चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड का बड़ा फैसला; अब बेझिझक मर्ज करिए प्रापर्टी, ट्रांसफर फीस भी अब एस्टेट ऑफिस के बराबर
Chandigarh Housing Board Big Decision on Property Merge
Chandigarh Housing Board Big Decision on Property Merge: चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की वीरवार को हुई मीटिंग में एस्टेट ऑफिस की तर्ज पर कुछ फैसलों पर रजामंदी बन गई। बोर्ड की कमर्शियल बिल्डिंगों में एस्टेट ऑफिस की तर्ज पर ही अब दो या तीन अलग-अलग प्रापर्टी को जोड़ा जा सकेगा। अलॉटी इसकी काफी समय से मांग कर रहे थे। वहीं अब सेक्टर 53 की हाऊसिंग स्कीम को दोबारा चालू करने पर सहमति बन गई। जल्द ही यह हाऊसिंग स्कीम लाई जाएगी। कहा जा रहा है कि हाऊसिंग स्कीम के तहत जो पहले रेट थे, तकरीबन उतने ही रेट पर अब दोबारा स्कीम लांच की जाएगी।
फिलहाल इस स्कीम की अन्य औपचारिकताओं पर बाद में काम होगा और उसके बाद ही यहां बनने वाले फ्लैटों के रेट तय होंगे। जिन अलॉटियों की अलॉटमेंट अवैध निर्माण की वजह से कैंसिल हो चुकी है, उन्हें भी अब इसे दोबारा ठीक कराने का मौका दिया जा रहा है। अगर वह नियमों के मुताबिक इस निर्माण को हटा लेंगे तो उनकी अलॉटमेंट बहाल कर दी जाएगी। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने ऑक्शन वाली कमर्शियल प्रॉपर्टी पर लगाई गई ट्रांसफर फीस को कम करके एस्टेट ऑफिस की तर्ज पर किए जाने का फैसला लिया है।
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड एक बूथ की ट्रांसफर फीस के नाम पर सात लाख रुपये या मार्केट वैल्यू का 7 प्रतिशत, इनमें से जो अधिक हो वसूल करता था। पब्लिकेशन चार्जेस भी रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी से दोगुना वसूल किये जाते थे। यहां बता दें कि संपदा कार्यालय ऑक्शन वाले बूथ की ट्रांसफर फीस 400 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से चार्ज करता है। इसी प्रकार एस्टेट ऑफिस द्वारा एससीएफ व एससीओ की ली जाने वाली ट्रांसफर फीस भी 600/-रु तथा 800/-रु प्रति वर्ग गज है। यानि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड एस्टेट ऑफिस से कहीं अधिक फीस वसूल कर रहा था।
बोर्ड की मीटिंग में चंडीगढ़ प्रशासन के 3 अगस्त 2003 के आदेशानुसार ही ट्रांसफर फीस तय कर दी गई है। इस फैसले से व्यापारियों को राहत मिलने जा रही है।बोर्ड की मीटिंग में ही दूसरा फैसला भी एस्टेट ऑफिस की तर्ज पर हुआ। इसमें तय हुआ कि अगर किसी दुकानदार के दो कमर्शियल बूथ हैं तो वह इसे एक बूथ बना सकता है। फैसले से पहले इसकी अनुमति नहीं थी। इतना ही नहीं केवल दो प्रापर्टी ही नहीं बल्कि तीन बूथ प्रापर्टियां हैं तो इन्हें एक किया जा सकता है। अगर किसी ने यह दोनों या तीनों प्रापर्टियां अलग अलग किराये पर भी ले रखी हैं और तीन प्रापर्टियां अलग अलग नाम से हैं तो इन्हें बीच में एक परमिसिबल डोर देकर आपस में मिलाया जा सकता है। इस फैसले से भी व्यापारियों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है।
चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की सेक्टर 53 में जो हाऊसिंग स्कीम पहले रद्द कर दी गई थी, उसे अब दोबारा बहाल कर दिया गया है। चंडीगढ़ के लोगों की रिहायशी जरूरत देखते हुए इस योजना को दोबारा लाया जाएगा। बोर्ड के सीईओ यशपाल गर्ग ने बताया कि फिलहाल फ्लैट के साइज व रेट इत्यादि को लेकर जो अन्य औपचारिकताएं हैं उन्हें जल्द पूरा किया जाएगा। यहां बता दें कि बोर्ड पहले वर्ष 2018 में यह स्कीम लाया था। इसके बाद बोर्ड ने एक डिमांड सर्वे कराया था जिसमें लोगों ने फ्लैटों के ज्यादा रेट के चलते उस वक्त स्कीम में रुचि नहीं दिखाई थी जिसके बाद इस स्कीम को स्क्रैप कर दिया गया।
यहां बता दें कि स्कीम 9 एकड़ की जमीन पर लांच की जाएगी। सीएचबी करीब 340 फ्लैट इस जमीन पर बनायेगा जिसमें दो बैडरूम व तीन बैडरूम वाले फ्लैट होंगे। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरटी के नियम इस पर लागू होंगे। यहां बता दें कि एक बैडरूम के फ्लैट इस स्कीम में नहीं होंगे क्योंकि डिमांड सर्वे में इसे अच्छा रिस्पॉंस नहीं मिला था। उम्मीद जताई जा रही है कि 31 मार्च तक बोर्ड की मीटिंग के सारे फैसलों को अमलीजामा पहना दिया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए ब्रोशर तैयार हो चुके हैं व एनवायरमेंटल क्लीयरेंस भी हो चुकी है।
सीएचबी को स्कीम से काफी रेवेन्यू जुटाये जाने की संभावना है। सेक्टर 63 में हाल ही की ऑक्शन में तीन बैडरूम का फ्लैट 1.5 करोड़ रुपये का बिका हालांकि इसका रिजर्व प्राइस 1.12 करोड़ ही था। इसी कैटेगरी में एक मकान ऑक्शन में 1.47 करोड़ का बिका। सेक्टर 51 में 97 लाख रुपये रिजर्व प्राइस के अगेंस्ट दो बैडरूम का फ्लैट 1.23 करोड़ रुपये में बिका।
रिपोर्ट- साजन शर्मा