चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चली सुनवाई, अंजाम क्या रहा? यहां देखें बड़ी खबर
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Chandigarh Mayor Election Petition in Punjab-Haryana High Court
चंडीगढ़ को भले ही नया मेयर मिल गया हो लेकिन मेयर चुनाव पर बड़ा विवाद छिड़ा हुआ है और यह विवाद अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) के दरवाजे पर दस्तकदीन है| यानि इस पूरे मसले पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है|
बतादें कि चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है और कहा गया है कि मेयर का चुनाव सही ढंग से नहीं हुआ है| बेमानी तरीके से मेयर का रिजल्ट जारी किया गया| वहीं, इस याचिका पर वीरवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई चली| जहां अब यह खबर मिल रही है कि कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई 4 फरवरी तक टाल दी है| बताया जाता है कि कोर्ट ने याचिका में और बेहतर व उचित तथ्यों के साथ संसोधन करने की बात कही है|
8 जनवरी को हुआ था मेयर चुनाव....
बतादें कि, मेयर चुनाव से पहले चंडीगढ़ में 35 वार्डों में पार्षदी का चुनाव हुआ| जहां जब परिणाम आया तो आम आदमी पार्टी एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी| यानि आम आदमी पार्टी ने शहर के सबसे ज्यादा वार्डों में अपना कब्जा जमाया| इसके बाद बीजेपी ने अपने कब्जे में 12 वार्ड लिए व कांग्रेस ने 8 वार्डों में अपनी जीत दर्ज की| इसके साथ ही अकाली दल की एक वार्ड में ही जीत हुई| वहीं, इधर बाद में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 8 से 7 उस वक्त रह गई| जब एक पार्षद ने बीजेपी का दामन थाम लिया| वहीं, अब जब मेयर चुनाव की बारी आई तो इस वक्त आप के पास 14 पार्षद, बीजेपी के पास 13 पार्षद, कांग्रेस के पास 7 और अकाली के पास पार्षद की संख्या एक थी|
हालांकि, कांग्रेस और अकाली ने मेयर चुनाव में हिस्सा नहीं लिया| जिसके बाद कांटे की टक्कर आप और बीजेपी में हुई| अब आप के पास जहां 14 पार्षद थे तो वहीं बीजेपी के पास भी एक सांसद का वोट लगाके कुल 14 वोट थे| मुकाबला बराबर का हो गया था| लेकिन जब मेयर चुनाव के लिए वोटिंग हुई और इसके बाद वोटों की गिनती की गई तो आप का एक वोट डैमेज निकल गया, जिसे इनवैलिड करारा दिया गया और ऐसे कुल 14 वोटों के साथ बीजेपी ने अपना मेयर बना लिया| आप को एक वोट से शिकस्त खानी पड़ गई| जहां इस दौरान आप ने खूब हंगामा किया और चुनाव प्रक्रिया को गलत बताया| बतादें कि, आप सबसे ज्यादा पार्षद रखते हुए भी न तो मेयर बना पाई और न ही सीनियर डिप्टी मेयर और न ही डिप्टी मेयर|