प्रशासन आवारा कुत्तों की संख्या कम होने का कर रहा दावा: चंडीगढ़ में हर साल डॉग बाइट के केसों में हो रहा इजाफा

The administration is claiming that the number of stray dogs is decreasing

The administration is claiming that the number of stray dogs is decreasing

The administration is claiming that the number of stray dogs is decreasing- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ में भले ही आवारा कुत्तों की आबादी में कमी होने का दावा प्रशासन कर रहा हो लेकिन असलियत यह है कि कुत्ते काटने के मामलों में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर अगर गौर फरमायें तो गवर्नमेंट मल्टी स्पेशियेल्टी अस्पताल, सेक्टर 16 में 2022 के दौरान 7107 डॉग बाइट केस सामने आए थे जो 2023 में बढकऱ 10,334 हो गये जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढकऱ 12,009 पर जा पहुंचा।

सेक्टर 19 की डिस्पेंसरी में भी 20222 के दौरान 29,190 केस डॉग बाइट के पहुंचे।  2023 में यहां 36,300 मामले डॉग बाइट के पहुंचे थे तो 2024 में 40,153 मामले सामने आए थे। सेक्टर 38 की डिस्पेंसरी में 2022 में 4543 मामले जबकि 2023 में 4983 मामले और 2024 में 5637 मामले सामने आए थे।

टीबी के मामलों के आंकड़े भी स्वास्थ्य  विभाग ने एक आरटीआई के जरिये दिये हैं जिसमें बताया गया है कि 2022 में 3709 केस टीबी के उपचाराधीन थे। 2023 में यह बढकऱ 4099 हो गये जबकि 2024 में इनकी संख्या 4240 जा पहुंची। हैरानी वाली जो बात सामने आई वो यह है कि 2022 में 4116 मरीजों को राशन मनी स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई। इसके लिये कुल 1 करोड़, 6 लाख 16 हजार की राशि वितरित की गई।

2023 में 4583 लोगों को राशन मनी के तहत 1 करोड़ 11 लाख 36 हजार 500 रुपये बांटे गये। इसी तरह 2024 में 4976 टीबी मरीजों के लिये 1 करोड़ 20 लाख 80 हजार रुपये की राशन मनी बांटी गई। विभाग ने सूचना में यह भी बताया कि इसके लिये कोई स्टॉक मेंटेन नहीं नहीं किया गया। विभाग का कोई स्टाक रजिस्टर नहीं है।  

पता यह भी चला है कि बहुत से टीबी के मरीजों को राशन मनी नहीं मिलती। केवल राशन मनी आंकड़ों में दर्ज होती है। सेक्टर 32 अस्पताल में टीबी के मरीज मोहन लाल शर्मा जो अंबाला के वासी हैं को आज तक राशन मनी नहीं दी गई। इन्हें सेक्टर 32 के गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में 7 अगस्त 2024 को ब्रेन टीबी डिटेक्ट हुआ था। यहां से इनका कार्ड दवा के लिये पहले डेराबस्सी में ट्रांसफर कर दिया गया और फिर अंबाला कैंट में भेज दिया गया। तीनों जगहों पर पूरी पूरी धांधली राशन मनी के नाम पर चल रही है। इनके नाम से रजिस्टरों में हर माह राशन मनी चल रही है जबकि इनके खाते में एक भी पैसा नहीं आया है। तीनों जगह मोहन लाल शर्मा का पूरा ब्यौरा टीबी विभाग की ओर से लिया गया था।

बैंक खाते का भी पूरा ब्यौरा मांगा गया था लेकिन इसमें सात माह से भी ज्यादा समय गुजर जाने के बाद एक भी पैसा नहीं आया। आरटीआई कार्यकर्ता आरके गर्ग ने मांग की है कि राशन मनी के संपूर्ण मामले में गंभीरता से अगर जांच हो तो आयुष्मना योजना की तरह बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।

शहर में घटी आवारा व पालतू कुत्तों की आबादी

शहर में आवारा कुत्तों की आबादी सात वर्षों में लगभग 4,000 कम हो गई है । पालतू कुत्तों की आबादी भी 2018 में 11,006 से घटकर 10,500 हो गई है। वरिष्ठ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा यूटी पशुपालन विभाग के लिए इसे एक बड़ी सफलता करार दिया है। अधिकारियों की दलील है कि नसबंदी अभियान, टीकाकरण कार्यक्रम और गोद लेने की पहल के संयोजन ने आवारा कुत्तों की संख्या को कम करने में योगदान दिया है। अधिकारी ने कहा, यह प्रगति नगर निगम, पशु कल्याण संगठनों और समुदाय के संयुक्त प्रयासों की बदौलत है। 2025 की जनगणना के अनुसार, चंडीगढ़ में वर्तमान में 9,000 आवारा कुत्ते, 10,500 पालतू कुत्ते और 500 आवारा मवेशियों सहित 19,500 गोजातीय आबादी है। इसके विपरीत, 2018-19 की जनगणना में 12,922 आवारा कुत्ते, 11,006 पालतू कुत्ते और 25,617 गोजातीय आबादी दर्ज की गई थी, जिसमें 1,440 आवारा मवेशियों सहित कुल पशुधन संख्या 26,990 थी। 2023 में नगर निगम द्वारा किए गए एक अस्थायी सर्वेक्षण में भी आवारा कुत्तों की आबादी 9,503 होने का अनुमान लगाया गया था। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा हाल ही में स्वीकृत जनगणना अब भविष्य की नीतियों और प्रबंधन रणनीतियों का मार्गदर्शन करने के लिए अधिक सटीक और अद्यतन आंकड़े प्रदान करेगी। सर्वेक्षण मंत्रालय की पशुधन जनगणना और एकीकृत नमूना सर्वेक्षण योजना के तहत किया गया था। इसमें निर्बाध ट्रैकिंग और समय पर जानकारी के लिए वेब-आधारित डैशबोर्ड द्वारा समर्थित एक नए मोबाइल ऐप का उपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त, दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए ऑफ़लाइन डेटा संग्रह को शामिल किया गया था। शहर में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के बीच, चंडीगढ़ नगर निगम (एमसी) ने पिछले साल सितंबर में आवारा कुत्तों, मवेशियों और बंदरों से संबंधित शिकायतों के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किए थे। आवारा कुत्तों, मवेशियों और बंदरों से संबंधित शिकायतें 0172-278-7200 पर दर्ज की जा सकती हैं। एमसी के अनुसार, 0172-269-6450, 623-958-7317 (एसपीसीए से संबंधित नंबर) घायल जानवरों से संबंधित शिकायतों के लिए समर्पित हैं। शिकायत को त्वरित समाधान के लिए संबंधित फील्ड अधिकारियों को भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त, किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज करने के लिए ‘आई एम चंडीगढ़’ मोबाइल एप्लिकेशन भी चालू है।