Chandigarh Mayor Election 2024| चंडीगढ़ में 18 जनवरी को मेयर चुनाव; सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए भी होगी वोटिंग

चंडीगढ़ में 18 जनवरी को मेयर चुनाव; सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए भी होगी वोटिंग, DC ने जारी की अधिसूचना, ये शेड्यूल

Chandigarh Mayor Election 2024 Notification Issued Check Here

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Chandigarh Mayor Election 2024: चंडीगढ़ मेयर चुनाव-2024 के लिए डिप्टी कमिश्नर की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना के मुताबिक, 18 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए नगर निगम असेंबली हॉल में वोटिंग सुबह 11 बजे से कराई जाएगी। सबसे पहले वोटिंग मेयर को लेकर होगी। उसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर और फिर डिप्टी मेयर के लिए वोट डाले जाएंगे। वोटिंग बैलेट पेपर के माध्यम से कराई जाएगी। अनिल मसीह को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। बात अगर नामांकन की करें तो इन पदों के लिए संबन्धित उम्मीदवार 13  जनवरी तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं।

Chandigarh Mayor Election 2024 Notification

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अभी अनूप गुप्ता चंडीगढ़ के मेयर

पिछले साल 17 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव हुआ था। तब वार्ड नंबर- 11 से पार्षद और बीजेपी नेता अनूप गुप्ता चंडीगढ़ के 29वें मेयर चुने गए थे। अनूप गुप्ता ने वार्ड नंबर- 21 से आम आदमी पार्टी के पार्षद और मेयर उम्मीदवार जसवीर सिंह लाडी को हराया था। फिलहाल अब चंडीगढ़ को नया मेयर मिलेगा।

मेयर चुनाव के बारे में

मालूम रहे कि, मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है। जनता द्वारा चुने हुए पार्षद इस चुनाव में वोट डालते हैं। वर्तमान में अगर चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर अलग-अलग पार्टियों की स्थिति देखें तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों की संख्या बराबर (12-15) है। जबकि बीजेपी के पास सांसद का एक वोट अलग से है। मेयर चुनाव में सांसद का वोट भी पड़ता है। वहीं कांग्रेस के पास पार्षदों की संख्या 7 है, जबकि अकाली के पास एक 1 पार्षद है। यानि अकेले के हिसाब से बहुमत बीजेपी के पास है।

पार्षदों पर मत जाइए, क्रॉस वोटिंग से पलट जाती है बाजी

हालांकि पार्षदों की वोटिंग में क्रॉस वोटिंग का अंदेशा बरकरार रहता है। जहां किसी पार्टी के लिए बाजी किसी भी वक्त पलट जाती है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अक्सर क्रॉस वोटिंग देखने को मिलती है। इसके अलावा वोट डैमेज घोषित होने से भी चुनाव रिजल्ट पर प्रभाव पड़ता है। डैमेज वोट की गिनती नहीं की जाती और उसे इनवैलिड करारा दे दिया जाता है। क्रॉस वोटिंग और डैमेज वोट जैसे कारणों से पर्याप्त बहुमत नहीं होने के बावजूद बीजेपी कई बार बाजी मार चुकी है।