शिवराज सिंह पर हुआ केस, 10 करोड़ की हो रही डिमांड, जाने क्या है मामला?

शिवराज सिंह पर हुआ केस, 10 करोड़ की हो रही डिमांड, जाने क्या है मामला?

2021 के पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगाया।

 

Shivraj singh chauhan: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने पूर्व के उसे आदेश की अवधि बढ़ा दी जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस सांसद विवेक तंखा द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में अधीनस्थ अदालत के समक्ष व्यक्तिगत पेशी से छूट दी गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता तंखा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीडी शर्मा तथा पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने राजनीतिक लाभ के लिए उनके खिलाफ समन्वित दुर्भाग्यपूर्ण झूठ और मानहानि कारक अभियान चलाया और मध्य प्रदेश में 2021 के पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगाया। तो आइए थोड़े विस्तार से जानतें है क्या है पूरा मामला।

 

क्या है मामला?

 

तनख्वाह ने अधीनस्थ अदालत में अपनी शिकायत में कहा था कि 2021 में मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले मानहानि कारक बयान दिए गए थे उन्होंने कहा कि शेर अदालत के 17 दिसंबर 2021 के आदेश के बाद भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि उन्होंने स्थानीय निकाय चावन में ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण का विरोध किया था जिससे उनके प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। तनक की याचिका में 10 करोड रुपए की हार जाने और भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया है भाजपा नेताओं ने हाई कोर्ट में आरोपी का खंडन किया और दलील दी की तनक द्वारा संलग्न समाचार पत्रों की कतार ने मानहानि की शिकायत का आधार नहीं बन सकती और अधीनस्थ अदालत इसका संज्ञान नहीं ले सकती।

 

26 मार्च को होगी सुनवाई

आज सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एमएम सुंदरेष और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंचीनी चौहान और भाजपा के दो अन्य नेताओं की याचिका पर सुनवाई 26 मार्च तक डाल दी। सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के 25 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ चौहान की अपील पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था चौहान के तरफ से पर भी वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने की तब जब की तनख्वाह की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अधिवक्ता समीर सॉरी ने पैरवी की जेठमलानी ने दलील दी थी कि ऐसा कभी नहीं सुना गया है कि सामान से जुड़े मामले में अदालत ने जमानती वारंट जारी किया जिसमें पक्ष कर अपने वकील के माध्यम से पेश हो सकते हैं।