Player Heart Attack Video: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में खिलाड़ी की हार्ट अटैक से मौत; रिंग में फाइट करते हुए दिल ने अचानक दिया धोखा

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में खिलाड़ी की हार्ट अटैक से मौत; रिंग में फाइट करते हुए दिल ने अचानक दिया धोखा, ये LIVE DEATH का वीडियो

Chandigarh University Wushu Player Live Death Heart Attack Video Viral

Chandigarh University Wushu Player Live Death Heart Attack Video Viral

Player Heart Attack Video: आज के समय में हम लगातार यह देख रहे हैं कि लोग हंसते-खेलते अचानक मौत की गिरफ्त में आ जा रहे हैं। स्थिति बढ़ते दिनों के साथ और बिगड़ती ही जा रही है। अब चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एक ऐसी ही मौत हुई है। जिसमें एक वुशू खिलाड़ी की अचानक जान चली गई। यह खिलाड़ी रिंग में मौजूद था और अपने प्रतिद्वंदी से फाइट कर रहा था। जहां मुक़ाबले के बीच ही खिलाड़ी की अचानक मौत हो गई। खिलाड़ी की लाइव मौत का वीडियो भी सामने आया है।

राजस्थान का था यह वुशू खिलाड़ी

जिस खिलाड़ी की मौत हुई है। वह राजस्थान यूनिवर्सिटी का बताया जा रहा है। वहीं खिलाड़ी का नाम मोहित शर्मा (21) बताया जाता है। मोहित मूल रूप से जयपुर का रहने वाला था और वहां का डिस्ट्रिक्ट चैंपियन भी था। जबकि वह इन दिनों चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वुशू चैंपियनशिप में मुक़ाबला खेल रहा था। जहां इस दौरान रिंग में उतरने के बाद फाइट मुक़ाबले के बीच मोहित की अचानक मौत हो गई। वह मुंह के बल मैट पर गिर पड़ा। जिसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। शुरुआती जांच में मौत का कारण हार्ट अटैक माना जा रहा है।

लोग भी कुछ नहीं समझ पाये

मोहित की LIVE DEATH का जो वीडियो सामने आया है। उसमें देखा जा सकता है कि, रिंग में मोहित और एक अन्य खिलाड़ी के बीच मुक़ाबला चल रहा है। आसपास मौजूद लोग अपने-अपने खिलाड़ी को चीयर कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच मुक़ाबला खेलने के कुछ देर बाद मोहित की हालत बिगड़ने लगती है। जिस पर वह कंट्रोल करने की कोशिश करता है लेकिन कर नहीं पाता और एक समय में वहीं गिर पड़ता है। मोहित के गिरने के बाद भी लोग यह नहीं समझ पाते कि उसे हार्ट अटैक आया है। हालांकि, बाद में उसे वहां से ले जाया जाता है। जहां इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया जाता है।

वीडियो

अचानक मौत का यह पहला मामला नहीं

ध्यान रहे कि, इन दिनों अचानक मौत के मामले एकदम से बढ़ गए हैं। इन मामलों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि, लोगों की हंसते-खेलते मौत हो जा रही है। देखा जा रहा है कि, वे बिलकुल ठीक हैं और उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया और चंद मिनटों में उनकी मौत हो गई। ऐसे मामलों के जो वीडियोज सामने आए हैं।

देखा गया है कि, कोई चल रहा है, नाच रहा है और उसे हार्ट अटैक आ गया, कोई बैठा है या अखबार पढ़ रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई जिम कर रहा है या केमिस्ट पर दवाई लेने पहुंचा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई खाना खा रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। जिन्हें हार्ट अटैक आया। उनमें ज़्यादातर नौजवान शामिल हैं। आखिर ये क्या हो रहा है?

बहराल, ऐसी मौतों को लेकर चर्चा होनी चाहिए और बचाव के उपाय बताए जाने चाहिए। सरकार को इस ओर मुख्यता ध्यान देना चाहिए। ऐसी मौतों पर मेडिकल साइंस को अब रिसर्च कर कोई इलाज का रास्ता निकालना चाहिए। क्योंकि दिनों-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

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लोग बोल रहे- कोरोना वैक्सीन लगने से ऐसा हो रहा

अचानक मौतों के पीछे लोगों की तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आ रहीं हैं। एक तरफ जहां लोग सरकार से इस तरफ ध्यान को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लोग इन मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को कारण मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि, कोरोना वैक्सीन लगने से इस प्रकार मौतें हो रहीं हैं। लोगों की यह चिंता तब और बढ़ गई है जब पिछले दिनों कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ था।

ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की कोर्ट में पहली बार वैक्सीन की खामी कबूल की थी। कोर्ट में दाखिल अपने दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि, वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे खतरनाक गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clots) लगते हैं। प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं। जिससे ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

हालांकि, एस्ट्राजेनेका का यह भी कहना था कि बेहद दुर्लभ मामलों में ही ऐसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। सभी लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। बता दें कि, भारत में 80% लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई गई है। भारत में उत्पादन के बाद भारत समेत दुनियाभर के और लोगों को भी कोविशील्ड वैक्सीन सप्लाई की गई।

बता दें कि, कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन के फॉर्मूले को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर तैयार किया था। वहीं बाद में भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट ने किया था. इसी वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं। एस्ट्राजेनेका की यह वैक्सीन दुनिया में कोविशील्ड के साथ-साथ वैक्सजेवरिया नाम से भी जानी गई।

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हार्ट अटैक आने पर कैसे दें CPR?

ये स्थिति हम में से किसी के साथ भी घटित हो सकती है। इसलिए अगर आपके सामने ऐसी कोई भी स्थिति आती है तो सबसे पहले मरीज़ को फ़र्श पर लिटा कर उसकी पल्स और धड़कन देखने की कोशिश करें। किसी एक व्यक्ति को फ़ौरन एंबुलेंस को कॉल करने को कहें। अगर नज़दीकी अस्पताल का नंबर है तो उसपर कॉल करें। अगर पल्स नहीं मिल रही तो तुरंत CPR शुरू करें। मरीज़ के आसपास भीड़ ना लगाएँ और CPR तब तक देते रहें जब तक मदद ना आ जाये या मरीज़ की पल्स ना मिलने लगे।

अगर आपको CPR देने की विधि मालूम नहीं है तो आप यहां जान लीजिये। CPR देने की क्रिया में आप मरीज के कन्धों के पास घुटनों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपनी एक हाथ की हथेली को मरीज की छाती के बीच में रखें. दूसरे हाथ की हथेली को पहले हाथ की हथेली के ऊपर रखें। अपनी कोहनी को सीधा रखें और कन्धों को मरीज के छाती के ऊपर सीधाई में रखें।

वहीं अपने ऊपर के शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए मरीज की छाती को कम से कम 2 इंच (5 सेंटीमीटर) और ज़्यादा से ज़्यादा 2.5 इंच (6 सेंटीमीटर) तक दबाएं और छोड़ें।  एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। अगर आपको फिर भी सीपीआर देना नहीं आ रहा है, तो व्यक्ति के हिलने डुलने तक या मदद आने तक उसकी छाती दबाते रहें। शायद आपका कोई दवाब उसकी साँसों को दोबारा लाने में सफल हो जाये। उसका हार्ट काम करने लग जाये।

जिम जाते हैं तो इन बातों को रखें ध्यान

आजकल जिम का क्रेज बहुत ज्यादा बढ़ गया है। फिटनेस से ज्यादा लोग बॉडी बनाने के पीछे पागलों की तरह भाग रहे हैं। जिम में हो रहीं मौतों को देखते हुए हमारे लिए यही सीख है कि जिम करने के पहले ये ज़रूर देखना चाहिए कि हमारी क्षमता कितनी है। दूसरों को देखकर जिम नहीं करना चाहिए।

दरअसल, ज्यादा एक्सरसाइज़ से शरीर पर दवाब बढ़ता है और ऐसे में हमारी सांसें खिंचने लगती हैं। जिसके चलते ये सीधे दिल पर प्रभाव डालती हैं और इस वजह से दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही जिम एक्सरसाइज़ करने वाले प्रोटीन भी सोच समझ के ही लें।