Chandigarh Administrator Decision| चंडीगढ़ के अफसरों पर पाबंदियां; प्रशासक ने नाजायज खर्चों पर रोक लगाई

चंडीगढ़ के अफसरों पर पाबंदियां; प्रशासक ने नाजायज खर्चों पर रोक लगाई, दिल्ली या कहीं और जाने पर अब नहीं कर सकेंगे ये काम

Chandigarh Administrator Decision on Officers

Chandigarh Administrator Decision on Officers

Chandigarh Administrator Decision on Officers: पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने तुरंत प्रभाव से प्रशासन के अफसरों के नाजायज खर्चों पर रोक लगा दी है। चंडीगढ़ प्रशासन को दिए गए एक आदेश में, बनवारी लाल पुरोहित ने दिल्ली दौरे पर जाने वाले अधिकारियों के लिए हवाई यात्रा और स्टार होटलों में ठहरने पर रोक लगा दी है। यानि न तो प्रशासन के उच्च अधिकारी अब चंडीगढ़ से दिल्ली या अन्य स्थानों पर अब हवाई यात्रा कर सकेंगे और न ही वह थ्री स्टार से लेकर पांच स्टार होटलों में रुक सकेंगे। उन्हें पंजाब, हरियाणा या यूटी के गेस्ट हाऊसों में रुकने का आदेश दिया गया है।

अर्थप्रकाश ने उठाया था मुद्दा

दैनिक अर्थप्रकाश में 3 अगस्त को इस मुद्दे को लेकर खबर छापी थी जिसके बाद अफसरों के खर्चों पर यह लगाम लगाई गई है। बीते कुछ सालों में ही अफसरों ने करीब 1 करोड़ रुपया केवल अपनी यात्राओं पर खर्च कर दिया था। अफसर बड़ी बेदर्दी और ताबड़तोड़ तरीके से अपनी यात्राओं पर ये खर्चा कर रहे थे। प्रशासक के पूर्व सलाहकार परिमल रॉय से लेकर मनोज परिदा और वर्तमान सलाहकार धर्मपाल ने यात्राओं के नाम पर बेतहाशा खर्च किया। कुछ अफसरों ने तो कोविड पीरियड के दौरान भी ट्रेवल किया जबकि उस दौरान एक जगह से दूसरी जगह जाने पर पाबंदी थी।

आरटीआई व सामाजिक कार्यकर्ता आरके गर्ग जिन्होंने सूचना अधिकार कानून के तहत यह जानकारी हासिल की थी का कहना है कि खर्चे पर लगाम लगा दी गई, प्रशासक के इस कदम का स्वागत करते हैं लेकिन इसके साथ ही यह भी जांच होनी चाहिए कि यात्रा के नाम पर प्राइवेट टूर पर कौन कौन अफसर अपने घरों को गए. अगर ऐसा है तो खर्च की गई राशि अफसरों के वेतन से वसूली जानी चाहिए। यहां ये भी बता दें कि बहुत से अफसर चंडीगढ़ में तैनात थे लेकिन उनके परिवार दिल्ली या अन्य जगहों पर थे। यात्राओं के नाम पर ये अफसर घर की विजिट भी करते रहे।

प्रशासक की ओर से सलाहकार धर्मपाल को लिखे पत्र में कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारी होने के नाते यह हमारा नैतिक कर्तव्य बनता है कि सार्वजनिक धन की बर्बादी ना हो और फिजूलखर्ची किसी भी कीमत पर बर्दाश्त ना की जाए। इस संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किए जा रहे खर्च से संबंधित समाचार मेरे संज्ञान में लाए गए। इसमें बताया गया था कि अधिकारी दिल्ली के पांच सितारा होटलों में रुके और कमर्शियल उड़ानों में बिजनेस क्लास से यात्रा की। वर्तमान परिस्थितियों पर गहन विचार करने के बाद, यह निर्देशित किया जाता है कि अब से दिल्ली के लिए किसी भी हवाई यात्रा की अनुमति नहीं होगी। दिल्ली जाने वाले सभी अधिकारी शताब्दी और वंदे भारत ट्रेनों से यात्रा करेंगे। इसके अलावा, अधिकारी यूटी गेस्ट हाउस, पंजाब भवन या हरियाणा भवन में रुकेंगे, न कि किसी स्टार होटल में।

सीटीयू ने तो तोड़ दिये सब रिकार्ड

चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग से भी अफसरों व मुलाजिमों की डोमेस्टिक व फोरेन ट्रेवलिंग एक्सपेंस की अकाऊंट स्टेंटमैंट के साथ बीते पांच साल की डिटेल मांगी गई थी। सीटीयू ने महज पांच साल में ही यात्राओं पर 1 करोड़ 36 लाख 87 हजार, 549 रुपये की रकम खर्च कर दी। यहां भी कोविड के पीरियड के दौरान बेतहाशा खर्च किया गया। आरके गर्ग इस सारे मामले की इंक्वायरी की मांग कर रहे हैं।


सीटीयू के अधिकारियों ने 2022-23 के दौरान 11 लाख 93 हजार 754 रुपये (11,93,754 रुपये) इन यात्राओं के नाम पर खर्च किये। बजट 11,95,000 रुपये का आवंटित  हुआ था। इसी तरह वर्ष 2021-22 के दौरान 1 लाख 20 हजार रुपये की रकम बजट में यात्राओं के नाम पर आवंटित की गई थी जिसमें से 1 लाख 15 हजार 80 रुपये खर्च कर दिये गए।

20-21 में सीटीयू के अधिकारियों व कर्मियों ने यात्रा के नाम पर आवंटित किये गए 33 लाख 90 हजार रुपये के बजट में से 33 लाख 89 हजार रुपये की भारी भरकम रकम खर्च कर दी। इसी तरह 2019-20 के दौरान 47 लाख की बजट आवंटन में से इस मद पर 46 लाख 99 हजार 831 रुपये खर्च कर दिये। 2018-19 में भी सीटीयू के अधिकारियों व कर्मियों ने यात्राओं पर अति कर दी। 42 हजार 91 हजार रुपये के पास हुए बजट में से यात्राओं पर  42 लाख 89 हजार 884 रुपये खर्च कर दिये गए। सीटीयू के असिस्टेंट कंट्रोलर (एफएंडए) (एच) की ओर से यह जानकारी प्रदान की गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि 2019 से लेकर 2021 तक के पीरियड में कोविड  के चलते कई पाबंदियां देशभर व राज्यों में रही। इसके बावजूद इतना भारीभरकम खर्च पांच सालों के दौरान सीटीयू की ओर से कर दिया गया।

प्रशासक के सलाहकार रहे खर्चे में सबसे आगे

प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने अपने करीब दो साल के कार्यकाल के दौरान ही 121 दिन का टूर-ट्रेवल किया। इस पर 15 लाख 92 हजार 873 रुपये (15,92,873 रुपये) की भारी भरकम राशि खर्च की गई। केवल धर्मपाल ही नहीं बल्कि उनकी जगह तैनात रहे पूर्व सलाहकार भी टूर-ट्रेवल के खर्चे में पीछे नहीं रहे। प्रशासक के पूर्व सलाहकार मनोज कुमार परिदा ने भी अपने कार्यकाल के दौरान 125 दिन टूर- ट्रेवल पर लगाये। उन्होंने इन टूरों पर 9 लाख, 37 हजार, 953 रुपये (9,37,953 रुपये) का खर्चा किया।

हैरतंगेज तथ्य यह है कि परिदा के समय में काफी समय तो कोविड का पीरियड रहा और इस दौरान दूसरी जगह आने जाने पर केंद्र और राज्य सरकारों की पाबंदियां थी। परिदा से पहले प्रशासक के सलाहकार रहे परिमल राय भी टूर-ट्रेवल पर खर्च करने में पीछे नहीं रहे। परिमल ने तो 17 अप्रैल 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक करीब साढ़े आठ महीने में ही 131 दिन जमकर टूर- ट्रेवल किया। उन्होंने इस पर 15 लाख 56 हजार 267 रुपये (15,56,267 रुपये) की राशि खर्च की। इतना ही नहीं इन अफसरों के साथ ट्रेवल करने वाले ड्राइवरों व अन्य कर्मचारियों ने भी टूर-ट्रेवल के नाम पर अच्छी खासी रकम कार्यालयों से हासिल की। यहां बता दें कि जिन विभागों का प्रभार इन अधिकारियों के पास है, यह वहां का खर्च नहीं है। वहां के टूर ट्रेवल पर दिखाये गए खर्चे इससे अलग हैं।

गृह सचिव और वित्त सचिव भी नहीं रहे पीछे

चंडीगढ़ के पूर्व गृह सचिव अरुण कुमार गुप्ता ने भी यहां बिताए अपने कार्यकाल के दौरान 63 दिन टूर-ट्रेवल पर खर्च किये। उनके टूर-ट्रेवल पर 11 लाख, 64 हजार, 962 रुपये (11,64,962 रुपये) खर्च किये गए। चंडीगढ़ में वित्त सचिव के पद पर रहे अजय कुमार सिन्हा ने भी 90 दिन का टूर ट्रेवल अपने कार्यकाल के दौरान 7 लाख 45 हजार 487 रुपये (7,45,487 रुपये) का खर्चा किया। वर्तमान गृह सचिव नितिन कुमार यादव अपने चंडीगढ़ ट्रांसफर के दौरान ही 41 दिन के टूर-ट्रेवल पर 6 लाख 89 हजार 169 रुपये (6,89,169 रुपये)खर्च कर चुके हैं। विभिन्न पदों पर तैनात रहे आईएएस अफसर विनोद पी कांवले ने 30 दिन टूर-ट्रेवल किया और इस पर 6 लाख 43 हजार 964 रुपये (6,43,964 रुपये) की राशि खर्च कर दी। वर्तमान वित्त सचिव विजय एन जाडे ने 20 दिन के टूर-ट्रेवल पर 2 लाख 92 हजार 262 रुपये (2,92,262 रुपये) खर्च कर दिये। नीतिका पवार ने भी चंडीगढ़ में बिताये समय के दौरान 10 दिन टूर ट्रेवल कर 2 लाख 68 हजार 842 रुपये (2,68,842 रुपये) की राशि खर्च की।

इन आईएएस अफसरों ने भी खूब किये टूर

  • अफसर का नाम - बीआर शर्मा 
  • टूर पर बिताया समय  - 17 दिन
  • किया गया खर्च - 1,69,040 रुपये
  • अफसर का नाम - अनुराग अग्रवाल
  • टूर पर बिताया समय  - 15 दिन
  • किया गया खर्च - 1,42,924 रुपये
  • अफसर का नाम -हरीश नैयर 
  • टूर पर बिताया समय  - 70 दिन
  • किया गया खर्च - 1,42,765 रुपये
  • अफसर का नाम - हरगुणजीत कौर 
  • टूर पर बिताया समय  - 16 दिन
  • किया गया खर्च - 1,25,395 रुपये
  • अफसर का नाम -जितेंद्र यादव  
  • टूर पर बिताया समय  - 51 दिन
  • किया गया खर्च -  63,540 रुपये
  • अफसर का नाम - पूर्वा गर्ग 
  • टूर पर बिताया समय  - 11 दिन
  • किया गया खर्च -  46,823 रुपये
  • अफसर का नाम - सरप्रीत सिंह गिल
  • टूर पर बिताया समय  - 8 दिन
  • किया गया खर्च -  30,770 रुपये

 

रिपोर्ट-  साजन शर्मा