उत्तराखंड एकता मंच के आह्वान पर आयोजित सम्मेलन में चंडीगढ़ स्थित ट्राईसिटी के उत्तराखंडी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए
Uttarakhand Ekta Manch
Uttarakhand Ekta Manch: उत्तराखंड में पिछड़े हुए पर्वतीय क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची/ ट्रायल स्टेटस के अंतर्गत शामिल करने एवं तदनुसार क्रियान्वयन की अत्यंत आवश्यकता है।राज्य और राज्य के बाहर चल रहे अनेकों अनेक प्रदर्शनों और सम्मेलन के माध्यम से आज आमजन भ्रमित सा हो रहा है। आज उत्तराखंड एकता मंच के आह्वान पर आयोजित सम्मेलन में चंडीगढ़ स्थित ट्राईसिटी के उत्तराखंडी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उत्तराखंड एकता मंच चंडीगढ़ साखा के मिडिया प्रभारी शशी प्रकाश पांण्डे ने बताया कि यह कार्यक्रम चंडीगढ़ स्थित गढ़वाल सभा भवन के परिसर में आयोजित किया गया और कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राम प्रसाद सुंडली द्वारा की गई।
इसमें वक्ताओं ने संविधान की पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए अपनी बात रखी। भूक़ानून, जल -जंगल -ज़मीन एवं मूलनिवास के नाम पर अलग अलग फैला रहे भ्रम पर विस्तार से चर्चा हुई।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में ब्रिटिश काल से ही अपनी सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए “जिला अनुसूचित अधिनियम 1874” लागू था जिससे जल, जंगल, ज़मीन के अधिकार सुरक्षित थे परन्तु स्वतंत्रता के पश्चात इस अधिनियम को बदलकर भारतीय संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची को देश में लागू किया गया लेकिन उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों को इस सूची से हटाकर बाहर कर दिया गया जिससे हमारी सांस्कृतिक पहचान , बोली- भाषा और मूल अधिकारों से ह्लास होना प्रारम्भ हो गया फलस्वरूप पलायन को भी बढ़ावा मिला, गाँव के गाँव ख़ाली हो गये और हमारी पह्चान और अस्तित्व पर संकट के बादल मँडराने शुरू हो गए। अपने पुराने अधिकारों एवं स्वरूप को प्राप्त करने के लिए उत्तराखंड एकता मंच बहुत समय से प्रयासरत है जिसमें देश भर में उत्तराखंडी समुदाय का भरपूर समर्थन मिल रहा है। इस
सम्मेलन में 22 दिसंबर 2024 को दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित हो रहे मूल निवास संसद में भाग लेने का भी आह्वान किया गया है। उत्तराखंड एकता मंच से महेंद्र सिंह रावत, इंजि० विश्व मोहन जोशी, गिरीश सकलानी, सुनील जोशी, दीपक परिहार, हर सिंह कुंजवाल विक्रम सिंह विष्ट पूर्व प्रधान गढ़वाल सभा, शंकर सिंह पवार प्रधान गढ़वाल सभा, भागीरथ नेगी, धरमपाल रावत अध्यक्ष उत्तराखंड युवा मंच, शशि प्रकाश पांडे , रजिंदर सिंह रावत , भारत सिंह नेगी , गढ़वाल सभा के महासचिव विरेंद्र कंडारी, जगमोहन सिंह रावत एवं बसंत बंदूनी सह कोर्डीनेटर ने संविधान की 5वीं अनुसूची के प्रावधानों और उससे होने वाले लाभों से अवगत कराया।