मुख्यमंत्री ने की श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृति की राशि में बढ़ोतरी की घोषणा
Scholarship for Laborers Children
7000, 7750 और 8500 वजीफा राशि को बढ़ाकर किया 10,000 रुपये
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों व उनके बच्चों से किया सीधा संवाद
श्रमिकों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार, कहा - हमारे बच्चों को शिक्षा देकर जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सपना पूरा करने में मुख्यमंत्री बन रहे सहारा
मुख्यमंत्री ने निमोठ गांव की भावना को दी सौगात, गांव में लाइब्रेरी खोलने को दी मंजूरी
प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करने में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर
चंडीगढ़, 28 मई - Scholarship for Laborers Children: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृति को राशि को बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कक्षा 9वीं से 10वीं तक मिलने वाली 7 हजार रुपये की राशि, कक्षा 11वीं से 12वीं तक 7750 रुपये तथा उच्च शिक्षा के लिए 8500 रुपये की राशि को बढ़ाकर तीनों श्रेणियों में 10,000 रुपये करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रमिकों व उनके बच्चों से सीधा संवाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन किया और इस मौके पर उन्होंने इस भवन के निर्माण में श्रमिकों के योगदान को महत्व देते हुए 10 श्रमिकों को सम्मानित किया।
श्रमिकों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार, कहा - हमारे बच्चों को शिक्षा देकर जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सपना पूरा करने में मुख्यमंत्री बन रहे सहारा
संवाद के दौरान श्रमिकों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने उनके लिए जितनी भी योजनाएं चलाई है, उससे वे बहुत लाभान्वित हो रहे हैं। अधिकांश श्रमिकों ने उनके बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया और कहा कि वे स्वयं श्रमिक है, लेकिन हम अपने बच्चों को शिक्षा देकर जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना का सपना रखते हैं। इस सपने को पूरा करने में मुख्यमंत्री मनोहर लाल उनका सहारा बने हैं। इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
मुख्यमंत्री ने निमोठ गांव की भावना को दी सौगात, गांव में लाइब्रेरी खोलने को दी मंजूरी (The Chief Minister gave a gift to the spirit of Nimoth village, approved the opening of a library in the village)
संवाद के दौरान रेवाड़ी जिले के निमोठ गांव की भावना ने शिक्षा के प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और गांव में एक लाईब्रेरी बनाने की अपील की। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत ही निमोठ गांव के लिए लाईब्रेरी बनाने को मंजूरी प्रदान की।
इसी प्रकार, पलवल जिला से जुड़े आकाश के पिता ने भी मुख्यमंत्री से लाईब्रेरी बनाने का अनुरोध किया। इसके लिए भी मुख्यमंत्री ने तुरंत मंजूरी प्रदान कर दी और पलवल के औरंगाबाद गांव में आर्य समाज मंदिर में लाईब्रेरी खोली जाएगी।
हरियाणा सरकार श्रम शक्ति के कल्याण, उत्थान और खुशहाली के लिये प्रतिबद्ध (Haryana Government committed to the welfare, upliftment and prosperity of the labor force)
श्री मनोहर लाल ने कहा कि किसी भी देश के आर्थिक विकास में श्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। भूमि, पूंजी, उद्यमिता तथा श्रम ऐसे 4 आधार स्तंभ हैं, जिन पर हर देश की अर्थव्यवस्था का निर्माण होता है। इनमें से चौथा स्तंभ श्रम सबसे महत्वपूर्ण है। हमारी संस्कृति में तो श्रमिकों के प्रति सदा से ही आदर का भाव रहा है। इसीलिए श्रमिकों को महान शिल्पी विश्वकर्मा की संज्ञा दी गई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा विकास के मामलों में नई बुलंदियां छू रहा है। इसका श्रेय भी प्रदेश के मेहनतकश श्रमिकों को जाता है। इनके बल पर ही हरियाणा देश में सबसे तेजी से प्रगति करने वाला राज्य बन गया है। प्रदेश सरकार श्रम शक्ति के कल्याण, उत्थान और खुशहाली के लिये प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के कल्याण व उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई हैं।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करने में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर (Haryana ranks first in the country in registering unorganized workers under Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan Yojana)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का ध्यान केवल संगठित क्षेत्र पर ही नहीं, बल्कि असंगठित क्षेत्र पर भी है। हरियाणा में आज लगभग 25 प्रतिशत श्रमिक संगठित क्षेत्र में और 75 प्रतिशत श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं। प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करने में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर है। अब तक इस योजना के तहत 8 लाख 19 हजार 564 लाभर्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है।
श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियां व वित्तीय सहायता दे रही राज्य सरकार (The state government is giving scholarships and financial assistance to the children of laborers for education.)
श्री मनोहर लाल ने कहा कि वही समाज व वर्ग प्रगति करेगा, जिसके बच्चे शिक्षित होंगे। इसलिए हमारी सोच है कि आर्थिक तंगी के कारण किसी भी परिवार का बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसलिए राज्य सरकार श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के लिए कई तरह की छात्रवृत्तियां व वित्तीय सहायता दे रहे हैं। श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए पहली कक्षा से स्नातकोत्तर तक 20 हजार रुपये वार्षिक तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। तकनीकी व व्यावसायिक संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों के छात्रावास का 1 लाख 20 हजार रुपये वार्षिक तक का खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
बोर्ड कक्षाओं में मेधावी बच्चों को 21 हजार से 51 हजार रुपये तक दी जाती है प्रोत्साहन राशि (Incentive amount from 21 thousand to 51 thousand rupees is given to meritorious children in board classes)
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को उनके मेधावी बच्चों के लिए बोर्ड की 10 वीं कक्षा एवं 12 वीं कक्षा में शैक्षणिक उत्कृष्टता के आधार पर 21 हजार से 51 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा, हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा व्यावसायिक कोर्सों में प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए 20 हजार रुपये तक तथा यूपीएससी एवं एचपीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतू श्रमिकों के बच्चों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की तर्ज पर राज्य में हरियाणा कौशल विकास मिशन बनाया गया है। इस मिशन का उद्देश्य युवाओं को परम्परागत व्यवसायों के साथ-साथ आधुनिक व्यवसायों में प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाना है ताकि उन्हें रोजगार के नये-नये अवसर मिल सकें।
शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम व दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि में को बढ़ोतरी (Increase in the amount of assistance given to physically or mentally disabled and disabled children)
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों के शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम व दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि 2,500 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये मासिक की है। इसके अलावा, श्रमिक परिवारों को कन्यादान योजना के तहत तीन बेटियों की शादी तक हर शादी में 51 हजार रुपये का कन्यादान तथा 50 हजार रुपये शादी का प्रबंध करने के लिए दिये जाते हैं। इसी प्रकार, बेटे व स्वयं की शादी पर भी 21 हजार रुपये की शगुन राशि दी जाती है।
श्रमिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दुर्घटना बीमा कवर प्रदान किया जाता है (Accident insurance cover is provided keeping in mind the safety of the workers)
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने जहां श्रमिकों की कार्य स्थल पर सुरक्षा को मजबूत बनाया है, वहीं उनका दुर्घटना बीमा भी किया जाता है और उनके सामाजिक सरोकारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। श्रमिक की कार्यस्थल पर दुर्घटना होने पर श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा तुरन्त 1 लाख 50 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना के अन्तर्गत पंजीकृत कामगार की काम के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिक के परिवार को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
सिलीकोसिस की विकट बीमारी से प्रभावित श्रमिक के पुनर्वास हेतु 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान (Provision of financial assistance of Rs.5 lakh for the rehabilitation of workers affected by the severe disease of silicosis.)
मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण और उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के फेफड़े सिलीकोसिस की विकट बीमारी से प्रभावित होते हैं, उनके लिए वर्ष 2017 से विशेष योजना लागू की गई हैं। इसके तहत प्रभावित श्रमिक के पुनर्वास हेतु 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। यदि श्रमिक की इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है, तो श्रमिक के परिवार को इस योजना के तहत 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब तक 30 करोड़ 9 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है।
इसके अलावा, हरियाणा कर्मचारी राज्य बीमा हैल्थकेयर द्वारा 21 हजार रुपये मासिक से कम वेतन वाले 24 लाख बीमित श्रमिकों व उनके आश्रितों को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण और उद्योगों में कार्यरत पंजीकृत श्रमिकों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के लाभ डी.बी.टी. के माध्यम से दिए जा रहे हैं। श्रमिकों को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए अंत्योदय सरल केंद्रों, अंत्योदय भवन और राज्य के सी.एस.सी. सेंटर्स के माध्यम से पंजीकरण करवाना होता है।
विदेशों में रोजगार के अवसर देने के लिए श्रमिकों को कौशल प्रशिक्षण दे रही सरकार (Government giving skill training to workers to provide employment opportunities abroad)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों को आधुनिक मशीनें पर काम करने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। इतना ही नहीं, विदेश सहयोग विभाग के पास विदेशों से भी कुशल श्रमिकों की मांग आई है। जिसके परिणामस्वरूप अब सरकार प्रदेश के श्रमिकों को कुशल बनाकर विदेशों में भेजने के प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि श्रम पुरस्कार योजना के तहत श्रमिकों को 51 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक की राशि के पुरस्कार दिये जाते हैं। इसके तहत अब तक 132 लाभार्थियों को 37 लाख 38 हजार रुपये के पुरस्कार दिए गए हैं। इसके अलावा, अंत्योदय आहार योजना के तहत 10 जिलों में श्रमिकों को 10 रुपये में उच्च गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। न्यूनतम वेतन के पुनर्निर्धारण प्रणाली की विसंगतियों को दूर किया है।
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