Chandrayaan 3 Moon Landing Success| जश्न मनाओ, जीत गए हम; चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग, हमने कर दिखाया...

जश्न मनाओ, जीत गए हम; चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग, हमने कर दिखाया... यहां LIVE देखिए

Chandrayaan 3 Moon Landing Success LIVE Telecast

Chandrayaan 3 Moon Landing Success: बधाई हो... बधाई हो... बधाई हो... हम पहली बार चांद पर पहुंच चुके हैं। चंद्रयान-3 का लैंडर सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कर गया है। इसके साथ ही भारत के लिए आज की तारीख ऐतिहासिक हो गई है। चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड होते ही पूरी दुनिया में भारत की सफलता का शोर छा गया है। पूरी दुनिया फटी हुई आंखों से आज भारत के जज्बे को देख रही है। आपको बता दें कि, भारत अब चांद पर सॉफ्ट-लैंडिंग के मामले में अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चौथा देश बन गया है। वहीं चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने के मामले में भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। अब तक किसी भी देश ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना चंद्रयान नही उतारा है।

14 जुलाई को लॉन्च हुआ था मिशन चंद्रयान-3

मालूम रहे कि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 की LVM3-M4 रॉकेट के जरिए सफल लॉन्चिंग की थी। वहीं लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-3 ने रॉकेट से इजेक्ट होके अंतरिक्ष में धरती की कक्षा में प्रवेश किया और यहां चक्कर लगाने लगा था। इसके बाद हाल ही में 5 अगस्त को चंद्रयान-3 धरती की कक्षा को पार कर गया और चांद की कक्षा में प्रवेश किया था। जिसके बाद से चंद्रयान-3 ने चांद की बेहद करीब से तस्वीरें भेजनी शुरू कर दी थीं। चंद्रयान-3 ने इसरो के पास अब तक कई तस्वीरें भेजी हैं। जिन्हें देखकर हैरानी भी हुई।

भारत दो बार फेल हुआ, मगर हिम्मत नहीं हारी

बतादें कि, इससे पहले भारत ने चांद पर उतरने की दो बार कोशिश की है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पहली बार 22 अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 लॉन्च किया था। जिसके बाद 8 नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 ने चांद की कक्षा में सफलता पूर्वक प्रवेश किया और पानी की खोज भी की। लेकिन 28 अगस्त 2009 को अचानक चंद्रयान-1 से इसरो का संपर्क टूट गया। इसके बाद भारत ने फिर से तैयारी की और 22 जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च किया। मगर चंद्रयान-2 भी चांद पर सफल लैंडिंग नहीं कर सका। दरअसल, 20 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया. मगर बाद में चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया. लेकिन भारत ने फिर भी हार नहीं मानी.

अगर चंद्रयान-3 को बनाने में आई लागत की बात करें तो जानकारी के मुताबिक चंद्रयान-3 मिशन की पूरी लागत करीब 75 मिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपये में 615 करोड़ रुपए है। कई देशों ने कम लागत पर चंद्रमा पर उतरने की कोशिश की लेकिन हमने ये पहले करके दिखाया है। चंद्रयान-3 मिशन के तीन अहम हिस्से हैं। प्रोपल्शन, लैंडर और रोवर। इसका कुल खर्च 600 करोड़ रुपये ज्यादा आया है। इस मिशन में इसरो के अलग-अलग विभाग के सैकड़ों वैज्ञानिक जुटे थे।