Chandigarh Budget: No increase in the amount of Rs 6513 crore received in the interim budget

चंडीगढ़ बजट: अंतरिम बजट में मिली 6513 करोड़ की राशि में कोई इजाफा नहीं

Chandigarh Budget: No increase in the amount of Rs 6513 crore received in the interim budget

Chandigarh Budget: No increase in the amount of Rs 6513 crore received in the interim budget

Chandigarh Budget: No increase in the amount of Rs 6513 crore received in the interim budget- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ को अंतरिम बजट के दौरान 6513 करोड़ रुपये की राशि मिली थी। इसमें केंद्र की मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किये गये बजट में कुछ अतिरिक्त नहीं मिला। पहले जितनी घोषित राशि ही चंडीगढ़ को मिलेगी। नए प्रोजेक्टों पर से कैपिंग को हटा दिया गया है। नगर निगम को हर रेगुलर क्वार्टरली ग्रांट मिलेगी। फाइनेंस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बजट में वही अंतरिम बजट वाली राशि रहेगी लेकिन हम बजट में घोषित किये प्रोजेक्टों पर राशि खर्च कर सकते हैं क्योंकि कैपिंग हटा दी गई है। 6513 करोड़ रुपये के बजट में बीते वित्तिय वर्ष यानि 2023-24 की तुलना में 426 करोड़ रुपये यानि कुल 7 प्रतिशत की राशि ज्यादा है। यूटी प्रशासन ने हालांकि 7150 करोड़ रुपये  की राशि मांगी थी उससे यह काफी कम है। 5858.62 करोड़ रुपये रेवेन्यू हैड, 493.55 करोड़ बीते वित्तिय बजट की तुलना में ज्यादा है। बीती मर्तबा रेवेन्यू हैड में 5365 करोड़ रुपये थे। यह सैलरी व अन्य खर्चे में  जाएगा। कैपिटल हैड में जिसमें डेवलपमेंट वर्क और एसेट क्रियेशन शामिल है के लिये 655 करोड़  रुपये आवंटित किये गये। इसमें 9 प्रतिशत यानि कुल 67.03 करोड़ रुपये कम वितरित हुए। बीते बजट में यह 722 करोड़ रुपये था। वार्षिक बजट का बड़ा हिस्सा एनर्जी और एजूकेशन सेक्टर पर जा रहा है जिस पर क्रमश: 1093 करोड़ और 1031.98 करोड़ आवंटित किया गया  है। एनर्जी सेक्टर में ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन व न्यू रीन्यूएबल सोर्सिस पर खर्च किया जाएगा जिसके तहत माडल सोलर सिटी प्रोग्राम और पावर विभाग की कंस्ट्रक्शन वर्क शामिल हैं। शिक्षा के क्षेत्र में माडर्नाइजेशन एवं उपकरण खरीद के साथ एनसीसी इनफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने ग्रेजुएट कोर्सों इत्यादि व नये महिला व अन्य पोलिटेक्नीक पर खर्च होंगे। हाऊसिंग व अर्बन डेवलपमेंट पर 875.54 करोड़ खर्च होंगे। इसमें 50 बैड का कमयूनिटी हेल्थ सेंटर व 250 बैड  का अस्पताल और 50 बैड का पोलीक्लीनिक शामिल है। गांव में हेल्थ सेंटरों पर भी अलग खर्च होगा। आयुष, होमयोपैथी व आयुर्वेद को प्रमोट किया जाएगा।

वर्ष 2024-25 के लिए जो नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी

-धनास और मलोया में दो सरकारी स्कूल- 20 करोड़ रुपये
-चार सरकारी कॉलेजों में सभागारों का उन्नयन
-सेक्टर 11 में दो पोस्ट ग्रेजुएट सरकारी कॉलेज, होम साइंस कॉलेज
-सेक्टर 10 और सेक्टर 46 में पोस्ट ग्रेजुएट सरकारी कॉलेज: 25 करोड़ रुपये
-सेक्टर 12 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में दो हॉस्टल: 60 करोड़ रुपये
-धनास और मलोया में 80 बिस्तरों वाले दो सरकारी अस्पताल: 70 करोड़ रुपये
-सेक्टर 11 और 37 में दो आयुष औषधालय- 5 करोड़ रुपये
-मौलीजागरां और आईटी पार्क में दो नए पुलिस स्टेशनों का निर्माण- 12 करोड़ रुपये
सारंगपुर में आईआरबी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र- 60 करोड़ रुपये
-धनास में पुलिस के लिए 144 नए सरकारी आवास- 40 करोड़ रुपये
सेक्टर 20 में 124 सरकारी मकान- 30 करोड़ रुपये 

यह बजट नहीं सिर्फ मोदी की प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना है, आम लोगों के लिए कुछ नहीं: डॉ. एसएस आहलूवालिया

पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के सह-प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया ने मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए 2024-25 बजट के बारे में बोलते हुए कहा कि यह बजट नहीं सिर्फ मोदी जी की प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना है। इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। डॉ. आहलूवालिया ने कहा कि चंडीगढ़ समेत पूरे देश को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं कि शायद मोदी सरकार इस बजट में आम लोगों की भलाई के लिए कुछ खास लाएगी। लेकिन इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है। इस बजट में आम लोगों के रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों पर लगने वाले टैक्स को कम करने की काफी उम्मीद थी, जिससे आम लोगों को फायदा होता। तेल पर टैक्स कम करने से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने उनकी सरकार में सहयोगी दलों के सूबे बिहार और आंध्रा प्रदेश के लिए विशेष घोषणा की है। जिससे साफ है कि यह बजट मोदी सरकार को बचाने के लिए पेश किया गया है। यह बजट सरकार बचाओ, महंगाई बढ़ाओ वाला बजट है। डॉ. आहलूवालिया ने कहा कि इस बजट में युवाओं, कर्मचारियों, किसानों और व्यापारियों के लिए कुछ भी नहीं है। इस बजट में मोदी सरकार ने कॉरपोरेट घरानों के लिए कोई टैक्स ना बढ़ा कर सिर्फ उनको फायदा पहुंचाया है, आम जनता का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बजट में देश की आर्थिक प्रगति के लिए कुछ भी नहीं है, जिससे देश आर्थिक और विकास के मामले में बहुत पीछे चला जायेगा।

पीजीआई को बजट में मिले 2200 करोड़

चंडीगढ़ स्थित पीजीआई को 2024-25 के बजट में 2200 करोड़  रुपये मिले हैं। बीते साल के बजट एस्टीमेट  व रिवाइज्ड बजट एस्टीमेट से यह क्रमश: 276.90 करोड़  व 77 करोड़ ज्यादा है। कैपिटल एसैट क्रिएट करने के लिये 350 करोड़ रुपये  दिये गये हैं। 2023-24 में बजट एस्टीमेट 343.10 करोड़ व रिवाइज्ड एस्टीमेट 343 करोड़ रुपये था। सैलरी की ग्रांट इन ऐड का बजट एस्टीमेट व ग्रांट इन ऐड (जनरल) का क्रमश: 1500 करोड़ व 340 करोड़ रुपये है। 2023-24 में बजट एस्टीमेट 1300 करोड़ व 1450 करोड़ था। ग्रांट इन ऐड का बजट एस्टीमेट क्रमश: 270 करोड़ व 320 करोड़ था। 10 करोड़ रुपये  बजट हैड ग्रांट इन ऐड के तहत आवंटित किये गये।

बजट में युवाओं और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं: एच.एस. लक्की

केंद्रीय बजट एकदम नीरस और दिशाहीन है और बेरोजगारी तथा महंगाई जैसे प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने में पूरी तरह से विफल रहा है। इसे बिहार और आंध्र प्रदेश में अपने सहयोगियों को खुश करने के लिए कुर्सी बचाओ बजट ठीक ही कहा गया है, जबकि देश के बाकी हिस्सों के लिए बहुत कम पैसों का प्रावधान किया गया है। आयकर में जो थोड़ी राहत दी गई है, वह केवल नई व्यवस्था में है, पुरानी व्यवस्था में नहीं, जिसका पालन अभी भी बड़ी सं या में करदाता कर रहे हैं। बजट में युवाओं और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है। आम आदमी इस बजट से पूरी तरह निराश है।  आशीष कुमार चौहान, एमडी और सीईओ, एनएसई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश किए गए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में देश में रोजगार सृजन को बहुत बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है, क्योंकि इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि सरकारी क्षेत्र के अलावा निजी क्षेत्र भी रोजगार सृजन में भाग ले। साथ ही एंजल टैक्स पर राहत प्रदान करके और मुद्रा ऋ ण योजना की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करके भारत को नंबर 1 स्टार्टअप राष्ट्र और उद्यमियों का राष्ट्र बनाने का विजन भी नजर आ रहा है।

बजट की तरह इस बार भी मिडिल क्लास हाथ मलती रह गई: उमाकांत मेहता

वित्त मंत्री निमर्ला सीतारमण द्वारा पेश किये केंद्रीय बजट को शहर के चार्टेड अकाउटेंट्स समुदाय ने बजट का स्वागत किया है। आईसीएआई चंडीगढ़ ब्रांच के चेयरमैन अभिषेक सिंह चौहान ने कहा कि वर्किंग कैपिटल की जरुरतों को पूरा करने, खाद्य यनिटों की स्थापना और ई- कामर्स एक्सपोर्ट्स हब्स के गठन के साथ सरकार एमएसएमई के विकास के लिये मजबूत आधार तैयार कर रही है। यह उपाय छोटे और मध्यम उद्यमों को बढाने, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और आर्थिक विकास को गति देने में समक्ष बनायेंगे। हालांकि उन्होंने आशा जताई की इस वर्ष को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता था कि ताकि समाज के अन्य वर्ग भी और अधिक लाभान्वित हो सकते थे। आईसीएआई के पूर्व चेयरमैन उमाकांत मेहता ने बजट पर मिश्रित भाव प्रकट किये। उनके अनुसार पिछले छह बजट की तरह इस बार भी मिडिल क्लास हाथ मलती रह गई।

देश का बजट विकास को प्रोत्साहित करेगा: राजीव

म्यूचल फंड डिस्ट्रीब्यूटर राजीव कथूरिया ने कहा कि आज पेश किया गया बजट बहुत अच्छा है। इस बजट में सरकार ने माइक्रो इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहित करने पर फोक्स किया है। 1.08 लाख करोड़ रेलवे के विकास को दिया है। इसमें मुद्रा लोन की लिमिट को 10  लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया है। इसमें आयकर स्लैब में परिवर्तन आयकर दाताओं को राहत प्रदान की है।