मामला शेड गिरने से हुई दो महिलाओं की मौत का

मामला शेड गिरने से हुई दो महिलाओं की मौत का

मामला शेड गिरने से हुई दो महिलाओं की मौत का

मामला शेड गिरने से हुई दो महिलाओं की मौत का

- पुलिस ने 174 की कार्रवाई कर केस किया बंद 
- पटियाला से आप विधायक के भाई की जमीन पर बनाया जा रहा था वेयर हाउस
- ठेकेदार ने मानी थी लापरवाही की बात

अर्थ प्रकाश / मनिंदर मनौली
जीरकपुर । जीरकपुर-पटियाला हाइवे पर पड़ते गांव रामपुर कलां में मंगलवार सुबह एक निर्माणधीन वेयर हाउस का शेड गिरने से उसके मलबे के नीचे दबी दो महिलाओं 40 वर्षीय राधा व 35 वर्षीय अब्बू की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 174 की कार्रवाई कर फाइल बंद कर दी है और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। जबकि ठेकेदार बलविंदर सिंह ने हादसे के कारणों के बारे में बताते हुए कहा था कि मौके पर लापरवाही हुई है, शेड मालिक ने लोहे की जगह सीमेंट की चादर डालने को कहा था, जिस कारण वजन बढऩे से हादसा हुआ। लेकिन छोटी-छोटी चीज की इन्वेस्टीगेशन करने वाली पुलिस को यह लापरवाही दिखाई नहीं दी। जोधपुर राजस्थान की रहने वाली दिहाड़ीदार उक्त दोनों महिलाओं की मौत का आखिरकार जिम्मेवार कौन है? आम तौर पर पुलिस ऐसे मामलों में लापरवाही की धारा 306 के तहत कार्रवाई करती है। लेकिन मामला रसूखदार पार्टी से जुड़ा होने के चलते धारा 174 के तहत कार्रवाई की गई है। बता दें कि पटियाला से आप विधायक के भाई अजीत पाल कोहली के भाई गुरजीत कोहली की जमीन पर यह शेड बनाया जा रहा है। हालांकि गुरजीत कोहली ने अपनी सफाई में कहा कि बेशक जमीन उनकी है लेकिन उन्होंने इसे आगे हिसार की पार्टी को लीज पर दे रखा है। जबकि हादसे के बाद गुरजीत कोहली भी मौके पर पहुंचे थे। यह शेड कौन बना रहा है, यह बात अब तक साफ नहीं हुई है। 
बतां दे कि यह वेयर हाउस गाड़ी के टायरों को स्टोर करने के लिए बनाया जा रहा है, जिस पर शेड डाला जा रहा था। यह शेड पर पहले लोहे की चादर डाली जानी थी, उसी हिसाब से वजन सहने योग एंगल लगाए गए थे लेकिन बाद में फैसला बदल कर सीमेंट की चादर डाले जाने से एंगल वजन सह नहीं पाए और शेड गिर गया जिसके नीचे आने से दो महिलाओं की मौत हो गई।

मृतक के परिजनों के कहने पर 174 की कार्रवाई की है। 
ओंकार सिंह बराड़, एसएचओ जीरकपुर 

यह मामला मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, बल्कि एसडीएम मोहाली के अधीन आता है। हमने मौके पर अपनी टीम भेज दी थी। 
स्वाति टिवाणा, एसडीएम डेराबस्सी