कांग्रेस की ओर से बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के प्रभारी करण दलाल का खुलासा: ईवीएम ने भाजपा को चुनाव जिताया, प्रायोजित था हरियाणा विधानसभा चुनाव

Karan Dalal, in-charge of the fact-finding committee formed by Congress, disclosed

Karan Dalal, in-charge of the fact-finding committee formed by Congress, disclosed

Karan Dalal, in-charge of the fact-finding committee formed by Congress, disclosed- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I हरियाणा कांग्रेस की ओर से दोबारा ईवीएम पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ा गया है। चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कांग्रेस की ओर से हार को लेकर बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग  कमेटी के प्रभारी करण सिंह दलाल ने सीधा आरोप लगाया कि चुनाव आयोग, भारतीय जनता पार्टी के साथ मिला हुआ था जिसकी वजह से चुनाव में बड़े स्तर पर धांधली हुई।

हरियाणा विधानसभा का चुनाव पहले से ही प्रायोजित था। सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान करण सिंह दलाल ने तथ्यों के साथ अपनी  बात को सामने रखा। इस दौरान थानेसर से विधायक अशोक अरोड़ा भी उनके साथ थे।

दलाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने न केवल आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया बल्कि भाजपा के हिसाब से इसमें कई मैनीपुलेशन भी की। हर सर्वे में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई जा रही थी लेकिन असल नतीजों में बाजी पूरी तरह से पलट दी गई। ऐसा लग रहा था कि ईवीएम चुनाव आयोग की नहीं बल्कि भाजपा की मशीनें हैं। चुनाव में पूरा का पूरा सिस्टम ही भाजपा के लिए काम कर रहा था।

यहां तक कि हरियाणा के बेईमान पुलिस अफसरों ने भी अपनी जमीर गिरवी रखकर भाजपा के साथ मिलकर पूरा खेल किया। यूं कहें कि दिन दहाड़े डाका डाला गया  तो  यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ अफसर शामिल थे। जिन अफसरों ने भी गलत काम किया उन सभी के नाम मैं अपनी अगली रिपोर्ट में बताऊंगा। किस पुलिस कप्तान ने क्या किया, सबके नाम उजागर किए जाएंगे।

करण सिंह दलाल ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस ने हाईकमान के आदेश पर फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। जब चुनाव शुरू हुआ तो चुनाव के दौरान रैलियां, जुलूस निकले, हर बूथ पर कांग्रेस नजर आ रही थी। भाजपा के पास बूथ पर एजेंट तक नहीं थे लेकिन जो परिणाम सामने आए, वह सभी को हैरान कर देने वाले थे। चुनाव के आंकड़ों को भ्रामक बताते हुए उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह चुनाव नहीं बल्कि दिखावा था। भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र का मजाक उड़ाया। सब कुछ एक योजनाबद्ध तरीके से किया गया। खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का चुनाव नतीजों से पहले वक्तव्य देखा जा सकता है जिसमें कह रहे हैं कि सब प्रबंध कर लिया गया है। प्रत्याशियों के सिंबल लोडिंग को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी भी कई जगह बंद कर दिये गये। आखिर ऐसा क्यों करना पड़ा? इससे भाजपा की मंशा स्पष्ट तौर पर जाहिर हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी 90 सीटों पर खेल नहीं हुआ। जहां भाजपा को 80 फीसदी से ऊपर के स्ट्राइक  रेट के साथ वोट मिले, वहां ये खुल्लमखुला खेल चला। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा के मंत्रियों की हार हुई, करीब दर्जन प्रत्याशियों  की जमानत जब्त हो गई तो क्या ऐसा कभी चुनाव जीतने वाली पार्टी के साथ देखा है? 

ये आया फैक्ट एंड फाइंडिंग रिपोर्ट में सामने

करण सिंह दलाल ने कहा कि मैंने जो फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट दी है, उसके आधार पर मैं बताना चाहूंगा कि किस उम्मीदवार को कितने वोट मिले। इसका डेटा आज तक वेबसाइट पर नहीं है। आज भी 5 तारीख के वोटों का ब्यौरा नहीं है।

चुनाव आयोग ईवीएम की बैटरी को यूनिक बताता है और साथ ही चुनाव के बाद और गिनती से पहले बैटरी बदलने की बात भी करता है। 17सी फॉर्म देकर भी चुनाव आयोग ने सिर्फ वोटिंग का प्रतिशत ही बताया है। ये नहीं बताया कि कुल कितने वोट पड़े। 5 तारीख को चुनाव आयोग ने 7 बजे तक बताया कि 61.19 प्रतिशत मतदान हुआ और 7 तारीख तक ये आंकड़े बदल गए। यह कहीं न कहीं दिखा रहा है कि चुनाव में जबरदस्त गड़बड़ हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सारे चुनावी आंकड़ों को लेकर कानूनी लड़ाई भी लडऩे जा रही है। यह पहली मर्तबा है कि किसी विधानसभा चुनाव के खिलाफ 19 याचिकाएं कोर्ट में डली जो कहीं न कहीं चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रही  हैं।