चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कैपिटल ऑफ पंजाब एक्ट 1952 तथा  चंडीगढ़ स्टेट रूल्स चंडीगढ़ 2007 का मिसयूज किया जा रहा है-------कैलाश चन्द जैन

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कैपिटल ऑफ पंजाब एक्ट 1952 तथा  चंडीगढ़ स्टेट रूल्स चंडीगढ़ 2007 का मिसयूज किया जा रहा है-------कैलाश चन्द जैन

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कैपिटल ऑफ पंजाब एक्ट 1952 तथा  चंडीगढ़ स्टेट रूल्स चंडीगढ़ 2007 का मिसयूज किया जा रहा है-------कैलाश चन्द जैन

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कैपिटल ऑफ पंजाब एक्ट 1952 तथा  चंडीगढ़ स्टेट रूल्स चंडीगढ़ 2007 का मिसयूज किय

दुकानदारों को तंग करना बन्द करे प्रशासन अन्यथा सड़को पर आने को मजबूर होंगे कारोबारी


चंडीगढ़ 19 जून 

शहर के  प्रतिष्ठित व्यपरिक संगठन उद्योग व्यपार मण्डल चंडीगढ़ (यूवीएम)  ने   चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा दुकानदारो द्वारा अपने वरांडा में  की गई एनक्रोचमेंट को  मिसयूज व कन्ट्रावेंशन ऑफ टर्म्स ऑफ अलॉटमेंट मान कर नोटिस दिए जाने का कड़ा संज्ञान लिया है तथा इसे दुकादारो के साथ धक्केशाही बताई है।
आज यहां जारी एक बयान में यूवीएम के अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन, सचिव नरेश जैन व विजय चौधरी ने कहा है कि बिल्डिंग वायलेशन व मिसयूज ऑफ बिल्डिंग की कोई तय परिभाषा के अभाव में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कैपिटल ऑफ पंजाब (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट 1952  तथा चंडीगढ़ ईस्टेट रूल्स  2007 का दुरुपयोग किया जा रहा है। 
इस अवसर पर यूवीएम अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन ने बताया कि   सेक्टर 41 की कृष्णा मार्केट में 100 से अधिक दुकानदारों को   चंडीगढ़ स्टेट रूल्स 2007 की धारा 10 व 14 के साथ  कैपिटल ऑफ पंजाब (डेवेलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट की धारा 8 ए नोटिस दिए गए हैं ।  हैरानी की बात यह है कि ये  नोटिस मिसयूज तथा  कंट्रावेंशन ऑफ  टर्म्स एंड कंडीशन ऑफ अलॉटमेंट के दिए हैं 
जबकि नोटिस में वायलेशन  की जगह encroachment of public place लिखा है। एनक्रोचमेंट ऑफ पब्लिक प्लेस किसी भी हालत में मिसयूज़ नहीं बनता है ना ही ब्रीच ऑफ टर्म्स एंड कंडीशंस आफ अलॉटमेंट बनता है।
दुकानदार अपने कॉरिडोर  की कीमत स्टेट ऑफिस को देते हैं। कॉरिडोर की कीमत दुकान की कीमत में शामिल होती है। यह भी सच्चाई है कि यह कॉरीडोर पब्लिक पैसेज होता है और इस  जगह पर  एंक्रोचमेंट करने की सूरत में  नगर निगम द्वारा दुकानदारों के चालान किए जाते हैं । फिर प्रशासन अथवा इस्टेट ऑफिसर द्वारा किस हक से और किस कानून के तहत ये नोटिस दिए जा रहे हैं यह समझ से परे है । 
कैलाश जैन का कहना है कि यह सरासर धक्के शाही है और बाकी पूरे शहर के दुकानदारों के लिए चेतावनी है कि इस्टेट ऑफिस / चंडीगढ़ प्रशासन कारोबारियों को तंग करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यह केवल भारी-भरकम जुर्माना इकट्ठा करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से इस प्रकार की धक्केशाही न करने की सलाह दी है तथा मिसयूज ओर बिल्डिंग वायलेशन को परिभाषित करने की मांग की है  ओर कहा है कि अगर यह धक्केशाही बन्द नही हुई तो दुकानदारों को मजबूरन सड़को पर आना पड़ेगा। कैलाश जैन ने साथ ही साथ कारोबारियों से भी इस धक्केशाही का विरोध करने का आह्वान किया है।