बैलेट पेपर से चुनाव न कराने पर आप की मांग: चंडीगढ़ मेयर चुनाव की तारीख पर सुनवाई टली

AAP demands not to conduct elections through ballot paper

AAP demands not to conduct elections through ballot paper

AAP demands not to conduct elections through ballot paper- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ में 24 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें समय से पहले अपना कार्यकाल खत्म करने और आगामी चुनाव में हाथ उठाकर वोट करने के प्रावधान पर सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी तय की है। कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा है कि क्या मेयर चुनाव टाला जा सकता है? कोर्ट ने प्रशासन से इस पर स्पष्ट निर्देश लाने को कहा है।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर यह अहम घटनाक्रम है और सभी की निगाहें इसके नतीजों पर रहेंगी। शहर के मेयर कुलदीप कुमार ने बुधवार को डिप्टी कमिश्नर (डीसी) निशांत यादव से आगामी चुनाव टालने और मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के लिए 19 फरवरी के बाद चुनाव कराने का अनुरोध किया था। बुधवार को ही उन्होंने इन चुनावों की तारीख बदलने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी जिस पर जस्टिस सुरेश ठाकुर की अदालत में फैसला आना है। मेयर कुलदीप कुमार का कहना था कि मेयर चुनावों की तय डेट 24 जनवरी तक उनका कार्यकाल पूरा नहीं होता है।

दूसरा, आप के पार्षद चाहते थे कि इस बार का चुनाव बैलेट से न होकर हाथ उठाकर सबके सामने निष्पक्ष तरीके से हो जिससे पिछली बार की तरह किसी भी विवाद से बचा जा सके। यहां बता दें कि बीते साल मेयर के चुनाव में रिटर्निंग अफसर बनाये गये अनिल मसीह पर वोटों में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। उन्हें गुप्त तरीके से हुए मतदान के बाद वोटों पर निशान लगाते हुए कैमरे पर कैद किया गया था जिसके बाद कई वोट अवैध घोषित कर भाजपा उम्मीदवार को जिता दिया गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जहां कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया था। कोर्ट ने अनिल मसीह के आचरण को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी।

कोर्ट ने कांग्रेस-आप गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया था। सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर की पोस्ट पर भी गठबंधन का कब्जा रहा था। यही वजह है कि इस मर्तबा आप गुप्त तरीके से नहीं बल्कि हाथ उठाकर मेयर चुनाव करवाना चाहती है। हालांकि कांग्रेस का क्या रवैया है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। बीते चुनाव के दौरान कांग्रेस और आप का गठबंधन बना था। इस बार अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि गठबंधन बनेगा भी या नहीं।

अगर हाथ उठाकर चुनाव होता है तो स्पष्ट तौर पर पार्षदों की पहचान होगी कि कौन किसके पक्ष में है। मेयर चुनावों में पार्षदों का पाला बदलने का खेल लगातार कई सालों से चल रहा है। उनकी खरीद फरोख्त चुनाव से पहले होती रहती है। यही वजह है कि आप मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में पूरी पारदर्शिता से चुनाव चाहती है। कांग्रेसी खेमा सारी स्थिति पर फिलहाल नजर रखे है तो दूसरी ओर भाजपा ने भी  कमर कस रखी है।