पत्नी के चंडीगढ़ मेयर बनने पर देविंदर बबला की खुशी का ठिकाना नहीं; बोले- 'बबले की बबली' जीत गई, MC में भ्रष्टाचार की जांच होगी
Chandigarh New Mayor Harpreet Kaur Babla Wife Of Devinder Singh Babla
Chandigarh New Mayor 2025: वार्ड नंबर-10 से पार्षद और बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ की नई मेयर बन गईं हैं। उन्होंने आप-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार प्रेमलता को 3 वोटों से हराया है। इस जीत के बाद बीजेपी के खेमे में जश्न का गज़ब माहौल है। खासकर नवनिर्वाचित मेयर हरप्रीत कौर बबला के पति और बीजेपी नेता देविंदर बबला की खुशी का ठिकाना नहीं लग रहा।
पत्नी हरप्रीत कौर बबला के मेयर बनने पर देविंदर बबला को बार-बार यह कहते हुए सुना गया कि, 'बबले की बबली' जीत गई। पत्नी की जीत पर बबला खुश होने के साथ काफी भावुक भी दिखे। दोनों की साथ-साथ कुछ तस्वीरें भी सामने आईं हैं। जिनमें बबला के साथ हरप्रीत कौर बबला को भी भावुक होते हुए देखा जा सकता है। वहीं हरप्रीत कौर बबला जब मेयर की कुर्सी पर आसीन हुईं तो पूरा परिवार उन्हें बधाइयां देने पहुंचा हुआ था।
MC में भ्रष्टाचार की जांच होगी
पहले के मेयर कुलदीप कुमार के भ्रष्टाचार मामले को लेकर देविंदर बबला ने कहा कि, नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार के हर एक मामले में जांच की जाएगी। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं क्रॉस वोटिंग को लेकर बबला ने कहा कि, हरप्रीत कौर बबला की जीत रब की महर से हुई है। अब चाहें इसे क्रॉस वोटिंग कह लो। बबला ने कहा कि, सभी पार्षदों ने ये सोचकर वोट दिया है कि शहर का विकास करना है। शहर को नई दिशा देनी है। क्योंकि पिछले एक साल से शहर में विकास के काम बंद पड़े हैं। अब फिर से विकास कार्य शुरू होंगे और केंद्र से चंडीगढ़ में फंड लाया जाएगा।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बारे में
मालूम रहे कि, चंडीगढ़ में मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है। जनता द्वारा चुने हुए पार्षद इस चुनाव में वोट डालते हैं। वहीं चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में एकलौते मौजूदा सांसद का वोट भी पड़ता है। इस बार कांग्रेस के पास सांसद के वोट की ताकत है। इसके साथ ही इस समय चंडीगढ़ में कुल 35 वार्ड हैं। जिनमें 35 पार्षद हैं। ये सभी पार्षद मेयर चुनाव मेयर पद के उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं।
बीजेपी 2016 से लगातार 2023 तक नगर निगम की सत्ता में काबिज
चंडीगढ़ बीजेपी 2016 से लगातार 2023 तक नगर निगम की सत्ता में काबिज रही है। यानि 8 सालों से चंडीगढ़ में बीजेपी का ही मेयर बनता रहा है। वहीं पिछले मेयर चुनाव 2024 में बीजेपी जीती तो लेकिन उसकी जीत कोई काबिल नहीं रही। फर्जीवाड़े के चक्कर में फंसकर बीजेपी के जीते हुए मेयर को इस्तीफा देना पड़ा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी कांग्रेस-आप गठबंधन के मेयर उम्मीदवार की जीत पर मुहर लगाई।
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