चंडीगढ़ नगर निगम में पार्षदों के बीच झड़प; आपस में हाथापाई... मसीह को वोट चोर कहा, अंबेडकर पर गृह मंत्री के बयान पर बवाल मचा

Chandigarh Municipal Corporation Clash During The House Meeting Update

Chandigarh Municipal Corporation Clash During The House Meeting

Chandigarh MC Councilors Clash: चंडीगढ़ नगर निगम में आज मंगलवार को सदन की बैठक के दौरान जमकर बवाल मचा। स्थिति ऐसी पैदा हो गई कि, नौबत बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच हाथापाई की आ गई।

सदन का पूरा माहौल इतना गर्म था कि, दोनों पक्षों से बीच-बचाव किया गया। पार्षदों को पकड़कर दूर-दूर ले जाया गया। लेकिन इस बीच पार्षद एक-दूसरे के ऊपर टूट पड़ने के लिए उत्तेजित देखे जा रहे थे। कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गाबी को ज्यादा गुस्से में देखा गया।

वहीं इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस की ओर से एक-दूसरे पर नारेबाजी भी होती रही। दरअसल, बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच इस तीखी झड़प से पहले सदन में डॉ. भीमराव अंबेडकर के अपमान का मुद्दा उठा और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया।

कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गाबी ने गृह मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया, जिसे कांग्रेस और आप के पार्षदों ने पास किया और अमित शाह के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि, गृह मंत्री अमित शाह बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और आप के इस रवैये पर बीजेपी पार्षदों ने भी आरोप लगाया कि, कांग्रेस ने नेहरू के समय में डॉ. भीमराव अंबेडकर को नीचा दिखाने का काम किया। बीजेपी पार्षदों ने कहा कि, नेहरू के समय में कांग्रेस ने अंबेडकर का जितना अपमान किया, उतना अपमान किसी ने किया।

वोट चोर कहने पर भड़के अनिल मसीह

अंबेडकर पर सदन के अंदर बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच वार-पलटवार चल ही रहा था कि इसी दौरान कुछ पार्षदों ने अनिल मसीह को वोट चोर कहा और इसे लेकर नारेबाजी होने लगी। जिसके बाद अनिल मसीह और बीजेपी के पार्षद और भड़क गए।

वहीं मनोनीत पार्षद अनिल मसीह ने वेल में आकर कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि राहुल गांधी भी जमानत पर बाहर हैं। इस बीच कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के सदस्यों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई और नौबत हाथापाई की आ गई।

एएनआई के हवाले से वीडियो

 

सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया था

पिछले Chandigarh Mayor Election में जो हुआ था, वह तो आपको याद ही होगा कि कैसे मनोनीत पार्षद अनिल मसीह (उस समय रिटर्निंग ऑफिसर) ने गलत तरीके से 8 वोट अवैध घोषित कर दिये थे। जिससे कांग्रेस, आम आदमी पार्टी गठबंधन की हार डिक्लेयर कर दी गई।

क्योंकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे। वहीं चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर की 16 वोट मिलने से जीत घोषित कर दी गई। इस बीच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ गड़बड़ीको लेकर का मोर्चा खोल दिया।

कांग्रेस और आप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जिसके बाद इस मामले में पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई की। बीते पांच फरवरी को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह पर सख्त टिप्पणी की थी।

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था, चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान जो हुआ, वह लोकतंत्र की 'हत्या' और 'मजाक' है। वहीं अनिल मसीह को कोर्ट ने अवमानना का नोटिस भी जारी किया था। अनिल मसीह ने कोर्ट में माना था कि उन्होंने बैलेट पेपर में क्रॉस के निशान बनाए थे।