चंडीगढ़ आवारा पशु दुर्घटना मुआवजा समिति का गठन

Formation of Chandigarh Stray Animal Accident Compensation Committee

Formation of Chandigarh Stray Animal Accident Compensation Committee

Formation of Chandigarh Stray Animal Accident Compensation Committee- चंडीगढ़I पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 18 अगस्त 2023 को (सीडब्ल्यूपी संख्या 22904/2016 (तथा 192 संबंधित मामलों) में जारी निर्देशों के अनुपालन में यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक ने चंडीगढ़ आवारा पशु दुर्घटना/दुर्घटना मुआवजा समिति का गठन किया है। यह समिति गाय, बैल,गधे, कुत्ते, नीलगाय, भैंस और अन्य जंगली, पालतू या परित्यक्त पशुओं सहित आवारा पशुओं/पशुओं द्वारा की गई घटनाओं या दुर्घटनाओं के संबंध में किए गए दावों के लिए भुगतान किए जाने वाले मुआवजे का निर्धारण करेगी। दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया

मृत्यु की स्थिति में होगी। इसके लिये मृत्यु प्रमाण पत्र,आवारा पशु/पशु/कुत्ते के काटने से हुई दुर्घटना के कारण मृत्यु को दर्शाने वाली एफआईआर/डीडीआर की प्रति होनी चाहिये। स्थायी विकलांगता की स्थिति में आवारा पशु/पशु/कुत्ते के काटने से हुई दुर्घटना को दर्शाने वाली एफआईआर/डीडीआर की प्रति होनी चाहिए। योजना के कार्यान्वयन की तिथि के बाद जारी चिकित्सा प्राधिकरण से स्थायी विकलांगता प्रमाण पत्र (70 फीसदी या उससे अधिक की स्थायी विकलांगता दर्शाता हुआ होना चाहिए)

अस्पताल से छुट्टी का सारांश, चोट लगने की स्थिति में घटना/दुर्घटना को दर्शाने वाली एफआईआर/डीडीआर की प्रति होनी चाहिए। चोट के प्रकार, उसकी गंभीरता और किए गए व्यय को दर्शाने वाली चिकित्सा रिपोर्ट/उपचार दस्तावेज दावे की वास्तविकता और दावेदार की पहचान स्थापित करने के लिए आवश्यक समझा जाने वाला कोई अन्य दस्तावेज भी होना चाहिए। समिति दावे की वास्तविकता को सत्यापित करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त दस्तावेजों का अनुरोध कर सकती है।

मुआवजे का विवरण

मृत्यु की स्थिति में मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। स्थायी विकलांगता की स्थिति में मुआवजा पांच लाख रुपये होगा।  स्थायी अक्षमता के लिए सक्षम चिकित्सा प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित दो लाख का मुआवजा होगा। चोट लगने की स्थिति में: संबंधित नीति में निर्धारित अधिकतम राशि के अधीन, समिति द्वारा मुआवज़ा निर्धारित किया जाएगा। कुत्ते के काटने के मामलों में, मुआवज़े में प्रति दाँत के निशान के लिए न्यूनतम 10,000 रुपये घाव के 10.2 सेमी के लिए न्यूनतम 20,000 रुपये, जहाँ मांस त्वचा से अलग हो गया हो मिलेगा। प्रक्रिया और समय-सीमा भी तय की गई है। घटना/दुर्घटना की तारीख से तीन महीने के भीतर दावा दायर किया जाना चाहिए। समिति तथ्यों की पुष्टि करेगी और संबंधित विभागों/एजेंसियों से सिफारिशें माँगेगी। मुआवज़े का भुगतान सीधे पीडि़त या कानूनी उत्तराधिकारी के बैंक खाते में किया जाएगा। दावों और अपेक्षित दस्तावेज़ों को प्राप्त करने के चार महीने के भीतर पुरस्कार पारित किए जाएँगे।