संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सरकार भरूपर प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा आगामी शुक्रवार सुबह तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। उन्होंने लोगों से इस दौरान ऐहतियात बरतने और नदी-नालों के करीब न जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को सुदृढ़ किया गया है और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा निगरानी के लिए 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से सभी संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने पीडि़त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवदेनाएं प्रकट की हैं जिन्होंने अपनों को खोया है। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य एवं जिला स्तर पर आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं और हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं। ये केंद्र रात-दिन कार्यशील रहेंगे।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सुबह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से दूरभाष पर बात की और राज्य में भारी वर्षा और बादल फटने के कारण उत्पन्न स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने केन्द्र सरकार से इस आपदा से निपटने के लिए उदारतापूर्वक सहयोग करने का आग्रह किया।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चन्द शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एन.पी. सिंह भी बैठक में उपस्थित थे।
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