स्वयं को आध्यात्मिकता से जोड़कर जीवन को सरल बनाए – सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

Make your life simple by connecting yourself with spirituality

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Make your life simple by connecting yourself with spirituality- चंडीगढ़/ पंचकुला/ उदयपुरI संत निरंकारी मिशन द्वारा उदयपुर में एक भव्य संत समागम का आयोजन हुआ, जिसमें राजस्थान और गुजरात सहित बाड़मेर जिले से बड़ी संख्या में भक्तजन एकत्रित हुए। परम श्रद्धेय सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं परमसत्कार योग्य निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में यह दिव्य संत समागम का आयोजन आध्यात्मिकता, प्रेम और विश्वबंधुत्व का संदेश लेकर आया।

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अपने प्रेरणादायक प्रवचनों में संगत को आत्मबोध का मार्ग अपनाने की सीख दी। उन्होंने कहा कि जब जीवन में अहंकार और भेदभाव मिट जाते हैं और परमात्मा की रोशनी से अंतर्मन प्रकाशित हो जाता है, तब जीवन सहज और सरल हो जाता है। क्षमा, प्रेम और सेवा की भावना को अपनाकर ही हम सच्चे आनंद को प्राप्त कर सकते हैं।

राजपिता रमित जी ने अपने विचार रखते हुए सतगुरु के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सतगुरु प्रेम और समर्पण का पाठ पढ़ाते हैं, और जब हम ईर्ष्या व द्वेष की दीवारों को गिराकर प्रेमभाव अपनाते हैं, तभी सच्ची आध्यात्मिकता को अनुभव कर सकते हैं।

समागम में भजन और कविताओं की मधुर प्रस्तुतियों ने भक्तों को आध्यात्मिक रसधारा में सराबोर कर दिया। इस आयोजन की सफलता के लिए लंगर, चिकित्सा सुविधा, पार्किंग एवं अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया गया, जिसमें स्थानीय प्रशासन का भी पूरा सहयोग रहा। निरंकारी समागम के दौरान निरंकारी प्रदर्शनी भी मुख्य आकर्षण केंद्र बना रहा। 

इस दिव्य आयोजन से पूर्व तीन दिवसीय 'निरंकारी यूथ सिम्पोजियम' का भी आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं को आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ने की प्रेरणा दी गई। इस विशेष सत्र में खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और छह तत्वों पर आधारित विचार-मंथन ने युवाओं को एक नई दिशा दी। समापन दिवस पर उदयपुर के महाराज कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने भी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

यह समागम न केवल एक आध्यात्मिक मिलन था, बल्कि सेवा, समर्पण और प्रेम की भावना से ओत-प्रोत एक दिव्य संगम था, जिसने हर हृदय को आनंद और आत्मिक शांति से भर दिया। भक्तों ने सतगुरु के आशीर्वाद से इस अनमोल अवसर का भरपूर लाभ उठाया और जीवन को सरल व सार्थक बनाने की प्रेरणा प्राप्त की।