चंडीगढ़ में बिजली वितरण का हुआ निजीकरण: यूटी बिजली कर्मचारियों को सभी सेवा लाभ सुरक्षित रहेंगे प्रशासक

Privatization of electricity distribution in Chandigarh

Privatization of electricity distribution in Chandigarh

Privatization of electricity distribution in Chandigarh- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I केंद्र की आत्मनिर्भर भारत अभियान की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए चंडीगढ़ में बिजली वितरण उपयोगिताओं का निजीकरण कर दिया गया है। कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए भी कई प्रावधान किये गये हैं। कर्मचारियों को नए चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में स्थानांतरित किया जाना है। ‘चंडीगढ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज मास्टर ट्रस्ट’ बनाया गया है जिसे भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत शामिल किया गया है। इंप्लायज मास्टर ट्रस्ट स्थानांतरित कर्मचारियों की सभी टर्मिनल लायबिल्टीज (देनदारियों) देगा और कंपनी द्वारा इस खाते में 263 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित की जाएगी। निजीकरण प्रक्रिया में आगे बढऩे के लिए, चंडीगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार को उच्चतम बोली लगाने वाली कंपनी को इंटेंट लैटर (आशय पत्र) जारी किया है। ड्राफ्ट ट्रांसफर स्कीम में स्थानांतरित कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किये गये हैं।

स्थानांतरित कर्मियों पर लागू सेवाओं की शर्तें किसी भी तरह से स्थानांतरण तिथि से ठीक पहले उन पर लागू शर्तों से कम अनुकूल या कम नहीं होंगी। ऐसे सभी कर्मियों को सभी मामलों में सेवाओं की निरंतरता प्राप्त रहेगी। स्थानांतरण तिथि से पहले प्रशासन केतहत उनकी सेवा के दौरान कंपनी को उनके हकदार सरकारी लाभों सहित अर्जित सेवा के सभी लाभों को पूरी तरह से मान्यता मिलेगी और इन्हें संरक्षित किया जाएगा।

ऐसे कर्मियों के किसी भी या सभी टर्मिनल लाभों के भुगतान सहित सभी उद्देश्यों के लिए ध्यान में रखा जाएगा। कंपनी द्वारा उनकी पूर्व सहमति के बिना स्थानांतरित कर्मियों को चंडीगढ़ के बाहर तैनात नहीं किया जाएगा। ट्रस्ट से टर्मिनल लाभों को स्वीकृत और वितरित करने की सभी प्रक्रियाएं ट्रस्टी बोर्ड की सिफारिश पर प्रशासन द्वारा निर्धारित की जाएंगी। ट्रस्ट तब तक कार्य करेगा जब तक कि स्थानांतरित कर्मचारियों की टर्मिनल देनदारियों का पूरा भुगतान नहीं हो जाता। इसके लिये चंडीगढ़ विद्युत सुधार स्थानांतरण योजना तैयार की गई है और चंडीगढ़ प्रशासन से ‘चंडीगढ़ विद्युत वितरण लिमिटेड’ (सीपीडीएल) को कार्यों का हस्तांतरण विद्युत सुधार स्थानांतरण योजना के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए विशिष्ट प्रावधान शामिल किए गए हैं।

चंडीगढ़ प्रशासन कंपनी में कर्मियों के स्थानांतरण पर विकल्प/अभ्यावेदन/सुझाव प्राप्त करने के लिए स्थानांतरण तिथि से एक समिति का गठन करेगा और कंपनी में कर्मियों के स्थानांतरण के मामलों में उनकी शिकायतों के संबंध में प्रशासन को सिफारिश करेगा। प्रशासन, समिति की सिफारिशों पर विचार करने के बाद, कंपनी में स्थानांतरित कर्मियों के संबंध में ऐसे आदेश पारित करेगा, जिन्हें वह उचित समझे। पावर डिस्ट्रीब्यूशन आरपीएसजी समूह के अध्यक्ष पीआर कुमार ने कहा कि हम उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम चंडीगढ़ विद्युत विभाग से कंपनी में स्थानांतरित होने वाले कर्मचारियों की सेवा शर्तों और पेंशन लाभों का अक्षरश: सम्मान करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।

चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति और वितरण के निजीकरण से विभिन्न उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। चंडीगढ़ इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट से कंपनी में ट्रांसफर होने वाले कर्मचारियों को भी सभी पेंशनर बेनेफिट मिलेंगे। बिजली पावर सप्लाई के प्राइवेटाइजेशन व डिस्ट्रीब्यूशन से उपभोक्ताओं को कई तरह के लाभ मिलेंगे। उपभोक्ताओं को इंप्रूव्ड, प्रो-एक्टिव, रिस्पोंसिव व डिजीटली इनेबल्ड कस्टमर सर्विस मिलेगी और साथ ही माडर्न ऑपरेशनल टेक्नोलॉजीस शुरु होने का रास्ता खुलेगा। ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लॉसिस भी इससे घटेंगे जिससे अंतत: कंज्यूमर को लाभ होगा।

मेसर्स एमिनेंट पावर कंपनी लिमिटेड के हवाले अब विभाग बिजली क्षेत्र में स्ट्रक्चरल रिफोर्म्स करने को लेकर 2020 में शुरू हुई सुधार प्रक्रिया का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं, ऑपरेशनल इंप्रूवमेंट, डिस्ट्रीब्यूशन में फाइनेंशियल एफीशियेंसी है। सुधारों का मकसद है कि देश के समक्ष यह प्रक्रिया एक मॉडल बने, इसलिये चंडीगढ़ में इसकी शुरुआत हुई। चंडीगढ़ में निजीकरण की प्रक्रिया के तहत मेसर्स एमिनेंट पावर कंपनी लिमिटेड को सफल बोलीदाता के रूप में चुना गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद, ‘चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड’ (सीपीडीएल) का गठन किया गया।

प्रशासक के सामने कर्मचारियों के सेवा लाभों पर चर्चा

21 नवंबर 2024 को यू.टी, चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में, नई कंपनी में स्थानांतरित किए जाने वाले कर्मचारियों के सेवा लाभों से संबंधित मामले पर चर्चा की गई। प्रशासक द्वारा यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि कर्मचारियों के सभी मौजूदा सेवा लाभों की सुरक्षा की जाए। प्रशासक ने विशेष रूप से यूटी पावरमैन यूनियन की शिकायतों को ठीक से संबोधित करने का निर्देश दिया है।