चंडीगढ़ प्रशासन ने 2023-24 के लिए केंद्र से मांगे 7000 करोड़, देखिए क्या है पूरी खबर
Budget 2023
Budget 2023: चंडीगढ़ यूटी प्रशासन(Chandigarh UT Administration) ने वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार से अब तक के सबसे बड़े बजट की मांग की है। एक फरवरी को जारी होने वाले केंद्रीय बजट में चंडीगढ़ ने करीब 7000 करोड़ रुपये मांगे हैं। ये चंडीगढ़ के वर्तमान बजट से 1221 करोड़ रुपये ज्यादा है। प्रशासन के अधिकारियों(administration officials) का कहना है कि बड़े बजट की मांग इसलिए की गई है, ताकि रुकी हुई परियोजनाओं और गांवों के विकास को गति दी जा सके।
अतिरिक्त पैसा नगर निगम में शामिल हुए गांवों के विकास कार्य, कचरा निस्तारण प्लांट का कायाकल्प व प्रशासन की कुछ प्रमुख परियोजनाओं के लिए मांगा गया है। केंद्र सरकार ने एक फरवरी 2022 को वर्ष 2022-23 के लिए 5382.79 करोड़ चंडीगढ़ की झोली में डाले थे। इसमें रेवेन्यू हेड यानी वेतन, भत्ते व अन्य खर्चों के लिए 4843.46 करोड़ जबकि कैपिटल हेड यानी विकास कार्यों के लिए 539.33 करोड़ मिले। हालांकि, प्रशासन ने 5836 करोड़ की मांग की थी। इसमें से 453.21 करोड़ के बजट पर कैंची चल गई लेकिन वर्ष 2023-24 के लिए प्रशासन ने करीब 7000 करोड़ मांगे हैं। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि ये अब तक का सबसे बड़ा बजट है, क्योंकि हर बार प्रशासन की तरफ से साढ़े पांच हजार से छह हजार करोड़ के करीब की ही मांग की जाती है। वर्ष 2022-23 के लिए 5836 करोड़ तो वर्ष 2021-22 के लिए 5670 करोड़ मांगे गए थे।
केंद्र ने आरई में चंडीगढ़ को दिल खोल कर दिया है पैसा / Center has generously given money to Chandigarh in RE
केंद्र सरकार ने पिछले महीने संशोधित अनुमान (आरई) में चंडीगढ़ को दिल खोल कर पैसा दिया है। चंडीगढ़ को 396 करोड़ मिले, जिसके बाद चंडीगढ़ का कुल वार्षिक बजट 5382.79 करोड़ से बढ़कर 5779.11 करोड़ हो गया है। बजट 7.36 फीसदी बढ़ा है। रेवेन्यू हेड 4843.46 करोड़ से बढ़कर 5,306.64 करोड़ हो गया है, जबकि कैपिटल हेड 539.33 करोड़ से घटकर 472.47 करोड़ का रह गया है। इसमें केंद्र ने 66 करोड़ की कटौती की है।
कर्मचारियों को एरियर जारी करने के लिए केंद्र ने आरई में दिया 396 करोड़ / Center gave 396 crores in RE to release arrears to employees
केंद्र ने प्रशासन के कर्मचारियों को करीब छह वर्ष का एरियर देने के लिए आरई में अतिरिक्त रुपये दिए हैं। पिछले वर्षों में केंद्र की तरफ से आए बजट में कटौती कर दी जाती थी। दरअसल, किसी वित्त वर्ष के बीच या अंत में उस वर्ष की बची हुई अवधि में सरकार को कितना राजस्व प्राप्त होगा और उसका खर्च कितना होगा, इसके अनुमानित राशि को संशोधित अनुमान कहा जाता है। यह वित्त वर्ष के फर्स्ट हाफ यानी पहली छमाही के ट्रेंड के आधार पर तय किया जाता है। इसी वजह से बजट अनुमान में जो लक्ष्य तय किया जाता है, संशोधित अनुमान में उसमें अंतर आ जाता है।
किस साल कितना बजट मिला / in which year how much budget was received
वर्ष मांग बजट मिला
2015-16 4229 करोड़ 3543 करोड़
2016-17 5489 करोड़ 3937.47 करोड़
2017-18 6151 करोड़ 4312.40 करोड़
2018-19 5908 करोड़ 4511.91 करोड़
2019-20 5218 करोड़ 4753.12 करोड़
2020-21 5300 करोड़ 5138.10 करोड़
2021-22 5670.31 करोड़ 5186.12 करोड़
2022-23 5836 करोड़ 5382.79 करोड़
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