मामला दिव्यांगजन कैप में अव्यवस्था का: सोशल वेलफेयर विभाग का रिसर्च अफसर सस्पेंड
मामला दिव्यांगजन कैप में अव्यवस्था का: सोशल वेलफेयर विभाग का रिसर्च अफसर सस्पेंड
बुधवार को टेगौर थियेटर में आयोजित दिव्यांगजनों के कैंप में नहीं मिल पाए थे कई दिव्यांगों को उपकरण
सोशल वेलफेयर विभाग दावे करता रहा, विभाग की किरकिरी करा गए कई अफसर
चंडीगढ़, 21 जुलाई (साजन शर्मा)
दिव्यांगजनों के लिए बुधवार को टेगौर थियेटर में आयोजित कैंप के दौरान बड़ी जबरदस्त अव्यवस्था सामने आई। जिन दिव्यांगजनों का विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन भी किया गया था, उन्हें सामान नहीं मिल पाया जिसकी वजह से सोशल वेलफेयर विभाग, चंडीगढ़ की जबरदस्त किरकिरी हुई। इसी अव्यवस्था को आधार बनाते हुए वीरवार को सोशल वेलफेयर विभाग की सचिव नितिका पवार ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए विभाग के रिसर्च अफसर बालकृष्ण को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। आदेश में कहा गया है कि सस्पेंशन पीरियड के दौरान बालकृष्ण अपना चंडीगढ़ में ही रहेंगे और डायरेक्टर सोशल वेलफयर की परमिशन के बगैर स्टेशन नहीं छोड़ेंगे। सोशल वेलफेयर विभाग की ओर से दावा किया गया था कि करीब 450 जरूरतमंद दिव्यांगों को जरूरत का सामान बांटा गया जिसमें चंडीगढ़ और बाहर के लोग थे और विभाग ने दिव्यांगों की मदद के लिए स्टाफ लगा रखा था। इस इवेंट में चंडीगढ़ और आसपास के राज्यों से आए दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल प्रदान किये जाने थे लेकिन 40 दिव्यांगों को यह ट्राईसाइकिल नहीं मिल पाए। लुधियाना से आए मुकेश, राजविंदर और देविंदर ने बताया कि उन्होंने एक साल पहले मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था जिसकी रजिस्ट्रेशन स्लिप उनके पास थी लेकिन इतना सब होने के बावजूद उन्हें ट्राईसाइकिल नहीं दी गई। तीनों दिव्यांग किराया लगा कर लुधियाना से चंडीगढ़ पहुंचे लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा। कजहेड़ी से श्रीराम रावत सुबह ही टेगौर थियेटर पहुंच गए थे लेकिन रजिस्ट्रेशन स्लिप होने के बाद भी इन्हें मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल नहीं मिल पाई। सोशल वेलफेयर विभाग की सचिव पूरी अव्यवस्था को देखकर कल बुधवार से ही गुस्से में थी और उन्होंने वीरवार सुबह दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिये थे। वीरवार को उन्होंने एक्शन लेते हुए रिसर्च अफसर बालकृष्ण को सस्पेंड कर दिया। वहीं विभाग की ओर से यह भी दावा किया गया कि शहर की 39 सरकारी बिल्डिंग दिव्यांगजन फ्रेंडली बना दी गई है ताकि वह यहां आसानी से अपने काम कराने आ जा सकें लेकिन बावजूद इसके फंक्शन ऐसी जगह रखने के आरोप लगे जहां वेन्यू डिएएब्लड फ्रेंडली नहीं था। कहा गया कि इतनी बड़ी तादाद में दिव्यांगजनों व उनके परिजनों ने पहुंचना था लिहाजा अन्य कोई बड़ा स्थल इसके लिए उपलब्ध नहीं था।