चंडीगढ़ में सिटको के साथ लाखों का 'खेला'; कौन लगा गया चपत? अफसरों की मिलीभगत पर बैठी इंक्वायरी
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Chandigarh CITCO Latest News: आर्थिक कंगाली से जूझ रहे सिटको को एक और ठेकेदार तगड़ा झटका दे गया है। इसने सिटको के 35 लाख रुपये देने थे लेकिन यह पैसा दिये बगैर खिसक लिया। इतना ही नहीं इसने सिटको के कुछ अफसरों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर यहां जमा अपनी बैंक गारंटी के कागजात भी निकाल लिये। इनके जरिये इसने पानीपत के बैंक ऑफ बड़ौदा से 30 लाख रुपये की राशि भी निकाल ली। हैरानी वाली बात ये रही कि ठेकेदार ने सिटको के पास जमा गारंटी के दस्तावेज की हुबहू कलर फोटोस्टेट करवाई। इसे सिटको के अकाउंट्स ब्रांच में जमा करा दिया जबकि असल गारंटी लेकर चला गया जिसे बैंक को दिखाकर भुना लिया गया।
सिटको की एमडी पूर्वा गर्ग का कहना है कि जल्द ही ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। पुलिस मामले में अपनी जांच करेगी जबकि सिटको के सीजीएम हरजीत संधू अपने स्तर पर इंक्वायरी कर रहे हैं। जिन भी अधिकारियों या कर्मचारियों की मदद से सिटको को 35 लाख रुपये की चपत लगाई गई है उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
यहां बता दें कि ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस के पास बीते काफी समय से सर्विस प्रोवाइड का ठेका था। यह सिटको के होटलों, रेस्टोरेंट व अन्य फूड जंक्शनों पर कुक, वेटर व मैंटेनेंस के लिए स्टाफ उपलब्ध कराता था। सिटको को इस ठेकेदार ने 550 से 600 कर्मचारी उपलब्ध करा रखे थे। यह सर्विस प्रोवाइड करने की एवज में महीने का इस ठेकेदार को सिटको की ओर से 60 से 65 लाख रुपया दिया जाता था। सिटको ने इससे सर्विस प्रोवाइडर का ठेका दिये जाने के लिए 30 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवाई थी। यहां बता दें कि सिटको का कमर्शियल सैल यह ठेका देता है।
वर्ष 2021 में यह ठेका समाप्त हो गया।इससे सिटको को 35 लाख रुपये की राशि लेनी थी लेकिन सिटको के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर इसने जुगत लगाई। इसने अकाऊंट्स विभाग के पास जमा अपनी बैंक गारंटी व अंडरटेकिंग के 30 लाख रुपये के कागजात निकलवा लिये। इतना ही नहीं बैंक गारंटी व अंडरटेकिंग की कलर फोटोस्टेट करवा कर वहां जमा करा दी और सिटको की आंखों में भी धूल झोंकने की कोशिश की। यानि सारे प्रकरण में कुछ अधिकारी व कर्मचारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
मामले की इंक्वायरी कर रहे हरजीत संधू का कहना है कि अभी जांच चल रही है। पुलिस के पास संपूर्ण मामले की एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि कल शुक्रवार शाम तक इस मामले में और भी महत्वपूर्ण खुलासे होंगे। उन्होंने बताया कि 5 लाख रुपये तो गारंटी के पैसों में से मिल गए हैं लेकिन बाकि बची 25 लाख रुपये की राशि ठेकेदार से वसूलनी है। ठेकेदार ने कुल 35 लाख रुपये की रकम सिटको की देनी है।
पहले भी एक ठेकेदार लगा चुका है चपतयहां बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जहां सिटको को ठेकेदार ने चपत लगाई हो। पहले भी कलाग्राम में काम कर रहे एक ठेकेदार ने सिटको के 80 लाख रुपये देने थे। दो ढ़ाई माह पहले यह राशि वसूल ली जाती है लेकिन यहां भी लीगल अफसरों के खेल की वजह से 2.25 करोड़ रुपये सिटको को देने पड़े क्योंकि सिक्योरटी निकालने के बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया जहां सिटको के खिलाफ फैसला आया।
कोविड 19 के दौरान दो तरफ से ली राशि
कोविड 19 के दौरान पीएम ऑफिस की ओर से घोषणा की गई थी कि मुलाजिमों की सैलरी की एवज में उनकी ओर से राशि दी जाएगी। इस सर्विस प्रोवाइडर ने पीएम ऑफिस से भी और दूसरी तरफ सिटको से भी 35 लाख रुपये की राशि ले ली।
रिपोर्ट- साजन शर्मा