RSS की गतिविधियों में अब शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी; केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 58 साल पुराना प्रतिबंध हटाया, कांग्रेस हमलावर
Central Government Decision Govt Employees Participate in RSS Activities
Govt Employees in RSS Activities: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने RSS की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। प्रतिबंध हटने के बाद अब सरकारी कर्मचारी भी आरएसएस की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि, 1966 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह फैसला लिया था कि, सरकारी कर्मचारी संघ की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेंगे। यानि लगभग 58 साले पहले सरकारी कर्मचारियों पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि, अब 58 साल पुराने इस प्रतिबंध को हटा दिया गया है। वहीं संघ ने मोदी सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया है।
केंद्र सरकार के जारी आदेश में क्या?
केंद्र सरकार की तरफ से 9 जुलाई, 2024 को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि RSS की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने के संबंध में ये आदेश जारी किया जा रहा है। आदेश में आगे लिखा है- सरकार ने 1966, 1970 और 1980 में सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस गतिविधियों में शामिल होने पर लगाए गए प्रतिबंध के संबन्धित फैसले की समीक्षा की है। जहां समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के सरकारी आदेशों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा- यह पहले ही होना चाहिए था
BJI IT सेल हेड अमित मालवीय ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर जानकारी दी है। अमित मालवीय ने केंद्र सरकार का आदेश सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है और लिखा है- 'साल 1966 में यानी 58 साल पहले जारी असंवैधानिक आदेश जिसमें RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसे मोदी सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है. इस आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था।
The unconstitutional order issued 58 years ago, in 1966, imposing a ban on Govt employees taking part in the activities of the Rashtriya Swayamsevak Sangh has been withdrawn by the Modi Govt. The original order shouldn’t have been passed in the first place.
The ban was imposed… pic.twitter.com/Gz0Yfmftrp
एमपी बीजेपी अध्यक्ष ने कहा- यह स्वागत योग्य कदम
सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले फैसले पर मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। वीडी शर्मा ने कहा कि यह देश के लिए स्वागत योग्य कदम है और कांग्रेस तो हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। RSS इस दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है, जिसने देश के लिए हमेशा त्याग और बलिदान किया और अपनी भूमिका निभाई है।
फैसले से कांग्रेस बेहद हमलावर
केंद्र सरकार के इस फैसले से कांग्रेस बेहद हमलावर है। इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस संबंध में X पर बयान देते हुए कहा- 'फरवरी 1948 में गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।
जयराम रमेश ने आगे कहा- '1966 में RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था। जयराम ने कहा कि। 4 जून, 2024 के बाद प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया, जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान भी लागू था। मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।
फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।
1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया… pic.twitter.com/17vGKJmt3n
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने फैसले का विरोध किया
सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले फैसले पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि मुझे ये RSS-BJP की जुगल बंदी लगती है। कुछ दिन पहले जो मोहन भागवत ने टिप्पणी कि उसको लेकर उनकी नाराजगी को खत्म करने के लिए आज भाजपा सरकार इस प्रकार का निर्णय ले रही है। आज UPSC , NTA की दुर्दशा इसलिए है क्योंकि RSS के लोग सरकार के हर वर्ग में घुस रहे हैं।
शिवसेना (UBT) का भी विरोध
सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले फैसले पर शिवसेना(UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "पहले ED, CBI, IT सब खाकी का काम कर रहे थे खाकी शॉर्ट्स पहन कर काम कर रहे थे। लेकिन अब वे खुले आम बोल पाएंगे। कितनी शर्मनाक बात है कि आज हमारे नौकरशाह जिनको भारत माता के लिए काम करना चाहिए और सरकार को इसे बढ़ावा देना चाहिए अब वो अपने विचारधारा को आगे रख काम करेंगे।