ज़ब पापा इनफ़ोर्समेंट विंग के ज़ोन इंचार्ज तो चालान कौन कटेगा ?

Zone Incharge of Enforcement Wing

Zone Incharge of Enforcement Wing

चंडीगढ़ / खुशविंदर धालीवाल 13 सितंबर : Zone Incharge of Enforcement Wing: बड़ी पुरानी कहावत है सैन्या भये कोतवाल अब डर काहे का  चंडीगढ़ नगर निगम का एनफ़ोर्समेंट विंग सिद्ध करने पर तुला हुआ है l इनफ़ोर्समेंट के जोन इंचार्ज देविंदर पाल सिंह उर्फ़ डी पी सिंह इनके सारे शहर के कई बूथ और शोरूम है इनमे से कुछ बूथ नंबर 324 और बूथ नंबर 326 सेक्टर 37 डी चंडीगढ़ l बूथ नंबर 324 में फ़ास्ट फ़ूड ओबेरॉयज़ किचेन और बूथ नंबर 326 जिस मे एस एस ऑटो मॉल के नाम से कार बाजार का काम चल रहा l जिसे चला रहे है डीपी सिंह के बच्चे अब ज़ब पिता नगर निगम मे ज़ोन इंचार्ज हो तो है किसी की हिम्मत जो इंक्रोचमेंट का चालान कर सके l दादा गिरी का आलम ये है l तीनो बूथ के आगे रेलिंग तक बरामदा ब्लॉक बूथ नंबर 326 क्योंकि कार्नर बूथ है इसके साथ लगती सारी जगह आगे से पीछे तक सारी परमानेंट टाइल लगा कर पक्के स्टैंडिंग टेबल फिक्स कर दिए गए फ्रंट में ग्रीनरी लुक देने के लिए दस बाय दस का एरिया एक दम लेविश ग्रीन सारे शहर को इंक्रोचमेंट फ्री करने के लिए जिस अधिकारी को प्रशासन ने जिम्मेदारी दी हो वो व्यक्ति ऐसा काम करे तो फिर तो शहर राम भरोसे है l 

क्या कहते है एरिया इंचार्ज अधिकारी नगर निगम इनफ़ोर्समेन्ट विंग 

इस बारे में ज़ब एरिया इंचार्ज राजेश कुमार से बात की गई तो वो बेबसी से बोले मेरे सीनियर है मैं कुछ नहीं कर सकता l बातो बातो में इस बात क़ी पुष्टि भी हुई निगम के दो बेलदार जो वेतन तो नगर निगम से पाते है पर ड्यूटी साहब के बूथ पर बजाते है l राजेश कुमार ने अपनी बेबसी बताई मैं उनका जूनियर हूँ वो मेरे बॉस है मैं उन्हें एक्सपोज़ नहीं कर सकता मैंने उन्हें परमिशन लेने को बोला है वो एक दो रोज़ में परमिशन ले लेंगे राजेश कुमार इस बात से सहमत है जिस व्यक्ति की ड्यूटीही सारे शहर को इंक्रोचमेंट फ्री बनाने को हो उसे भी क़ानून के दायरे में काम करना चाहिए l

पिता है ज़ोन इंचार्ज तो परमिशन किस बात क़ी

नगर निगम ने रेवन्यु बढ़ाने के लिए शहर क़ी बूथ मार्किट में फ़ास्ट फ़ूड और ढाबा चलाने वाले दुकानदारों को प्रतिमाह कुछ फीस तय करके उन्हें दुकान के आगे कुर्सी टेबल लगाने क़ी परमिशन तो दी हुई है लेकिन उस में ये तक क्लियर नहीं लिख कर दिया कितनी टेबल लगनी है कितनी कुर्सियां लगनी है काउंटर लगना है या नहीं यहाँ तक कि नगर निगम अधिकारियो ने ये तक नहीं सोचा कि चलो जगह ही तय कर दे अब दादा गिरी देखिए बूथ नंबर 324 में ओबेरॉयज़ किचन के पास परमिशन तक नहीं है जैसा कि एनफ़ोर्समेंट के अधिकारी राजेश कुमार ने बताया

बूथ किराये पर लिया है जो कुछ भी है पहले से ही है : डी पी सिंह

डी पी सिंह से ज़ब फोन पर बात की गई तो सेक्टर 37 डी के उक्त बूथस पर अपने बच्चों द्वारा काम चलाने की बात स्वीकारी ज़ब बात इंक्रोचमेंट की की गई तो इस बात से साफ मना किया प्रॉपर्टी हमारी है l उन्होंने बताया कि ये दुकाने किराये की है जो कुछ भी यहाँ पर इंक्रोचमेंट है वो पहले से है हम इसे हटा देंगे l जबकि सचाई ये है कि  बूथनंबर 336  साल 2003 से इस परिवार की प्रॉपर्टी है l

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