आरएलए कार्यालय ने भेजे हजारों की संखया में शोकॉज नोटिस: 43 हजार वाहनों की रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी
- By Vinod --
- Tuesday, 28 Jan, 2025
RLA office sent thousands of show cause notices
RLA office sent thousands of show cause notices- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ प्रशासन का आरएलए विभाग जल्द ही ट्रैफिक चालान न भुगतने वालों के खिलाफ शिकंजा कसने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक 43 हजार वाहनों की आरसी कैंसिल करने की तैयारी है। आरएलए ने इस संबंध में उल्लंघनकर्ताओं को शोकॉज नोटिस जारी कर दिये हैं।
सबसे मुख्य बात जो सामने आ रही है वो यह है कि इन 43 हजार वाहनों में कई हजार वाहन ऐसे हैं जिन्हें किसी दूसरे से खरीदा गया है। खरीददार ने इन वाहनों को अब तक अपने नाम नहीं कराया है। ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही से ये वाहन लगातार सडक़ों पर चल रहे हैं। इतने चालान होने के बाद भी इन्हें इंपाउंड करने का प्रयास ट्रैफिक पुलिस की ओर से नहीं किया जा रहा। काफी वाहन चंडीगढ़ में ही बेचे गये हैं।
इन पर पुलिस आसानी से शिकंजा कस सकती है। जानकारी के मुताबिक वाहन पुराने वाहन मालिक के नाम से ही चल रहे हैं जिससे शोकॉज नोटिस उनके घर पहुंच गये हैं। ट्रैफिक उल्लंघना करने में हालांकि उनका कोई कसूर नहीं है लेकिन रजिस्ट्रेशन न बदलवाने के चलते सैकड़ों चालान का नोटिस पुराने वाहन मालिक के पास पहुंच रहा है। दैनिक अर्थप्रकाश अखबार में काम करने वाले कृष्ण कुमार के साथ भी इसी तरह की दिक्कत पेश आई। उन्होंने अपना वाहन नंबर (सीएच-03 डब्लयू-0144) दिसंबर 2020 में एजेंट (वाहन डीलर) को बेचा था। डीलर ने इसे आगे किसी को बेच दिया जिसने अभी तक इसे अपने नाम नहीं कराया।
इस वाहन के 127 चालान अब तक हो चुके हैं। कहा जा रहा है कि यह चालान भी नवंबर 2024 से लेकर जनवरी 2025 के बीच हुए हैं। कृष्ण कुमार को चिंता है कि कहीं इस वाहन का दुरुपयोग न हो जाए। दुर्घटना या आपराधिक गतिविधि में यह शामिल हो सकता है। तब इसकी जिममेदारी किसकी होगी? ट्रैफिक पुलिस को जब पता है कि इस वाहन के इतने चालान हो रहे हैं तो इसे जब्त करने की कार्रवाई पुलिस क्यों नहीं कर रही।
यही समस्या कैंबवाला के केवल भारती और साजन शर्मा के सामने पेश आ रही है। केवल भारती ने अपना वाहन सीएच 01 बीपी 6671 डीलर को बेचा जिसने उसे आगे बेच दिया। इस वाहन को खरीदने वाले ने एनओसी भी आरएलए, चंडीगढ़ से कटा ली। अब यह वाहन अपने नाम नहीं कर रहा। इसके भी दो तीन चालान हो चुके हैं जिसे पुराने मालिक केवल भारती ने ही भुगता। आरएलए कार्यालय को गाड़ी का नंबर लिखकर सूचित कर दिया गया है। गाड़ी चंडीगढ़ की सडक़ों पर फर्राटे से दौड़ रही है लेकिन इसे ट्रैफिक पुलिस इंपाउंड नहीं कर रही। बेची गई गाड़ी अपने नाम न कराने के इनमें हजारों मामले हैं। लोगों की अपील है कि ये वाहन जब्त कर इनके मालिकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाए ताकि कानून पसंद और ट्रैफिक नियमों को मानने वाले लोगों को परेशानियां न झेलनी पड़े।