चंडीगढ़ पुलिस ने नाबालिगों को पीटा: पैरों पर डंडे मारे, कहा- मोबाइल चोरी कबूल करो, नहीं तो ड्रग केस में फंसाएंगे
चंडीगढ़ पुलिस ने नाबालिगों को पीटा: पैरों पर डंडे मारे, कहा- मोबाइल चोरी कबूल करो, नहीं तो ड्रग केस म
चंडीगढ़।
------चंडीगढ़ पुलिस कर्मियों ने मोबाइल चोरी के एक मामले में शिकायतकर्ता 2 नाबालिग लड़कों की ही थाने में पिटाई कर दी।
सेक्टर 19 थाना पुलिस ने मोबाइल चोरों को पकड़ने की बजाय दोनों लड़कों को ही थाने बुलाकर चोरी कबूल करने को कहा और डंडो-लातों से बुरी तरह 50 मिनट तक दोनों की पिटाई की। एसआई अशोक कुमार और कांस्टेबल विकास पर आरोप लगे हैं। सोमवार को दोनों बच्चों की परीक्षा है और वह ढंग से चल भी नहीं पा रहे हैं
दोनों लड़के 12वीं के मेडिकल स्ट्रीम के स्टूडेंट्स हैं और कल दोनों का एग्जाम है, लेकिन वे अब एग्जाम देने की स्थिति में नहीं है। गत 20 मई को दोनों ने मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन मामले में पुलिस ही आरोपी बन गई है।
प्रभारी से संपर्क किया गया, मगर बात नहीं हो पाई।
स्कूटी की डिक्की से चोरी हुआ था फोन
सेक्टर 27 के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल के स्टूडेंट वंश ने चोरी की शिकायत दी थी। वंश ने बताया कि 20 मई को वह अपने दोस्तों संग सेक्टर 18 मॉडल स्कूल में पेपर देने गया था। उसका और उसके दो दोस्तों के मोबाइल फोन उसकी एक्टिवा का डिग्गी में रखे थे। पेपर देकर जब वह वापस आए तो उनका फोन डिग्गी में हेल्मेट के नीचे पड़ा था, मगर दोस्तों के फोन गायब थे।
वंश के पर्स में रखे पैसे भी गायब थे। इसकी शिकायत देने वे 18 सेक्टर के बीट बॉक्स पर गए, लेकिन वहां कोई नहीं था। उन्होंने 100 नंबर पर कॉल किया तो सेक्टर 19 थाना पुलिस ने थाने में आकर शिकायत दर्ज करने को कहा। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाय डीडीआर काट दी थी। 20 मई के बाद पुलिस ने 28 मई को शाम को 6 बजे के लगभग फोन किया।
पुलिस वालों ने कहा कि फोन मिल गए हैं। एक्टिवा की फोटो खींचने हैं, जिसमें मोबाइल रखे गए थे तो थाने आ जाओ। वंश और हिमांशु शाम को 7 बजे के लगभग थाने पहुंचे। पहुंचते ही कांस्टेबल विकास वंश का हाथ मरोड़कर अंदर ले गया। वहां एसआई अशोक कुमार बैठा था। उसने फोन के बारे में दोनों से पूछताछ शुरू कर दी। वे वंश-हिमांशु पर ही चोरी का आरोप लगाने लगे।
लिटाकर डंडे-लातें गुप्तांग, पैरों पर मारे
वंश ने बताया कि इसके बाद अशोक और विकास ने दोनों की बुरी तरह पिटाई की। शाम को 7.10 बजे से लेकर 8 बजे तक लगातार पिटाई की। उनके गुप्तांगों, कमर के नीचे के हिस्से, पैरों के तलवे पर बुरी तरह डंडे और लातें मारी गईं। बाजुओं आदि पर चोट पहुंचाई गई। वह ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं। पुलिस ने हिमांशु का फोन छीन लिया था, लेकिन वंश का फोन उनकी जेब में रह गया था।
छिप कर फोन करके परिवार को बुलाया
वंश ने बताया कि उसने छिप कर परिवार को फोन लगाया। शुरू में पुलिस ने परिवार को थाने में नहीं आने दिया। हंगामा होते देख मौके से कांस्टेबल विकास निकल गया था। थाना एसएचओ और परिवार के दबाव में वह करीब डेढ़ घंटे बाद आया। वहीं एसआई मुकेश बच्चों की पिटाई की घटना से इंकार करता रहा। सीसीटीवी फुटेज सामने आने पर ही गलती मानी।
चोरी कबूल लें, नहीं तो ड्रग केस डाल देंगे
हिमांशु के पिता राजेश कुमार यादव ने बताया कि उनके बच्चों पर ही पुलिस दबाव डाल रही थी कि फोन चोरी करने की बात कबूल लें, नहीं तो ड्रग्स के केस में फंसा देंगे। बच्चे अपना ही फोन क्यों चोरी करेंगे। उनकी मेडिकल की परीक्षा चल रही है। अब वह बच्चे का मेडिकल करवाएंगे और पुलिस की इस हैवानियत के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। पुलिस अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए बच्चों पर दबाव बनाती है, इसलिए अब ऊपर के अधिकारियों तक शिकायत देंगे।
मेरी छाती पर चढ़कर मारा
हिमांशु यादव ने बताया कि उनकी उम्र 17 साल है। मेडिकल के स्टूडेंट है। पुलिस ने उसे फोन पर धमकाते हुए थाने बुलाया। वह सेक्टर 30 में रहता है और दूसरा लड़का वंश रायपुर खुर्द में रहता है। शाम को साढ़े 6 बजे वह आ गया। 50 मिनट पिटाई की। पुलिस ने थाने में उसकी छाती पर चढ़कर मारा। जमीन पर लिटा कर पीटा। पैरों और गुप्तांग पर मारा। कहा कि इलेक्ट्रिक मशीन लेने जा रहे हैं और करंट लगाएंगे। वंश का भाई बाहर था, जिसने उसके चीख़ने की आवाजें सुनी और परिवार वालों को बुलाया।