Chandigarh Electricity News

चंडीगढ़: अब बिजली को लेकर यह बड़ी अपील, खुद यूनियन नेता ने जारी किया ये video

Chandigarh Electricity Employees Strike

Chandigarh Electricity News

Chandigarh Electricity News:  चंडीगढ़ में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल (Chandigarh Electricity Employees Strike) से शहर में जहां लोगों के घरों में अंधेरा छाने के साथ उनके जीवन-यापन पर गहरा असर पड़ा तो वहीं शहर में अन्य सार्वजानिक व्यवस्थाएं भी चरमरा गईं| बिजली बाधित होने से शहर में त्राही-त्राही मच गई| जहां यही सब हालात देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने देर शाम एक बड़ा कदम उठाया| कदम था एस्मा लागू करने का| जिससे कर्मचारियों की हड़ताल को जबरन खत्म किया जा सके और बिजली की आपूर्ति की जा सके| वहीं, प्रशासन के एस्मा लागू करने के साथ अब बुधवार को बिजली कर्मचारी यूनियन के एक नेता का वीडियो सामने आया है| जिसमें नेता द्वारा कहा जा रहा है कि कर्मचारी तुरंत काम पर लौटें, फटाफट बिजली चालू करें...

देखें यूनियन नेता की अपील ....

दरअसल चंडीगढ़ पावर यूनियन के नेता गोपाल जोशी का एक वीडियो सामने आया है| इस वीडियो में जोशी हड़ताली कर्मचारियों से काम पर वापिस लौटने की अपील कर रहे हैं| गोपाल जोशी वीडियो में यह कहते दिख रहे हैं कि चंडीगढ़ प्रशासन से बातचीत हुई है और इसी बातचीत के आधार पर यह अपील है कि कर्मचारी काम पर लौटें और शहर में जहां-जहां बिजली की सप्लाई बंद है| तत्काल उसे चालू करें| गोपाल जोशी ने कहा कि सबसे पहले शहर के अस्पतालों में बंद हुई बिजली को चालू करें| इमरजेंसीं सेवाओं में बिजली चालू करने के बाद शहर के अलग-अलग इलाकों में बिजली की बाधित सप्लाई को शुरू किया जाए| पब्लिक परेशान हो रही है|

Chandigarh Electricity Department
Chandigarh Electricity Department

उम्मीद कि अब बिजली से बिगड़े हालात सुधर जाएं....

उधर, प्रशासन के एस्मा लागू करने और इधर अब बिजली यूनियन नेताओं की बिजली चालू करने की आपले से उम्मीद जताई जा रही है कि अब शहर में जल्द बिजली से बिगड़े हालात सुधर जायेंगे| शहर में सभी जगह बिजली सप्लाई शुरू हो जाएगी| बतादें कि, बिजली संकट के चलते कई इलाकों में पानी का भी संकट है।

निजीकरण के खिलाफ कर्मियों की हड़ताल...

बतादें कि, चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मियों ने हड़ताल बुलाई है| बिजली कर्मियों का कहना है कि वह UT प्रशासन के फैसले के ख़िलाफ हैं|

क्या है 'एस्मा'?

इधर, अब अगर आप 'एस्मा' के बारे में नहीं जानते होंगे तो सोच रहे होंगे कि इससे क्या होगा| 'एस्मा' का पूरा नाम है - एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act) यानि आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून| एस्‍मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है|

क्यों लगाते हैं एस्मा?

दरअसल, आपको बतादें कि, 'एस्मा' एक ऐसा कानून है जो कि कर्मियों की हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है| एस्मा लगाने का फैसला इसलिये किया जाता है कि क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों पर और आवश्यक सेवाओं पर पड़ रहे असर को रोका जा सके| मतलब, एस्मा वह कानून है जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है। जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों पर बड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है| फिलहाल, कर्मचारियों की हड़तालों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एस्मा एक कारगार हथियार है|