चंडीगढ़ मेयर चुनाव 2023: BJP और AAP के उम्मीदवारों की घोषणा... मेयर, सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर के लिए इन नामों पर मुहर
Chandigarh Mayor Election 2023 Nomination
Chandigarh Mayor Election 2023 Nomination: चंडीगढ़ में इस बार मेयर चुनाव 17 जनवरी को होना है। हाल ही में इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी। वहीं मेयर चुनाव के लिए आज नॉमिनेशन का दिन है। अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवार मेयर पद के लिए अपना नॉमिनेशन दाखिल कर रहे हैं। नॉमिनेशन के साथ ही यह स्पष्ट हो जा रहा है कि किस पार्टी से कौन सा उम्मीदवार मेयर के चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोक रहा है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP के उम्मीदवार
- वार्ड नंबर- 21 से पार्षद जसवीर सिंह- मेयर उम्मीदवार
- वार्ड नंबर-18 से पार्षद तरुणा मेहता- सीनियर डिप्टी मेयर उम्मीदवार
- वार्ड नंबर- 4 से पार्षद सुमन देवी- डिप्टी मेयर उम्मीदवार
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP के उम्मीदवार
- वार्ड नंबर- 11 से पार्षद अनूप गुप्ता- मेयर उम्मीदवार
- वार्ड नंबर-33 से पार्षद कंवरजीत राणा- सीनियर डिप्टी मेयर उम्मीदवार
- वार्ड नंबर- 8 से पार्षद हरजीत सिंह- डिप्टी मेयर उम्मीदवार
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मेयर चुनाव के बारे में
मालूम रहे कि, मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है। जनता द्वारा चुने हुए पार्षद इस चुनाव में वोट डालते हैं। वर्तमान में अगर चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर अलग-अलग पार्टियों की स्थिति देखें तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों की संख्या बराबर (14-14) है। बीजेपी के पास सांसद का एक वोट अलग से है। मेयर चुनाव में सांसद का वोट भी पड़ता है। बतादें कि, कांग्रेस के पास पार्षदों की संख्या 6 है, जबकि अकाली के पास एक 1 पार्षद है।
पार्षदों पर मत जाइए, क्रॉस वोटिंग से पलट जाती है बाजी
दरअसल, नेताओं की वोटिंग में क्रॉस वोटिंग का अंदेशा बरकरार रहता है। जहां किसी पार्टी के लिए बाजी किसी भी वक्त पलट जाती है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अक्सर क्रॉस वोटिंग देखने को मिलती है।
चंडीगढ़ का पिछला मेयर चुनाव 8 जनवरी को हुआ था
चंडीगढ़ का पिछला मेयर चुनाव 8 जनवरी 2022 को हुआ था। इस चुनाव में चंडीगढ़ के मेयर का ताज बीजेपी की सरबजीत कौर के सिर सजा था। वार्ड नंबर- 6 से बीजेपी पार्षद सरबजीत कौर चंडीगढ़ की 28वीं मेयर बनी थीं। सरबजीत कौर ने वार्ड नंबर- 22 से पार्षद और आप की मेयर उम्मीदवार अंजू कत्याल एक वोट से हराया था। दरअसल, इस चुनाव में सीधी टक्कर आप और बीजेपी में हुई थी। कांग्रेस और अकाली ने मेयर चुनाव (2022) में हिस्सा नहीं लिया था।
35 में 14 वार्ड जीत के भी AAP के हाथ पूरी तरह खाली रह गए
बतादें कि, चंडीगढ़ के 35 वार्डों में आम आदमी पार्टी के पास 14 वार्ड हैं। यानि पार्टी ने शहर के 14 वार्डों में अपना कब्जा जमाया हुआ है। उसके पास कुल 14 पार्षद हैं। वहीं पिछले मेयर चुनाव के दौरान कांग्रेस के 1 पार्षद के पार्टी में शामिल होने के बाद बीजेपी के पास कुल 13 पार्षद हो गए थे| वहीं इस दौरान कांग्रेस के पास 7 और अकाली दल के पास पार्षद की संख्या 1 थी|
सांसद के चलते बराबरी की टक्कर
चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर बीजेपी से हैं तो ऐसे में लाजमी है कि उनका वोट बीजेपी को ही जाता है| इसलिए जहां आम आदमी पार्टी के पास 14 पार्षदों के वोट थे तो वहीं बीजेपी के पास भी सांसद का एक वोट लगाके कुल 14 वोट हो गए थे। मुकाबला बराबर का हो गया था। लेकिन जब मेयर चुनाव के लिए वोटिंग हुई और इसके बाद वोटों की गिनती की गई तो आप का एक वोट डैमेज निकल गया, जिसे इनवैलिड करारा दिया गया और ऐसे में आप के कुल 13 वोट ही माने गए। इधर कुल 14 वोटों के साथ बीजेपी ने अपना मेयर बना लिया। आप को एक वोट से शिकस्त खानी पड़ गई।
डैमेज वोट का मसला हाईकोर्ट तक पहुंचा
वोट डैमेज घोषित होने के बाद आप ने खूब हंगामा किया था और चुनाव प्रक्रिया को गलत बताया था। लेकिन आप के हंगामे से कुछ हो नहीं पाया और आलम यह रहा कि पार्टी के हाथ मेयर पद तो गया ही गया साथ ही पार्टी न तो अपना सीनियर डिप्टी मेयर बना पाई और न ही डिप्टी मेयर। इधर बाद में आम आदमी पार्टी ने डैमेज वोट को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आप ने हाईकोर्ट में मेयर चुनावी प्रक्रिया को गलत बताया था। हालांकि, बाद में इस मसले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया था।