Chandigarh- चंडीगढ़ में मर्डर कर यूपी में बाबा बना शख्स; 35 साल तलाशती रही पुलिस, अब अपनाई ये ट्रिक तो आ गया जाल में

चंडीगढ़ में मर्डर कर यूपी में बाबा बना शख्स; 35 साल तलाशती रही पुलिस, खुद का भी भेष बदला, अब अपनाई ये ट्रिक तो आ गया जाल में

Chandigarh Crime Murder Accused Anand Kumar Arrested After 35 Years

Chandigarh Crime Murder Accused Anand Kumar Arrested After 35 Years

Chandigarh Crime: आप गलत कर्म करके बच नहीं सकते। फिर भागकर चाहें कहीं भी चले जाएं। एक दिन सजा तो जरूर पाएंगे। दरअसल, चंडीगढ़ में हत्याकांड का एक ऐसा आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा है जो कि पिछले 35 सालों से फरार चल रहा था। पुलिस लगातार तलाशती जा रही थी और यह भेष बदलकर और लोकेशन बदल के मौज काट रहा था। लेकिन अब चंडीगढ़ पुलिस की पीओ सेल की टीम ने ऐसी ट्रिक अपनाई। जिसके चलते यह आरोपी अबकी बार चकमा देने में कामयाब नहीं हो पाया और जाल में फंस गया। आरोपी का नाम आनंद कुमार (60 साल) है. इसके खिलाफ थाना-3 में मर्डर, डकैती और अपहरण के मामले में 394, 302, 34 और 364 धारा में केस दर्ज हुआ था. वहीं 1990 में इसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।

बाबा बना घूम रहा था, कासगंज से गिरफ्तार हुआ

हत्याकांड के आरोपी आनंद कुमार को चंडीगढ़ पुलिस की पीओ सेल की टीम ने यूपी के कासगंज से गिरफ्तार किया है। वह यहां गंगा के किनारे बाबा के भेष में रह रहा था। आनंद कुमार की लोकेशन यूपी में मिलने पर पीओ सेल की टीम ने चित्रकूट, मैनपुरी और फर्रुखाबाद के आसपास लगभग 1 साल से ताबड़तोड़ छापे मारे। इस बीच टीम भी अपना भेष बदलती रही। टीम को बाबा का भेष भी लेना पड़ा। इस बीच जब टीम को पता चला कि आनंद कुमार कासगंज में है तो टीम ने किसी के जरिये उससे पूजन कराने का बहाना बनाया। वहीं आनंद कुमार टीम के बहाने में फंस गया और पूजन करने को राजी हो गया। बस इसी के बाद पीओ सेल की टीम ने उसे धर दबोचा।

अलीगढ़ और पानीपत में भी रहा, मजदूरी की

बताया जाता है कि, हत्याकांड के बाद आरोपी आनंद कुमार सबसे पहले अलीगढ़ भागा था। यहां वह कई दिनों तक रुका और किसी फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता रहा। इसके बाद वह आगरा आ गया। यहां भी उसने एक फैक्ट्री में मजदूरी का काम किया। इसके बाद आनंद कुमार पानीपत में आ गया और यहां सात साल रहा और यहां भी वह कुछ न कुछ काम करता रहा। पानीपत में रुकने के बाद आनंद कुमार झारखंड भाग गया और यहां से उसके बाबा बनने की शुरुवात हो गई। वह यहां बाबा के भेष में जंगल क्षेत्र में रहा। फिर वहां से यह चित्रकूट भाग आया और यहां अपनी पहचान छिपाकर आश्रमों में रुकता रहा।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, कैंबवाला की रहने वाली विद्यावती नाम की एक महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी। महिला ने बताया था कि, वह कैंबवाला की तरफ अपने 11 साल के बच्चे के साथ जा रही थी, जहां इसी बीच मनीमाजरा के जंगल रास्ते में आनंद कुमार समेत 3 लोगों ने उसे घेरा और इस बीच उससे लूटपाट की गई और उसपर चाकू से हमला किया। इस दौरान उसने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। लेकिन इस बीच उसके बच्चे का अपहरण कर लिया गया। बता दें कि, अपहरण के बाद इस बच्चे की लाश उसी जंगल में मिली थी। बच्चे का गला घोंटा गया था।

आनंद कुमार को पकड़ने वाली टीम में कौन-कौन रहा शामिल

एसएसपी कंवरदीप कौर और पीओ सेल के डीएसपी दिलशेर चंदेल के निर्देशानुसार, इंस्पेक्टर हरीओम शर्मा की सुपरविजन में एएसआई करण सिंह, कांस्टेबल वकील, कांस्टेबल प्रवीन की एक टीम बनाई गई थी। इस टीम को जब आरोपी आनंद कुमार के पीछे लगाया गया तो पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लग गई।


रिपोर्ट- रंजीत शम्मी