Illegal Occupation of Houses: सीएचबी को 100 मकानों में मिले अवैध कब्जे
Illegal Occupation of Houses: सीएचबी को 100 मकानों में मिले अवैध कब्जे
जल्द ही दर्ज हो सकता है असल अलॉटी व मकानों में रह रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर
-फ्लैट बेचने या बिकवाने वाले प्रापर्टी डीलरों, फाइनेंसरों व बिचौलियों पर भी मुकदमा दर्ज करने की तैयारी
१२६८ मकानों पर सीएचबी को मिला ताला, १३० लोगों ने जानकारी देने से ही मना कर दिया
चंडीगढ़, २१ सितंबर (साजन शर्मा)
Illegal Occupation of Houses: चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड(Chandigarh Housing Board) ने पूरे चंडीगढ़ शहर में अपने सभी १८,१३८ फ्लैटों का सर्वे पूरा कर लिया है। इसमें करीब ९०० मकानों पर ओरिजनल अलॉटी से किसी दूसरे का अवैध कब्जा(Illegal possession) सामने आया है। सीएचबी की सर्वे करने पहुंची टीमों को १२६८ मकानों पर ताला मिला। यानि ये लोग टीम के पहुंचने से पहले ही घर को ताले लगाकर कहीं दूसरी जगह खिसक लिये। १३० लोग ऐसे थे जिन्होंने कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। इनमें २११ फ्लैट ऐसे थे जिनमें सरकारी विभाग चल रहे हैं। चार मकान सीएचबी ने सील भी कर दिये हैं। तीन प्रापर्टी ऐसी थी जो अभी खाली पड़ी थी। बोर्ड ने एडवाइजर धर्मपाल को रिपोर्ट भेज दी है और जल्द ही सीएचबी की अगली मीटिंग में मामले में क्या एक्शन लिया जाना है, इस पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक अवैध कब्जों वाले मकानों के असल अलॉटी व इनकी खरीद फ्रोख्त में शामिल सभी लोगों पर केस दर्ज किया जा सकता है। इन फलैटों की अलॉटमेंट भी कैंसिल हो सकती है।
उधर बोर्ड का सर्वे पूरा हो जाने और एक् शन होने के डरे से विभिन्न इलाकों में अवैध तौर पर रह रहे बाशिंदों की सांसें थमी पड़ी हैं। सीएचबी को बड़े स्तर पर शिकायतें मिली थी कि शहर में जहां जहां उनके फलैट हैं उनमें ओरिजनल अलॉटी नहीं रह रहे बल्कि उन्होंने फ्लैट नियमों के विपरीत आगे बेच दिया है। इसी को लेकर करीब डेढ़ दो माह पहले सीएचबी ने एक सर्वे अपने पूरे १८००० फ्लैटों में यह जांचने को चलाया था कि यहां कौन रह रहा है।
चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को इनमें भारी स्तर पर गड़बड़ मिली है। सीएचबी के नियम कहते हैं कि जिसे फ्लैट ओरिजनल तौर पर आवंटित हुआ है, वह इसे आगे नहीं बेच सकता। फ्लैट में दोस्त, दूर या पास का रिश्तेदार कुछ समय के लिए रह सकते हैं लेकिन शर्त यह है कि उसमें असली अलॉटी जरूर होना चाहिए। असली अलॉटी के अलावा कोई दूसरा इस फ्लैट का मालिक नहीं हो सकता। अगर किसी फ्लैट में ऐसा है तो असल अलॉटी को इस संदर्भ में सीएचबी को समझाना होगा और इसे नियमों व शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। सर्वे के समय सीएचबी की मौके पर पहुंची टीमों ने वहां रिहाइश कर रहे बाशिंदों से उनका पूरा स्टेट्स जाना था। उनसे न केवल आईडी कार्ड मांगे गए बल्कि सीएचबी के अलॉटमेंट लेटर और उसमें ओरिजनल अलॉटी की कापियां जांची गई। टीम ने अगर पाया कि असल अलॉटी का पिता, भाई, बहन, पत्नी, बेटा, बेटी, बहू या पोते पोतियां इत्यादि हैं तो उनका ब्यौरा लिख लिया गया। इस तरह के मामलों को नहीं छेड़ा गया। जहां इसके अलावा कोई अन्य लोग रहते मिले उनके खिलाफ कार्रवाई तय है। सीएचबी को शिकायतें मिली थी कि इन फ्लैटों को आगे या तो बेच दिया गया है, या फिर किराये पर दिया गया है, या ट्रांसफर कर दिया गया है और या किसी दूसरे को दे दिया गया है। खासतौर से प्रापर्टी डीलरों, डॉक्यूमेंट राइटरों, बिचौलियों, प्रापर्टी कंसलटेंट, फाइनेंसर इत्यादि ने असल अलॉटी के साथ मिलकर इसे बेचा। नियमों के मुताबिक इन फ्लैटों को बेचा नहीं जा सकता और न ही किराये पर दिया जा सकता है। दूसरे को ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकता। सीएचबी की शर्तों के मुताबिक ऐसे केसों में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने का नियम है। केवल अलॉटी पर ही नहीं बल्कि इन प्रापर्टी कंसलटेंट व फाइनेंसर व बिचौलियों पर भी केस दर्ज किया जाएगा।
सेक्टर ओरिजनल अलॉटी दूसरों के तालाबंद जानकारी सरकारी विभाग सील फ्लैट खाली कुल
कब्जे में नहीं दी
४९ ७७७ ७१ ८८ ०७ - ० ० ९४३
५६ ६२७ १०६ १३१ - - २ ०१ ८६७
३८ वैस्ट ८०८ ८६ १३४ ११ - - - १०३९
धनास ७४२० ३३६ ५१३ ६९ १०८ २ - ८४४८
इंडस्ट्रियल ८३ ०५ १६ - - - - १०४
एरिया
मौली जागरां १२८९ ९४ ११० ०७ ६६ - ०२ १५६८
रामदरबार ४६४ ६३ ४४ ०४ - - - ५७५
मलोया २३६६ ७७ १०३ १४ ३७ - - २५९७
(एसएफ)
मलोया १७९३ ५७ १२९ १८ - - - १९९७
(एआरएचसी)
कुल १५६२७ ८९५ १२६८ १३० २११ ०४ ०३ १८१३८