चंडीगढ़ में जनता के पैसों की हो रही लुटाई; बेझिझक कहीं भी चल रही खर्ची, नगर निगम सूची में सबसे ऊपर
Chandigarh Public Money Misuse
Chandigarh Public Money Misuse: भले ही चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने अफसरों के यात्रा से जुड़े खर्चों पर लगाम लगा दी हो लेकिन प्रशासन के महकमे बेझिझक जनता के पैसे को पानी की तरह बहा रहे हैं। नगर निगम से लेकर फोरेस्ट विभाग व अन्य महकमे इसमें पीछे नहीं हैं। नगर निगम के तो सभी महकमों से रंग ही न्यारे हैं। आगामी 19 अगस्त को तीज का त्यौहार है। नगर निगम तीज के त्यौहार पर डेकोरेशन वर्क पर 1 लाख 73 हजार रुपये की भारी भरकम राशि खर्च कर रहा है। इसमें 15 हजार 500 रुपये का तो फूलों से मेन गेट ही बनाया जा रहा है। रायपुर कलां में खुलने जा रहे डॉग एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की डेकोरेशन पर भी नगर निगम 1 लाख 49 हजार 350 रुपये खर्च करने जा रहा है। यहां भी 40 हजार रुपये और 20 हजार रुपये के दो गेट बनाये जा रहे हैं। नगर निगम सेक्टर 17-22 के फ्लोर और अंडरपाथ पर भी 3 लाख 41 हजार रुपये का बड़ा खर्चा करने जा रहा है। इसमें दीवारों पर पेंटिंग एवं आर्टीस्टिक वर्क और दीवारों की क्लीनिंग शामिल है। इसमें शटर रिपेयर पर 20 हजार रुपये और आर्ट वर्क पर 1 लाख 35 हजार 271 रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
यहां बता दें कि यह रास्ता बना तो बरसों से है लेकिन इसका प्रयोग कम ही लोग करते हैं। नगर निगम सीसीटीवी कैमरों पर भी 38 लाख रुपये खर्च करने जा रहा है। ये कैमरे शहर की 25 लोकेशन पर गारबेज डंपरों पर नकेल कसने के लिहाज से यह कैमरे लगाने जा रहा है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बैनर तले पहले से ही पूरे शहर में हजारों कैमरे लग चुके हैं। इनमें से अधिकांश यानि 80 प्रतिशत से ज्यादा तो काम ही नहीं कर रहे हैं। प्रशासक से मांग की गई है कि ऐसे बेफिजूल के खर्चों के जो टैंडर महकमों ने लगाये हैं, उनकी बाकायदा जांच कराई जाए। अगर जरूरी लगे तभी लगवाया जाए। इसी तरह फोरेस्ट विभाग 2023 के बरसाती सीजन के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों व शहर में वाइल्ड एनिमल्स व सांपों के रेस्क्यू के लिए 15 लाख रुपये की भारी भरकम राशि खर्च करने जा रहा है।
सैकेंड इनिंग एसोसिएशन ने प्रशासक को इस संबंध में लैटर लिखा है जिसमें पदाधिकारियों की दलील है कि नगर निगम जिस हिसाब किताब से जनता की गाढ़ी कमाई को बहाने का काम कर रहा है वह किसी भी तरीके से वाजिब नहीं है। इन सारे खर्चों में जनता की कोई रुचि और वेलफेयर नहीं है। एक तरफ तो एमसी लगातार अपनी खराब आर्थिक स्थिति का रोना रोता रहता है, वहीं दूसरी तरफ यहां लगातार भ्रष्टाचार के मामले और बेफिजूल खर्चों के मामले सामने आते रहते हैं। प्रशासन के उच्चाधिकारी इन मामलों पर लगाम लगाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। जिस हिसाब से एमसी काम कर रही है, उस हिसाब से इसकी खुद की इमेज भी खराब हो रही है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पब्लिक मनी के मिस यूटीलाइजेशन पर प्रशासक से रोक लगाने की मांग की है। खासतौर से एमसी की गतिविधियों व खर्चे पर स्कैनर व मॉनीटरिंग की गुजारिश की गई है। कहा गया है कि इससे पहले की एमसी की आर्थिक स्थिति और बिगड़े, यहां के खर्चों व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जाए।
होम व फाइनेंस सेक्रेट्री के कमरे में भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग सिस्टम लगाने की तैयारी
यूटी प्रशासन होम सेक्रेट्री और फाइनेंस सेक्रेट्री के सेक्रेट्रियेट स्थित कमरों में 16 लाख 56 हजार की लागत से वीडियो कान्फ्रेंसिंग सिस्टम लगाने जा रहा है। 9 अगस्त को इसका टैंडर जारी कर दिया गया है और 20 जून 2023 इसकी आखिरी तारीख है। यहां बता दें कि यूटी प्रशासन के पास नए सेक्रेट्रियेट में वीडियो कान्फ्रेसिंग की ठीकठाक सुविधा है। यह सेक्रेट्रियेट हाल ही में बना है और वीडियो कान्फ्रेंसिंग की अगर जरूरत भी है तो पहले से दी गई सुविधा को यहां प्रयोग किया जा सकता है। हर अफसर के कमरे में वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा होने को लेकर शहरवासी सवाल उठा रहे हैं। सैकेंड इनिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि यह अपने आप में गैर जरूरी खर्चा है जिस पर लगाम लगनी चाहिए।
रिपोर्ट- साजन शर्मा