पहले हाथ जोड़कर विनती, फिर दे डाली वार्निंग... चंडीगढ़ प्रशासक का इस हरकत पर सख्त रुख, कहा- हल्के में न लें, मेयर-कमिश्नर को मेरी खुली छूट, एक्शन होगा
Chandigarh Administrator Appeal and Warning on Swachhata Abhiyan
Chandigarh Swachhata Abhiyan: पीएम मोदी के 'स्वच्छ और स्वस्थ भारत' संकल्प के तहत देश के विभिन्न प्रदेशों में 'स्वच्छता अभियान' शुरू किया गया है। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पीएम मोदी समेत बीजेपी के बड़े-बड़े मंत्री और तमाम नेता व अधिकारी सार्वजनिक तौर पर सफाई करते देखे गए हैं। कोई कहीं मैदान में झाड़ू लगाकर कचरा बटोर रहा है तो कोई सड़कों पर झाड़ू चला रहा है। यहां तक की रेल पटरियों पर भी साफ-सफाई की गई है। वहीं चंडीगढ़ भी इस 'स्वच्छता अभियान' का हिस्सा बना है। यहां भी बीजेपी के नेता-अधिकारी और तमाम लोग साफ-सफाई करते दिखे। जहां इस बीच शहर के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने चंडीगढ़ के सभी नागरिकों के लिए एक बड़ा संदेश भी जारी किया।
प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने कहा- ''चंडीगढ़ स्वच्छ होना जरूरी है, हम चंडीगढ़ को नंबर-1 पर लाना चाह रहे हैं, चंडीगढ़ को नंबर-1 पर रहना चाहिए लेकिन रह क्यों नहीं रहा है कचरे की वजह से। प्रशासक ने कहा कि कचरे के ढेर को खत्म करने की ज़िम्मेदारी तो दे दी गई है और मैं इसे मॉनिटर कर रहा हूं, 4-6 या 8 महीने में यह खत्म हो जाएगा और फिर रेगुलर बड़ा प्लांट काम करेगा। कचरा रहेगा नहीं। पर जब आप घर में साफ-सफाई करते हैं और जो कचरा इकट्ठा होता है उसे गीले और सूखे के रूप में कम से कम अलग-अलग तो डालना चाहिए। यह ज़िम्मेदारी चंडीगढ़ के हर नागरिक को लेनी है और लेनी ही पड़ेगी। मेरी अपील भी है और हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि अपने स्वास्थ्य के लिए, अपने चंडीगढ़ के लिए, अपनी स्वच्छता के लिए और चंडीगढ़ की शान बढ़ाने के लिए अपना भरपूर योगदान दीजिये। इसकी जरूरत है।''
प्रशासक ने चेतावनी भी दी
प्रशासक ने आगे कहा- ''शहर में खासकर जो नर्सरीज़ हैं और जो बड़े-बड़े अस्पताल हैं वो भी कचरे की परवाह नहीं करते। उनको भी मैं आज चंडीगढ़ के एक प्रशासक के तौर पर बोल रहा हूं कि उन सबको चेतावनी है कि यदि आपके यहां से कचरा मिलेगा तो मेरी तरफ से मेयर और नगर निगम कमिश्नर को खुली छूट है कि वे कडा एक्शन लें। इसलिए सुधार कर लीजिये। आपको अपनी ज़िम्मेदारी पूरी निभानी ही पड़ेगी। देश के प्रधानमंत्री कचरा साफ करने के लिए उतर रहे हैं क्योंकि ये बहुत बड़ी समस्या है और यदि इसको कोई हल्के में लेगा तो विशेषकर जितने भी अस्पताल हैं जो अपना मेडिकल वेस्ट कहीं भी डाल लेते हैं, कितना हानिकारक है वो स्वास्थ्य के लिए, खासकर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है, इसको किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं उन्हें बता रहा हूं कि चाहें प्राइवेट अस्पताल हों या सरकारी, मेरा कहना है कि अगर इधर-उधर मेडिकल वेस्ट पड़ा हुआ दिखाई दिया और जांच में यह सिद्ध हो गया कि आपका है तो फिर खैर नहीं होगी।''