Chant the mantra of 108 names of Maa Baglamukhi

मां बगलामुखी के 108 नामों का करें मंत्र जप, देखें क्या है खास

Bagalamukhi

Chant the mantra of 108 names of Maa Baglamukhi

हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष 15 मई को बगलामुखी जयंती है। इस दिन आठवीं महाविद्या की देवी मां बगलामुखी की पूजा-उपासना की जाती है।

मां बगलामुखी की विशेष पूजा गुप्त नवरात्रि में की जाती है। धार्मिक मत है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से साधक को अभयता का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। साधक शत्रुओं पर विजयश्री पाने हेतु भी मां बगलामुखी की साधना करते हैं। अगर आप आप भी जीवन में व्याप्त हर समस्या का समाधान पाना चाहते हैं, तो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर विधि-विधान से मां बगलामुखी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय मां बगलामुखी के 108 नामों का मंत्र जप करें। 

मां बगलामुखी के 108 नाम

ऊँ बगलायै नम:

ऊँ विष्णुवनितायै नम:

ऊँ विष्णुशङ्करभामिन्यै नम:

ऊँ बहुलायै नम:

ऊँ वेदमात्रे नम:

ऊँ महाविष्णुप्रस्वै नम:

ऊँ महामत्स्यायै नम:

ऊँ महाकूर्मायै नम:

ऊँ महावाराहरूपिण्यै नम:

ऊँ नरसिंहप्रियायै नम:

ऊँ रम्यायै नम:

ऊँ वामनायै नम:

ऊँ बटुरूपिण्यै नम:

ऊँ जामदग्न्यस्वरूपायै नम:

ऊँ रामायै नम:

ऊँ रामप्रपूजितायै नम:

ऊँ कृष्णायै नम:

ऊँ कपर्दिन्यै नम:

ऊँ कृत्यायै नम:

ऊँ कलहायै नम:

ऊँ कलकारिण्यै नम:

ऊँ बुद्धिरूपायै नम:

ऊँ बुद्धभार्यायै नम:

ऊँ बौद्धपाखण्डखण्डिन्यै नम:

ऊँ कल्किरूपायै नम:

ऊँ कलिहरायै नम:

ऊँ कलिदुर्गतिनाशिन्यै नम:

ऊँ कोटिसूर्यप्रतीकाशायै नम:

ऊँ कोटिकन्दर्पमोहिन्यै नम:

ऊँ केवलायै नम:

ऊँ कठिनायै नम:

ऊँ काल्यै नम:

ऊँ कलायै नम:

ऊँ कैवल्यदायिन्यै नम:

ऊँ केशव्यै नम:

ऊँ केशवाराध्यायै नम:

ऊँ किशोर्यै नम:

ऊँ केशवस्तुतायै नम:

ऊँ रूद्ररूपायै नम:

ऊँ रूद्रमूर्त्यै नम:

ऊँ रूद्राण्यै नम:

ऊँ रूद्रदेवतायै नम:

ऊँ नक्षत्ररूपायै नम:

ऊँ नक्षत्रायै नम:

ऊँ नक्षत्रेशप्रपूजितायै नम:

ऊँ नक्षत्रेशप्रियायै नम:

ऊँ नित्यायै नम:

ऊँ नक्षत्रपतिवन्दितायै नम:

ऊँ नागिन्यै नम:

ऊँ नागजनन्यै नम:

ऊँ नागराजप्रवन्दितायै नम:

ऊँ नागेश्वर्यै नम:

ऊँ नागकन्यायै नम:

ऊँ नागर्यै नम:

ऊँ नगात्मजायै नम:

ऊँ नगाधिराजतनयायै नम:

ऊँ नगराजप्रपूजितायै नम:

ऊँ नवीननीरदायै नम:

ऊँ पीतायै नम:

ऊँ श्यामायै नम:

ऊँ सौन्दर्यकारिण्यै नम:

ऊँ रक्तायै नम:

ऊँ नीलायै नम:

ऊँ घनायै नम:

ऊँ शुभ्रायै नम:

ऊँ श्वेतायै नम:

ऊँ सौभाग्यदायिन्यै नम:

ऊँ सुन्दर्यै नम:

ऊँ सौभगायै नम:

ऊँ सौम्यायै नम:

ऊँ स्वर्णभायै नम:

ऊँ स्वर्गतिप्रदायै नम:

ऊँ रिपुत्रासकर्यै नम:

ऊँ रेखायै नम:

ऊँ शत्रुसंहारकारिण्यै नम:

ऊँ भामिन्यै नम:

ऊँ मायायै नम:

ऊँ स्तम्भिन्यै नम:

ऊँ मोहिन्यै नम:

ऊँ शुभायै नम:

ऊँ रागद्वेषकर्यै नम:

ऊँ रात्र्यै नम:

ऊँ रौरवध्वंसकारिणयै नम:

ऊँ यक्षिण्यै नम:

ऊँ सिद्धनिवहायै नम:

ऊँ सिद्धेशायै नम:

ऊँ सिद्धिरूपिण्यै नम:

ऊँ लङ्कापतिध्वंसकर्यै नम:

ऊँ लङ्केशरिपुवन्दितायै नम:

ऊँ लङ्कानाथकुलहरायै नम:

ऊँ महारावणहारिण्यै नम:

ऊँ देवदानवसिद्धोघपूजितायै नम:

ऊँ परमेश्वर्यै नम:

ऊँ पराणुरूपायै नम:

ऊँ परमायै नम:

ऊँ परतन्त्रविनाशिन्यै नम:

ऊँ वरदायै नम:

ऊँ वरदाराध्यायै नम:

ऊँ वरदानपरायणायै नम:

ऊँ वरदेशप्रियायै नम:

ऊँ वीरायै नम:

ऊँ वीरभूषणभूषितायै नम:

ऊँ वसुदायै नम:

ऊँ बहुदायै नम:

ऊँ वाण्यै नम:

ऊँ ब्रह्मरूपायै नम:

ऊँ वराननायै नम:

ऊँ बलदायै नम:

 

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