ली करबुजिए की बिल्डिंग का बदला जा रहा स्वरूप  

The appearance of Le Corbusier's building is being changed

The appearance of Le Corbusier's building is being changed

The appearance of Le Corbusier's building is being changed- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। बीती 11 सितंबर को चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग के ईई सीपी डिवीजन 3  ने 53 लाख रुपये के कुल नौ ई-टेंडर जारी किए। ली-करबुजिय ब्लॉक सेक्टर 19 की रिपेयर के लिए भी इसमें 2 लाख 36 हजार रुपये के टेंडर जारी किए गए हैं। प्रशासन कितना गैर जिम्मेदार है, यह उसकी इतनी महत्वपूर्ण टेंडर निकालने के तरीके से पता चल रहा है। हैरानी यह है कि ली-करबुजिए सेंटर के नवीनीकरण कार्य को अन्य सामान्य मरम्मत कार्यों के साथ जोड़ा गया है, जिसे चंडीगढ़ की सबसे पुरानी और सबसे अच्छी विरासत इमारतों में से एक माना जाता है। इस बिल्डिंग के प्रति चंडीगढ़ प्रशासन और इंजीनियरिंग विभाग की यह पूरी तरह से असंवेदनशीलता दिखाता है। इससे भी आश्चर्यजनक बात यह है कि , स्टाफ ली-करबुजिए के नाम की सही स्पेलिंग (वर्तनी) भी नहीं जानता है।

टेंडर के आइटम-वार विवरण को देखने के बाद यह पाया गया है कि बिल्डिंग में व्यापक पेंट (400 वर्ग मीटर से अधिक) का काम किया जाएगा और पेंट की कई परतें लगाई जाएंगी। दूसरा सीमेंट का प्लास्टर भी किया जाएगा। ईंट का काम भी बिल्डिंग में किया जाएगा। गोल्डन चंप चौखट (लगभग 15 वर्ग मीटर) भी दरवाजों में लगाया जाएगा। फ्लश दरवाजे और खिड़की के शटर भी लगाए जाएंगे। दरवाजों और खिड़कियों पर एल्युमिनियम हैंडल भी लगाए जाएंगे एल्युमिनियम टावर बोल्ट और स्लाइडिंग दरवाजे (65) बोल्ट भी यहां लगाए जाएंगे। फ्लोर दरवाजे स्टॉपर (25) भी लगाए जाएंगे।

यानी प्रशासन ली करबुजिए की ऐतिहासिक बिल्डिंग का पूरा लुक बदलने जा रहा है। इस बिल्डिंग को चंडीगढ़ की एक प्रमुख विरासत संपत्ति में माना जाता जा है। सेकंड इनिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गर्ग के मुताबिक इस बिल्डिंग को संरक्षित किया जाना चाहिए और विरासत समिति की मंजूरी के बिना इसके बाहरी या आंतरिक परिवर्तन नहीं किए जा सकते हैं। चंडीगढ़ को बनाने वाले ली करबुजिये की विरासत से इतनी बड़ी छेड़ छाड़ की जा रही है जिसे तुरंत रोकना चाहिए। जब बिल्डिंग का पूरा स्वरूप ही बदल दिया तो उसमें विरासत का बचेगा क्या।

इसके अलावा, यह प्रस्तावित मरम्मत एक ठेकेदार और उसके अकुशल कार्यकर्ताओं द्वारा की जाएगी। यदि प्रशासन मरम्मत करने के लिए इतना उतावला है, तो इसे अर्बन प्लानिंग और पुरातत्व सर्वेक्षण स्टाफ को सौंप देना चाहिए जो ऐसी महत्वपूर्ण और विरासत इमारतों के रखरखाव में माहिर हैं।

आरके गर्ग ने कहा कि हमें आशा है कि प्रशासन इस पूरे मुद्दे पर एक बार फिर से विचार करेगा और इमारत को संरक्षित और बनाए रखने के लिए कार्रवाई करेगा।