चंडीगढ़ में कहां-कहां 'रावण' के कैसे पुतले, यहां तस्वीरें; सेक्टर 46 में 'दशानन' का सबसे ऊंचा पुतला, 17 में 60 तो 24 में 45 फीट लंबाई

Chandigarh Dussehra Ravan Kumbhakarna Meghnad Effigies Ready For Dahan

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Chandigarh Dussehra Ravan Dahan: आज देशभर में दशहरे का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह मेले सज गए हैं और दहन के लिए रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले तैयार करके खड़े कर दिए गए हैं। एक बार फिर आज बुराई रूपी रावण का अंत होगा। रावण के साथ-साथ उसके भाई कुंभकरण और उसके पुत्र मेघनाद का भी दहन किया जाएगा।

वहीं दहन से पहले रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। कई जगहों पर रावण के काफी बड़े और ऊंचे पुतले भी बनाए गए हैं। चंडीगढ़ में भी विभिन्न जगहों पर रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले तैयार हो गए हैं। शाम को रामलीला मंचन के साथ रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाए जाएंगे।

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चंडीगढ़ के सेक्टर-46 में रावण का सबसे ऊंचा पुतला

चंडीगढ़ के सेक्टर-46 में रावण का सबसे ऊंचा पुतला खड़ा किया गया है। सेक्टर-46 रामलीला एंव दशहरा कमेटी की तरफ से लगभग 105 फीट ऊंचा रावण बनाया गया है। रावण की हाइट जहां 105 फीट है तो वहीं उसकी चौड़ाई लगभग 10 फीट रखी गई है। शहर के इस सबसे ऊंचे रावण को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से कारीगर चंडीगढ़ पहुंचे थे। जिन्होंने रावण की रूप रेखा तैयार की। रावण के साथ-साथ यहां मेघनाद और कुंभकरण के पुतले भी खड़े किए गए हैं। जिनकी लंबाई रावण से कम रखी गई है।

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चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में 60 फीट ऊंचा रावण का पुतला

चंडीगढ़ के सेक्टर-17 रामलीला एंव दशहरा कमेटी की तरफ से यहां परेड ग्राउंड में लगभग 60 फीट ऊंचे रावण का पुतला तैयार करवाया गया है। परेड ग्राउंड में रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले एक साथ कुछ-कुछ दूरी पर खड़े किए गए हैं। यहां तीनों के पुतलों की लंबाई लगभग बराबर ही है। रावण दहन देखने के लिए सेक्टर-17 परेड ग्राउंड में लोगों की भारी भीड़ जुटने वाली है। यहां पूरे शहर से लोग रावण को जलते देखने के लिए पहुँचते हैं।

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चंडीगढ़ के सेक्टर-24 में 45 फीट ऊंचा रावण का पुतला

वहीं चंडीगढ़ के सेक्टर-24 में सरस्वती दशहरा कमेटी की तरफ से वाल्मीकि ग्राउंड में 45 फीट ऊंचा रावण का पुतला खड़ा किया गया है। रावण के साथ-साथ मेघनाद व कुंभकरण के पुतले भी खड़े किए गए हैं। रावण के अलावा मेघनाद व कुंभकरण के पुतले की लंबाई लगभग 40-40 फीट रखी गई है। पुतलों को बनाने वाले कारीगर 20 से 25 दिन पहले यहां आ गए थे। कारीगर पंजाब के राजपुरा के रहने वाले हैदर अली और उनके मेंबर हैं।

सेक्टर-24 में सरस्वती दशहरा कमेटी की तरफ से यहां यह 36वां दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। हर बार की तरह इस बार भी मुख्य अतिथि के तौर पर यहां एसएसपी चंडीगढ़ की शिरकत होगी। साथ ही और कई चर्चित हस्तियां भी शामिल होंगी। वहीं रावण, मेघनाद और कुंभकरण दहन देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ेगी।

सेक्टर-24 में रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुँचते है। इस दशहरे पर सरस्वती रामलीला कमेटी सैक्टर 24 के सदस्य अपनी कलाकारी भी प्रस्तुत करेंगे। दशहर कमेटी के चेयरमैन दर्शन कुंद्रा, प्रधान सुभाष गोयल, सेक्ट्री जनरल प्रेम शम्मी और अन्य सदस्य हैं।

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चंडीगढ़ के सेक्टर-43 में रावण का 60 फीट ऊंचा पुतला

चंडीगढ़ के सेक्टर-43 में भी रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले खड़े किए गए हैं। यहां भी शाम को तीनों के पुतलों का दहन किया जाएगा। सैक्टर 17 की तरह ही सेक्टर-43 में रावण का 60 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया है। रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले एक साथ कुछ-कुछ दूरी पर खड़े किए गए हैं। रावण के पुतले से मेघनाद व कुंभकरण के पुतले में लंबाई का थोड़ा-बहुत अंतर रखा गया है।

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चंडीगढ़ के सेक्टर-56 में रावण का 50 फीट ऊंचा पुतला

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चंडीगढ़ के सेक्टर-40 में रावण का 60 फीट ऊंचा पुतला

चंडीगढ़ के सेक्टर-40 में रावण का लगभग 60 फीट ऊंचा पुतला खड़ा किया गया है। साथ ही मेघनाद और कुंभकरण के पुतले 30 से 40 फीट लंबे बनाए गए हैं. वहीं सैक्टर 41 में 50 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है। चंडीगढ़ के इन हिस्सों के अलावा 42, 37, 30, 7, 22, 20, 29, 34, राम दरबार, डड्डु माजरा/धनास और बापूधाम में भी रावण, मेघनाद-कुंभकरण के पुतले खड़े किए गए हैं। पॉल्यूशन कम हो, इसके लिए पुतलों को इको फ्रेंडली ग्रीन पटाखों से भरने की परमिशन है। पुतलों में लोहा, बांस, कागज, कपड़े और फाइबर का भी इस्तेमाल हुआ है।

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चंडीगढ़ में 2019 में जला था दुनिया का सबसे ऊंचा रावण

दुनिया के सबसे ऊंचे रावण का रिकार्ड चंडीगढ़ के नाम है। चंडीगढ़ में 2019 में 221 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया था। 221 फीट रावण के इस पुतले को तेजिंदर राणा ने चंडीगढ़ के धनास गांव में तैयार करवाया था जिसे देखने के लिए 2 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे। रावण के पुतले का दहन रिमोट से किया गया था। इसकी खासियत यह थी कि जहां रावण की ऊंचाई 221 फीट थी तो वहीं रावण की 40 फीट लंबी मूछें थीं।

इसके साथ ही रावण की 55 फुट की तलवार थी, जबकि ढाल 12 फुट की थी। तलवार का वजन 2 क्विंटल था। रावण को तैयार करने में 3 महीने से ज्यादा का वक्त लगा था और इसमें 40 लोगों की टीम लगी हुई थी और 30 लाख का खर्च आया था।

दशहरा का पर्व क्यों मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस खास अवसर पर देशभर में कुंभकरण, रावण और मेघनाथ के पुतले दहन (Dussehra 2024 Ravana Dahan) किए जाते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार, दशमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। मतलब रावण जोकि बुराई का प्रतीक था उसका श्रीराम ने नाश किया था। इसीलिए आज भी बुराई पर अच्छाई की जीत मानकर रावण का दहन किया जाता है।